दिल्ली :– राज्य में किसी भी पार्टी की सरकार हो , मुख्यमंत्री कहते है की उनके राज्य में महिला सुरक्षित है , लेकिन धरालत पर देखे तो ऐसा कुछ भी नहीं है | आपको बता दे की देश में लगातार महिलाओं के साथ हो रहे अत्याचारों के दरमियां उत्तर प्रदेश में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। खासबात यह है की इस मामले का बारे में मीडिया को तब पता चला , जब दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने इस संबध में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर महिला के लिए न्याय की मांग की है। उन्होने इस पत्र में लिखा है, ‘यह पत्र डीसीडब्ल्यू की ओर से हापुड़ की सामूहिक बलात्कार की एक पीड़िता से संबंधित है। पीड़िता को हापुड़ में यूपी पुलिस के हाथों असहनीय उत्पीड़न का सामना करना पड़ा, बार-बार शिकायत करने पर भी पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने से इनकार कर दिया।
इस खबर को पड़ेंगे तो आपके रहु काँप जाएंगे , मामला है उत्तरप्रदेश के जिला हापुड़ का | दरअसल उत्तर प्रदेश के हापुड़ में 28-29 साल की एक महिला कि जींदगी उसके पति की मौत के बाद नर्क बन गयी है। विधवा को उसके पिता और चाची ने मात्र 10 हजार रुपये के लिए बेच दिया, जहां उसके रखवाले और उसके दोस्तों ने उसके साथ कथित तौर पर बलात्कार किया।
वहीं चौंका देने वाली खबर ये है कि जब महिला मदद के लिए वह पुलिस के पास गई तो वहां से उसे भगा दिया गया। पुलिस के इस रवैये से परेशान महिला ने जिंदगी से हार मान ली और पिछले महीने खुद को आग के हवाले कर दिया। महिला का शरीर करीब 80 फीसदी तक जल गया है। और वह दिल्ली के एक प्राइवेट अस्पताल में जिंदगी-मौत के बीच जंग लड़ रही है।
दरअसल उत्तर प्रदेश के हापुड़ में एक महिला को उसके पति की मौत के बाद बेच दिया गया था। जिस खरिददार शख्स ने महिला को खरीदा उसने दूसरे लोगों से कर्ज लिया था और बदले में महिला को अपने साहूकारों के यहां घरेलू नौकर के रूप में भेज देता था। जहां उसके साथ कई बार उत्पीड़न और बलात्कार किया जाता था। वही जब ये मामला उठने लगा तो हापुड़ के एसपी यशवीर सिंह ने 14 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की ।
डीसीडब्ल्यू के पत्र में लिखा है, ‘यूपी पुलिस के संवेदनहीन और शर्मनाक रवैये की वजह से पीड़िता खुद ने खुद को आग के हवाले कर लिया। दिल्ली के एक अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है।’ पत्र में लिखा है कि पीड़िता को कथित रूप से 10 हजार रुपये के लिए हापुड़ के रहने वाले एक शख्स को बेच दिया गया। उस शख्स ने कई लोगों से कर्ज लिया था और बदले में वह पीड़िता को बिना मेहनताना के उनके यहां घरेलू काम करने के लिए मजबूर करता था। यहां पीड़िता के साथ कई बार उत्पीड़न और गैंगरेप किया गया।