दिल्ली हिंसा पीड़ितों को कोरोना से बचाने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट ने केजरीवाल सरकार को दिया आदेश
Rohit Sharma / Lokesh Goswami Tennews
नई दिल्ली :– दिल्ली हिंसा में बेघर हुए लोगों को दोतरफा मार झेलनी पड़ी है । एक तरफ हिंसा में उनका सब कुछ उजड़ गया है तो दूसरी तरफ अब कोरोना वायरस से उन्हें अपनी जिंदगी बचाने के लिए लाले पड़े हैं। ऐसे में दिल्ली हाईकोर्ट ने हिंसा पीड़ित 600 लोगों का कोरोना वायरस के मद्देनजर मेडिकल चेकअप और टेस्ट करने आदेश दिल्ली की केजरीवाल सरकार को दिया है ।
दिल्ली हाईकोर्ट ने सरकार को आदेश दिया है कि हिंसा में बेघर हुए लोगों के लिए पुराने मुस्तफाबाद इलाके में बनाए गए ईदगाह राहत शिविर में कोरोना संक्रमण से बचाव की पर्याप्त सुविधाएं दें ,प्रशिक्षित डॉक्टरों की एक टीम को हिंसा पीड़ित शिविर में भेजा जाए ।
कोर्ट ने कहा है कि स्वास्थ्य सेवाएं 48 घंटे के अंदर इन सभी लोगों को मुहैया कराई जाएं. उन्हें पर्याप्त दवाईयों के साथ जन स्वास्थ्य अधिकारी और उपकरणों समेत अन्य चीजों की व्यवस्था की जाए. ये सभी 600 लोग वो हैं जो दिल्ली में हुए दंगों के दौरान अपना घर खो चुके थे और फिलहाल शेल्टर होम में रह रहे हैं ।
बता दें कि मुस्तफाबाद ईदगाह शिविर में रह रहे लोगों में कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने की आशंका को देखते हुए अर्जेंट याचिका दायर कर सुरक्षा प्रदान करने का निर्देश दिल्ली सरकार को देने का आग्रह किया गया था ।
याचिका में कहा गया था कि यहां 600 लोग रह रहे हैं वह स्वास्थ्य की दृष्टि से बेहद हानिकारक है , कोरोना वायरस के मद्देनजर इस जगह पर संक्रमण का खतरा बेहद ज्यादा है । इस पर न्यायमूर्ति हीमा कोहली और न्यायमूर्ति सुब्रमणियम प्रसाद की खंडपीठ ने सुनवाई कर दिल्ली सरकार को निर्देश दिए ।
कोर्ट ने इलाके की एमसीडी को इस हिंसा पीड़ितों के शिविर के इलाके में तुरंत सफाईकर्मी भेजकर इस पूरी जगह को सैनिटाइज करने के भी निर्देश दिए हैं । हिंसा पीड़ित सभी लोग इस कैंप में 2 मार्च से रह रहे हैं. याचिकाकर्ता का कहना है कि जिन हालातों में इतने सारे लोग एक साथ रह रहे हैं. मेडिकल सुविधाओं के अभाव में संक्रमण का खतरा बेहद बढ़ सकता है ।
हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि मुस्तफाबाद के कैंप में पर्याप्त टॉयलेट रखे जाएं और उनकी साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखा जाए. इसके अलावा मोबाइल एंबुलेंस और फायर की सुविधाएं भी मुहैया कराई जाएं. कोर्ट इस मामले में अगली सुनवाई 12 अप्रैल को दोबारा करेगी ।