नई दिल्ली :- दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण के 1,035 नए मरीज मिलने के बाद यहां संक्रमितों की कुल संख्या 1.33 लाख के पार पहुंच गई गई है। दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी हेल्थ बुलेटिन के अनुसार, बीते 24 घंटे में जहां कोरोना के 1,035 नए मरीज मिले हैं वहीं, 26 मरीजों को अपनी जान भी गंवानी पड़ी है।
आपको बता दे की दिल्ली समेत पुरे देश में कोरोना महामारी के दौरान आपराधिक घटनाएं बढ़ी है , जिसका मुख्य कारण बेरोजगारी है | आज के समय दिल्ली में रोजाना वारदातें बढ़ रही है , जिसके कारण लोग अपने आपको महफूज नहीं समझ रहे है | वही इस मामले में आज टेन न्यूज़ नेटवर्क द्वारा परिचर्चा की गई , जिसका विषय ” बढ़ता अपराध और पुलिस की भूमिका ” रहा है |
इस लॉकडाउन में टेन न्यूज़ नेटवर्क वेबिनार के माध्यम से लोगों को जागरूक कर रहा है , साथ ही लोगों के मन में चल रहे सवालों के जवाब विशेषज्ञों द्वारा दिए जा रहे हैं। आपको बता दे कि टेन न्यूज़ नेटवर्क ने “परिचर्चा ” कार्यक्रम शुरू किया है , जो टेन न्यूज़ नेटवर्क के यूट्यूब और फेसबुक पर लाइव किया जाता है।
वही इस कार्यक्रम का संचालन दिल्ली के बहुत बड़े समाजसेवक व सेव अवर सिटी अभियान के संयोजक राजीव काकरिया ने किया | वही इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में दिल्ली पुलिस के रिटायर्ड एसीपी व दिल्ली पुलिस महासंघ के अध्यक्ष वेद भूषण , एसपी-चेतना संस्था के अध्यक्ष व पर्यावरण एक्टिविस्ट अनिल सूद , दिल्ली रामजस कॉलेज के प्रोफेसर डॉ धनी राम ,ग्रीन पार्क एक्सटेंशन एसोसिएशन के महासचिव नेहा पूरी, , अधिवक्ता विकास कक्कड़ और जॉइंट आरडब्ल्यूए फोरम के महासचिव पंकज अग्रवाल शामिल रहे ।
सेव अवर सिटी संस्था के संयोजक राजीव काकरिया ने इस कार्यक्रम में एक विशेष बात पर जोर दिया , उन्होंने कहा की बड़े और छोटे अपराध की पीछे हमारे परिवार की ही संलिप्ता पायी जाती है | साथ ही उन्होंने पैनलों से महत्वपूर्ण प्रश्न पूछे , जिसका जवाब पैनलों द्वारा दिया गया ।
दिल्ली पुलिस के रिटायर्ड एसीपी व दिल्ली पुलिस महासंघ के अध्यक्ष वेद भूषण ने कहा कि देश को 70 साल आजाद को हो गए हैं , परंतु अभी भी पुलिस में जो रिफॉर्म्स आने थे जिनकी आप छोटे-छोटे अपराध की बात कर रहे हैं , स्ट्रीट क्राइम की बात कर रहे हैं , उनको शॉट आउट करने से पहले समझना होगा कि पुलिस का फेलियर क्यों है।
आप देखिए सुप्रीम कोर्ट में एक हमारे पुलिस ऑफिसर रिटायर डीजी ने पिटिशन फाइल कर रखी है , पुलिस रिफॉर्म्स के लिए , लेकिन सुप्रीम कोर्ट है इस मामले में कोई विचार नहीं किया। 2006 में सुप्रीम कोर्ट ने गाइडलाइन जारी की थी स्पेशल मेट्रो पॉलीसिटी के लिए, दिल्ली के अंदर तमाम देशों की एंबेसी है , विदेशों के लोग दिल्ली में रहते हैं पूरी दुनिया के लोग रिप्रेजेंटेशन है , उसके अलावा रोजाना 30 से 40 लाख लोग दिल्ली में आते हैं और क्राइम करके जाते हैं ।
