नई दिल्ली :– केंद्र की मोदी सरकार के द्वारा लाया गया जीएनसीटी एक्ट संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा में पारित होने के बाद अब कानून बन गया है। इस एक्ट के तहत अब दिल्ली की केजरीवाल सरकार को अपने हर फैसले से पहले लेफ्टिनेंट गवर्नर से अनुमति लेनी होगी। आसान भाषा में कहा जाए तो इस एक्ट से केंद्र सरकार में केजरीवाल सरकार के और पावर कट कर दिए हैं।
इस एक्ट के सिर्फ चर्चा में आने के बाद से ही आम आदमी पार्टी लगातार केंद्र की मोदी सरकार पर हमलावर है, जिसके तहत 2 दिन पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनकी पूरी कैबिनेट ने दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना प्रदर्शन भी किया था।
लेकिन वह कहते हैं की जिसकी लाठी उसकी भैंस तो संख्या बल के आधार पर बीजेपी ने अब इस बिल को राज्यसभा से भी पास करवा लिया, जिसके बाद अब यह कानून बन गया है। हालांकि आम आदमी पार्टी का विरोध लगातार जारी है और उनका कहना है कि अगर इस तरीके से एलजी को ही दिल्ली का बॉस बनाना था तो फिर दिल्ली में चुनाव ही नहीं होने चाहिए।
वहीं बीजेपी का कहना है की इस कानून से अब देशद्रोहियों की खैर नहीं बीजेपी जहां एक और इसे अपनी जीत मान रही है तो वहीं दिल्ली की जनता का क्या कुछ कहना है इसे लेकर टेन न्यूज़ की टीम ने दिल्ली के लोगों से खास बातचीत की। दिल्ली की जनता के मुताबिक यह बिल दिल्ली सरकार के अधिकार छीनने वाला है और ऐसे में सवाल लोकतंत्र पर भी खड़ा होता है , वहीं बहुत से लोग ऐसे भी मिले जिन्होंने इस बिल का समर्थन किया।
दिल्ली में रहने वाले लोगों का कहना है कि जो दिल्ली के मुख्यमंत्री जनता के हित मे योजनाएं ला रहे है , वो बन्द हो जाएगी , साथ ही विकास को लेकर एलजी और मुख्यमंत्री के बीच खींचतान शुरू हो जाएगी , जिससे दिल्लीवासियों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा।