दिल्ली :– एक सितंबर से नया मोटर व्हीकल एक्ट 2019 लागू होने के बाद हजारों की संख्या में वाहन चालकों के चालान हो चुके हैं। आलम यह है कि प्रदूषण सर्टिफिकेट और ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए केंद्रों पर लंबी-लंबी लाइन लग रही हैं।
इस बीच गुजरात सरकार की ओर से ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन के 24 मामलों में जुर्माने की दर 90 फीसद तक कम कर दी गई है। इसके बाद अब ऐसे कई अन्य राज्य भी फाइन घटाने पर विचार कर रहे हैं, जहां अब तक नए मोटर वीइकल ऐक्ट को लेकर नोटिफिकेशन जारी नहीं हुआ है। इस बीच दिल्ली सरकार भी ऐसे कुछ जुर्माने कम करने पर विचार कर रही है, जिन्हें मौके पर चुकाया जा सकता है।
चालान की रकम कम करने के बाबत दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने इस बाबत इशारा भी किया है। उन्होंने प्रेस वार्ता के दौरान दिल्ली में चालान कम करने के मुद्दे पर कहा कि दूसरे राज्यो के रुझान सामने आने के बाद कुछ जरूरी फैसला लिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि मोटर व्हीकल एक्ट में 61 ऑफेंस हैं। 27 मामलों में दिल्ली सरकार कुछ नहीं कर सकती है, लेकिन 34 मामलों में कंपाउंडिंग अमाउंट में राहत मिल सकती है। काफी डिटेल डिस्कशन हुआ है रोड सेफ्टी से जुड़ा मुद्दा है। किसी स्टेज पर लगा कि कम करना है तो हम करेंगे। आपको बता दें कि मोटर वीइकल ऐक्ट के सेक्शन 200 के तहत कम्पाउंडिंग चालान की राशि संबंधित राज्य सरकारें कम कर सकती हैं।
परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि 1 सितंबर से जो मोटर व्हीकल एक्ट का नोटिफिकेशन जारी हुआ है उसके बाद पॉल्यूशन चेकिंग सेंटर पर लंबी-लंबी कतारें लग रही हैं। दिल्ली में 70 लाख वाहन सड़क पर होते हैं। वहीं, हर रोज केंद्रों पर संख्या 15 हज़ार गाड़ियों से बढ़कर 45 हज़ार हो गई है और यह लगातार बढ़ रही है। उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली में 941 प्रदूषण जांच केंद्र हैं, जिनमें कुछ केंद्रों पर गलत काम भी हुआ है। इसके चलते 2 केंद्रों को निलंबित भी कर दिया गया है।
10 दिन के दौरान 941 केंद्रों का समय सुबह 7 से रात 10 कर दिया गया है। सर्वर भी बढ़ाया गया है। एक घंटे में 3200 आवेदन ही ले सकते थे उसे अब 6000 किया गया है, जिससे हालात बेहतर हो जाएंगे। इसके अलावा और
बताया जा रहा है कि आगामी छह महीने के भीतर दिल्ली में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी सरकार चुनाव को देखते हुए चालान करने को लेकर दांव चल सकती है।
ट्रांसपोर्ट विभाग से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक, नए मोटर व्हीकल एक्ट 2019 के सेक्शन 200 में लगभग 24 ऐसे मामले शामिल हैं, जिनमें जुर्माना राशि तय करने का अधिकार राज्यों को है। मसलन, वाहन चालक, अपने चालान को कोर्ट में चुनौती नहीं देना चाहता तो वह मौके पर ही ट्रेफिक पुलिस को अपना जुर्माना अदा कर सके। राज्यों को यह अधिकार इस कानून में ही दिया गया है तो राज्य इसका उपयोग करना चाहेंगे और दिल्ली भी एक हो सकता है।
यह है नया मोटर व्हीकल एक्ट-2019
बिना ड्राइविंग लाइसेंस के वाहन चलाने पर 5000 रुपये का चालान ट्रैफिक पुलिस काटेगी, पूर्व में यह महज 500 रुपये था।
अगर कोई नाबालिग वाहन चलाता है तो अब 500 रुपये की जगह 1000 रुपये का चालान कटेगा। इसके साथ ही वाहन से किसी भी ट्रैफिक नियम को तोड़ने पर वाहन मालिक के खिलाफ केस चलाने का प्रावधान है।
नए नियमों के मुताबिक शराब पीकर गाड़ी चलाने पर 6 महीने तक की कैद या 10000 रुपये तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है। अगर दूसरी बार ऐसा किया तो 2 साल तक की कैद या 15000 रुपये का जुर्माना किया जा सकता है।
अगर गाड़ी तेज चलाई तो ओवरस्पीडिंग पर 1000 रुपये से 2000 रुपये तक का चालान काटा जाएगा। एलएमवी के लिए जुर्माना 400 रुपये से बढ़ाकर 1000 रुपये और मीडियम पैसेंजर व्हीकल के लिए 2 000 रुपये किया गया है।
बिना सीट बेल्ट गाड़ी चलाने पर 100 रुपये की जगह 1000 रुपये का चालान कटेगा।
मोबाइल पर बात करते हुए ड्राइविंग करने पर 1000 रुपये की जगह 5000 रुपये तक फाइन लगेगा।
सड़क नियमों को तोड़ने पर 100 रुपये की जगह 500 रुपये का चालान कर दिया गया है।
दुपहिया वाहन पर ओवरलोडिंग करने पर 100 रुपये की जगह 2000 का चालान और 3 साल के लिए लाइसेंस निलंबित करने का प्रावधान है।
बिना इंश्योरेंस के ड्राइविंग पर 1000 की जगह 2000 रुपये का चालान कटेगा।
इमरजेंसी व्हीकल को रास्ता न देने पर एक हजार रुपये का चालान कटेगा और ओवरसाइज्ड व्हीकल पर 5 हजार रुपये का चालान कटेगा।
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