परंतु अभी भी जो सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस थी जिस तरह जिस तरह मेट्रो पॉलीसिटी की पुलिस को काम करना चाहिए था उसके लिए वह चीज मुहैया नहीं करवाई गई । सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस में कहा गया था क्राइम , लॉ एंड ऑर्डर को अलग रखा जाएगा । 2006 से अब 2020 आ गया है कांग्रेेेस और बीजेपी दोनों पार्टी इस सिस्टम में फेलियर है तमाम सभी पार्टी अपराध को लेकर फेलियर है उन्हें सिर्फ राजनीति करनी आती है ना कि पुलिस रिफॉर्म को मजबूत करने में ।
पूरे देश भर में अपराधियों को कानून का भय बिल्कुल नहीं है। यह लोग जब चाहे जहां चाहे अपने मंसूबे पूरे कर सकते हें. भ्रष्ट अफसरशाही , राजनेताओं का संरक्षण पकर यह दिनो दिन फलीभूत हो रहें हें ।
अगर ग़ोर से विचार किया जाये तो इस सब की वजह एक से हमारी सरकारों द्वारा जनता का मुफ्त में दी गई सुविधाए दोषी हें. वोटा बैंक की राजनीति के चलते देश को एक नकारा ओर मक्कर लोगो की भीड़ में तब्दील कर दिया गया है।
आज गरीबों के नाम पर मुफ्त गेहूँ, चावल, बिजली, पानी, पढ़ाई, चिकित्सा, शादी, ब्याह से लेकर मरने तक का सामान जनता को मुफ्त में मिल रहा है. इस मुफ्त के माल के मजे लेने के चक्कर में आदमी को मेहनत का मूल्य पता नहीं चलता है ओर वह हर चीज को आसानी से प्राप्त करने की कोशिस करता है, इस के लिये वह कानून को धत्ता बताकर खुलेआम अपराध करता है।
विकास दुबे जैसे अपराधी पेरोल पर बाहर आ जाते है , जो बिल्कुल नही होना चाहिए । पुलिस अपराधी को पकड़कर जेल भेजती है और अपराधी पैरोल पर बाहर आकर फिर से बड़ी वारदात को अंजाम दे रहे है ।
ग्रीन पार्क एक्सटेंशन एसोसिएशन के महासचिव नेहा पूरी ने बताया इस कोरोना महामारी में बहुत से लोग बेरोजगार हो गए है , जिसके कारण अपराध की संख्या बढ़ी हुई है । आज के समय मे देखा जाए तो लूट , चोरी और डकैती जैसी तमाम वारदात हो रही है । इस समय महिला को अकेला घूमना बहुत ज्यादा रिस्क हो रहा है , क्योंकि चैन स्नेचिंग बढ़ रही है ।
आपने देखा होगा कि मार्किट में बच्चों से लेकर बड़ों तक भिखारी बनकर भीख माँगते है , साथ ही पर्स को जबरदस्ती खेचते है ,जिससे उन्हें पैसे मिल सके , लेकिन वो रेकी करते है आखिर किस व्यक्ति के पास पैसे ज्यादा है , जिसकी जानकारी वो अपने साथियों को देते है , जिसके बाद बड़ी वारदात उस सख्स के साथ होती है ।
