कांग्रेस का आरोप , सैनिकों की आधी पेंशन काट सेना का मनोबल गिरा रही मोदी सरकार
ROHIT SHARMA
नई दिल्ली :– कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता रणदीप सुरजेवाला ने मोदी सरकार पर निशाना साधा , उन्होंने आज प्रेस वार्ता करते हुए कहा कि मोदी सरकार सेना के अधिकारियों से धोखा व हितों पर कुठाराघात कर रही है । सैन्य अफसरों की आधी पेंशन काट सेना का मनोबल मोदी सरकार गिरा रही है ।
रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि सेना पर मोदी सरकार के ताज़े हमले की इस प्रस्तावना ने झूठे राष्ट्रवादियों का सेना विरोधी चेहरा उजागर कर दिया है। उन्होंने कहा, ‘शहीद सैनिकों की वीरता और राष्ट्रवाद के नाम पर वोट बटोरने वाली मोदी सरकार देश के इतिहास की पहली सरकार बनने जा रही है, जो सीमा पर रोजाना अपनी जान की बाजी लगाने वाले सैन्य अफसरों की पेंशन काटने और ‘सक्रिय सेवा’ के बाद उनके दूसरे करियर विकल्प पर डाका डालने की तैयारी में है।
इस बारे बाकायदा 29 अक्टूबर, 2020 के पत्र से प्रस्ताव मांगा गया है। सुरजेवाला ने कहा, ‘एक तरफ तो स्वांग रच प्रधानमंत्री मोदी सेना के लिए दिया जलाने की बात करते हैं और दूसरी तरफ साहसी और बहादुर सैन्य अफसरों की पेंशन काट अंधेरा फैलाने का दुस्साहस कर रहे हैं. यही भाजपा का झूठा राष्ट्रवाद है।
रणदीप सुरजेवाला ने सेना को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा है । उन्होंने कहा कि सेना में भर्ती यानि ‘सैन्य कमीशन’ के समय ‘इंडियन मिलिटरी एकेडमी’ में हर अधिकारी से 20 साल का अनिवार्य सर्विस बॉन्ड भरवाया जाता है। 20 साल की सेवा के बाद सैन्य अफसर यानि 20 साल की सेवा पूरी होने पर जो मूल तनख्वाह मिल रही हो, उसकी 50 प्रतिशत पेंशन पाने का हकदार है. परंतु मोदी सरकार का ताजा सेना विरोधी प्रस्ताव में उस 50 प्रतिशत पेंशन को भी आधी कर देने का है।
उदाहरण के तौर पर यदि 20 साल की सेवा उपरांत किसी सैन्य अधिकारी को आखिरी मूल तनख्वाह 1,00,000 रु. प्रति माह थी, तो पिछले 73 वर्षों से उसकी पेंशन 50,000 रु. प्रति माह मिलनी सुनिश्चित है, यानि आखिरी मूल तनख्वाह का 50 प्रतिशत. पर मोदी सरकार का नया प्रस्ताव अब सैन्य अधिकारी की पेंशन 50,000 रु. प्रतिमाह से घटाकर 25,000रु. प्रतिमाह कर देगा।
अपनी जान की बाजी लगाकर देश की सेवा करने वाले अधिकारियों की आधी पेंशन काटने की ऐसी निर्मम और निर्दयी प्रस्तावना केवल सेना विरोधी मोदी सरकार ही कर सकती है ।
रणदीप सुरजेवाला ने बताए मोदी सरकार के सेना विरोधी कार्य:-
1. मोदी सरकार ने आज तक ‘वन रैंक, वन पेंशन’ लागू नहीं की.
2. मोदी सरकार ने सेना की ‘नॉन फंक्शनल यूटिलिटी बेनेफिट स्कीम’ खत्म कर दी, जिसे कांग्रेस की सरकार ने लागू किया था ताकि ऑटत्रोमैटिक टाईम बाउंड पे प्रमोशन हो सकें.
3. यहां तक कि मोदी सरकार ने सेना की कैंटीन से सैनिकों द्वारा इस्तेमाल के लिए खरीदे जाने वाले सामान की मात्रा पर भी सीमा लगा दी. चार साल अदालती मुकदमों के बाद ही यह निर्णय वापस हो पाया.
4. मोदी सरकार ने सियाचिन और लद्दाख में सैनिकों के लिए खरीदे जाने वाले सर्दी के ईक्विपमेंट, जूते, बुलेटप्रूफ जैकेट की खरीद में भयंकर देरी की.
5. मोदी सरकार ने ’डिसएबिलिटी पेंशन’ पाने वाले सेना के अधिकारियों तथा सैनिकों पर टैक्स लगा दिया.
6. मोदी सरकार ने देश की सेवा करने वाले अधिकारियों और सैनिकों की मेडिकल सुविधा खत्म कर दी.
7. यहां तक कि 70,000 सैनिकों वाली माउंटेन कोर, जो चीन की सीमा पर देश की रक्षा के लिए तैनात की जानी थी, का गठन भी मोदी सरकार ने पैसे की कमी बताकर खारिज कर दिया और अब सेना पर मोदी सरकार के ताजे हमले की इस प्रस्तावना ने झूठे राष्ट्रवादियों का सेना विरोधी चेहरा उजागर कर दिया है ।
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