बीजेपी सरकार धन शक्ति और बलपूर्वक लोकतंत्र की हत्या करने में लगी हुई है : पवन खेड़ा

Abhishek Sharma / Rahul Kumar Jha

Galgotias Ad

भारत संचार नगर लिमिटेड (बीएसएनएल) और एमटीएनएल की बिगड़ती स्थिति को लेकर आल इंडिया कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने आज बीजेपी पर जमकर निशाना साधा। इन कंपनियों की हालत सुधारने के लिए कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि इन कंपनियों को कांग्रेस ने देश में स्थापित किया था , एक समय पर टेलीकॉम कंपनी दूर संचार में भारत की रीढ़ की हड्डी होती थी। लेकिन पिछले पांच सालों में कंपनियों की स्थिति बेहद दयनीय है।


उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि मोदी सरकार बीएसएनएल एवं एमटीएनएल को ‘धीमा जहर’ दे रही है। उन्होंने यह दावा भी किया कि निजी संचार कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए ‘सूटबूट वाली सरकार’ भारत में संचार क्रांति की सूत्रधार रहीं इन दोनों सरकारी कंपनियों को बंद करने की साजिश रच रही है।

पवन खेड़ा ने कहा, ”नरेंद्र मोदी का मॉडल सरकारी धन से अपने पूंजीपती मित्रों को बचाना और सरकारी कंपनियों को डुबाना है। प्रधानमंत्री दशकों से फायदे में चली आ रही कंपनियों को बंद करने की साजिश कर रहे हैं। हम विशेष रूप से बीएसएनएल और एमटीएनल के संदर्भ में यह बात कर रहे हैं।”

आंकड़े बताते हुए उन्होंने कहा की बीएसएनएल को पिछले पांच सालों में 11,228 करोड़ का नुकसान हुआ है। जबकि पिछले साल में 3,990 करोड़ का नुकसान उठाना पड़ा है।

उन्होंने आगे कहा कि अब ऐसा समय आ गया है कि एमटीएनएल के कर्मचारियों की रोजी-रोटी भी खतरे में पड़ गई है। सूटबूट की सरकार चुनिंदा उद्योगपतियों को जनता के पैसे से प्रोत्साहन पैकेज देती है, लेकिन बीएसएनल एवं एमटीएनएल को बंद करने की साजिश कर रही है। इस सरकार की पूरी कोशिश सरकारी कंपनियों को खत्म करने की है।” जहाँ अन्य प्राइवेट टेलीकॉम कंपनियां 5जी तक पहुँच चुकी हैं , वहीँ बीजेपी ने इन कंपनियों की ऐसा हालत कर दी है कि ये 3जी से आगे ही नहीं बढ़ पा रही हैं। आज के समय में एमटीएनएल के 45 हजार कर्मचारी और बीएसएनएल के पौने दो लाख कर्मचरियों की रोजी-रोटी खतरे में है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस इन सभी कर्मचारियों की मांग उठाएगी और इनको न्याय दिलाएगी। बीजेपी की सरकार में लोकतंत्र की लगातार हत्या हो रही है और यह सब देश की जनता भी देख रही है।

Leave A Reply

Your email address will not be published.