जॉइंट आरडब्ल्यूए फोरम के महासचिव पंकज अग्रवाल का कहना है कि चैन , मोबाइल स्नैचिंग और कार की चोरियां लगातार बढ़ती जा रही हैं , जिसका कारण पुलिस और हमारी लापरवाही है । पहला हमारी लापरवाही यह है कि आप गोल्ड पहनकर बहार सड़क पर घूम रहे हैं , इसके कारण आप खुद ही बदमाशों को मौका दे रहे हैं । वही मोबाइल की बात की जाए तो अधिकतर देखा गया है कि लोग सड़कों पर मोबाइल से बात करते हुए जा रहे हैं , जिससे बदमाश आसानी से मोबाइल छीन कर भाग जाता है । वही कार चोरियों के मामले सामने आते हैं जिसकी वजह है हमारी लापरवाही है ।
अधिकतर देखा गया है की कार को पार्किंग में ना खड़ा करके सड़क पर खड़ा कर देते हैं जिसके कारण गाड़ियां आसानी से चोरी हो जाती हैं।
वहीं दूसरी तरफ पुलिस की लापरवाही भी सामने आती है क्योंकि ज्यादा से ज्यादा गस्त ना होने की वजह से बदमाशों के हौसले बुलंद होते हैं। उन्होंने कहा कि बढ़ते अपराध को कैसे रोका जाए , जिसको लेकर पुलिस और आरडब्ल्यूए की बैठक होनी चाहिए।
एसपी-चेतना संस्था के अध्यक्ष व पर्यावरण एक्टिविस्ट अनिल सूद ने कहा चेन पुलिग की घटनाएं कम नहीं हो रहीं है। ऐसे में सबसे पहले चेन पुलिग वाले स्थानों की पहचान करें, फिर उसके कारण का पता लगाकर उस क्षेत्र में काउंसिलिग करें । समझा-बुझाकर समस्याओं को सुलझाने से घटनाओं पर रोक लगाई जा सकती है। बड़े अपराधों को रोकने के लिए सबसे पहले छोटे अपराधों को रोकना होगा।
छोटी घटना करने वाले अपराधियों को उचित दंड और मार्ग दर्शन देकर उन्हें अपराध से दूर करने से यह संभव हो सकेगा । अपराध रोकने के लिए कई उपाय आजमाए जाते हैं। लेकिन अपराध रोकने का सबसे अच्छा उपाय है कि लोगों में नैतिक और मानवीय मूल्यों को जाग्रत किया जाए। ये मूल्य सिर्फ और सिर्फ अध्यात्म के जरिए ही पैदा हो सकते हैं। अध्यात्म किसी विशेष धर्म से संबंधित नहीं हैं, बल्कि अध्यात्म सकारात्मक बातों का वह पिटारा है। जो जिंदगी को खुशियों से भर देता है।
स्कूलों में नैतिक शिक्षा और मानवीय मूल्यों का पाठ उदाहरणों के जरिए पढ़ाया जाए। इसके लिए अभिभावक स्कूलों में इस तरह के पाठ्यक्रमों या विशेष कक्षाओं की महत्ता के बारे में स्कूलों में होने वाली पेरेंट्स मीटिंग में राय दे सकते हैं।
अपराध का मूल वजह है, बच्चों को सही समय न दे पाना। हाल ही में साइको किलर के उदयन के केस में सामने आई। यानी बच्चे अगर गलती करते हैं तो उन्हें डांटिए। लेकिन उन्होंने जो गलती की है। उसके बारे में बताइए, ताकि बच्चे फिर से वह गलती न करें।
अधिवक्ता विकास कक्कड़ का कहना है कि पुलिस अपराध को रोकने में हमेशा नाकाम रहती है , क्योंकि अपराधियों को पुलिस और राजनेताओं का संरक्षण मिला हुआ है , यही कारण है कि आज अपराध चरम सीमा पर है । साथ ही उन्होंने कहा कोर्ट द्वारा अपराधियों को सख्त सजा दी जाती है,लेकिन पुलिस द्वारा दाखिल चार्जशीट में कुछ खास न होने की वजह से अपराधी को आसानी से जमानत मिल जाती है। उन्होंने कहा कि पुलिस के हाथ मे है कि वो अपराधी के खिलाफ किन किन धाराओं में मुकदमा दर्ज करती है , जिससे अपराधी को जमानत न मिल सके ।