नोवरा संस्था का खुलासा , फेल होता जा रहा है ‘नोएडा सिटीजन चार्टर’, प्राधिकरण ने महज़ 20 प्रतिशत समस्याओं का किया निस्तारण

ABHISHEK SHARMA

नोएडा – शहर की सामाजिक संस्था नोएडा विलेज रेसिडेंट्स एसोसिएशन द्वारा प्राधिकरण पर आरोप लगाया है, समय पर आम जनता की समस्याएं सुलझाने हेतु बनाई गई ‘सिटीजन चार्टर ‘ आज नोएडा की मनमानी एवं लचर रवैय्ये से फेल होती नज़र आ रही है।

 

नोएडा प्राधिकरण द्वारा सिटीजन चार्टर पोर्टल पर पब्लिक रिपोर्ट उत्पन्न करने के विकल्प से नोवरा द्वारा जब यह जानकारी लेनी चाही की 25 मार्च 2020 से आज दिनांक 20 अगस्त 2020 तक कितनी शिकायतें सिटीजन चार्टर पर प्राप्त हुई एवं कितने का समय पर निस्तारण हुआ तो कई चौंकाने वाले खुलासे हुए।

नोवरा अध्यक्ष रंजन तोमर ने बताया कि इस समयावधि में 6583 शिकायतें प्राधिकरण द्वारा पंजीकृत की गई, जिनमें से मात्र 1363 का ही वह समय से निस्तारण कर पाए , अर्थात लगभग 20 प्रतिशत समस्याओं का ही निस्तारण समय से हो पाया। जो की एक समय के साथ प्रतिशत की दर से सुलझाए जाते थे।

गौरतलब है कि समयावधि एवं समयावधि के बाद समस्याओं के निस्तारण का प्रतिशत दिसंबर 2016 में समाजसेवी एवं नोवरा अध्यक्ष रंजन तोमर की आरटीआई से तकरीबन 96 प्रतिशत था जो अब घटकर 47 प्रतिशत तक आ गया है। यानी के आधी से ज़्यादा शिकायतें लंबित ही पड़ी रहती हैं।

उनका कहना है कि हॉर्टिकल्चर एवं जन स्वास्थ्य जैसे विभागों में ऐसे भी डिवीज़न हैं, जहाँ एक भी शिकायत का निस्तारण न समय से हुआ न ही समय के बाद बल्कि वह सभी लंबित हैं। यह कोरोना काल में भी बेहद चौंकाने वाला है।

 

बेहद अहम है सिटीजन चार्टर
रंजन तोमर का कहना है कि शहर की दशा और दिशा बदलने हेतु सिटीजन चार्टर बेहद आवश्यक है। एक निश्चित समयावधि में समस्याओं का निस्तारण करने का वादा करने वाला प्राधिकरण इस समय पूर्ण रूप से फ़ैल होता नज़र आया है। रंजन तोमर ने कहा कि इसी से पता चलता है कि प्राधिकरण नगरीय सुविधाएं देने में विफल रहा है।

 

नोवरा के अनुसार सिटीजन चार्टर मॉडल पूरी दुनिया में सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने का एक सफल प्रयोग था, लेकिन नोएडा प्राधिकरण द्वारा इसे मृत किया जा रहा है और वह ऐसा होने नहीं देंगे। प्राधिकरण द्वारा सिटीजन चार्टर के तहत समयावधि में समस्याओं के निस्तारण न करने पर अधिकारीयों के खिलाफ एक्शन न लिए जाने से भी यह नौबत आई है।

नगर निगम की है ज़रूरत
नोवरा के अनुसार संस्था लगातार क्षेत्र के लोकतान्त्रिक अधिकारों की लड़ाई लड़ती रहेगी एवं प्राधिकरण के इस रवैय्ये के कारण क्षेत्र को होते नुकसान के खिलाफ भी मोर्चा जारी रखेगी। प्राधिकरण के फेल होने के कारण एक ही विकल्प यहाँ दिखाई देता है जो नोवरा द्वारा बार बार उठाई गई नगर निगम की मांग है।

संस्था के अध्यक्ष रंजन तोमर ने कहा कि प्राधिकरण मुख्य रूप से एक औद्योगिक संस्था है , इसका मुख्य उद्देश्य ही उद्योगों की स्थापना एवं उनका विकास है। जिसके कारण नगरीय सुविधाओं में उसका फिसड्डी होना साधारण ही बात है।

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