मास्टर प्लान बदला तो बर्बाद हो जाएगी दिल्ली, टेन न्यूज के फेस टू फेस कार्यक्रम मे बोले राजीव काकरिया

Rohit Sharma

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नई दिल्ली :– दिल्ली में पिछले 24 घण्टे में कोरोना के 1859 मामले सामने आए हैं | राजधानी में कोरोना के कुल मामले बढ़कर 44,688 हो गए हैं. पिछले 24 घंटों में 93 मरीजों की मौत हुई है. किसी भी एक दिन में हुई मौत की अब तक की सबसे बड़ी संख्या है ,.दिल्ली में कुल मौत का आंकड़ा 1837 हो गया |

आपको बता दे की दिल्ली में बढ़ते कोरोना के मामले को देख केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली में कोरोना के खिलाफ लड़ाई की कमान अपने हाथ में ले ली है। अब बीजेपी के नेताओं , लोगों समेत कार्यकर्ताओं को उम्मीद है की अब दिल्ली में हालात सुधरेंगे |

इस लॉकडाउन में टेन न्यूज़ नेटवर्क वेबिनार के माध्यम से लोगों को जागरूक कर रहा है , साथ ही लोगों के मन में चल रहे सवालों के जवाब विशेषज्ञों द्वारा दिए जा रहे हैं। आपको बता दे कि टेन न्यूज़ नेटवर्क ने “फेस 2 फेस” कार्यक्रम शुरू किया है , जो टेन न्यूज़ नेटवर्क के यूट्यूब और फेसबुक पर लाइव किया जाता है।

वही “फेस 2 फेस” कार्यक्रम में दिल्ली के बहुत बड़े समाजसेवक व सेव अवर सिटी अभियान के संयोजक राजीव काकरिया ने हिस्सा लिया।वही इस कार्यक्रम का संचालन राघव मल्होत्रा ने किया । फेस 2 फेस कार्यक्रम में दक्षिण दिल्ली के सांसद रमेश बिधूड़ी , दिल्ली के सांसद हंसराज हंस शामिल हो चुके है । साथ ही इस कार्यक्रम के माध्यम से दिल्ली की जनता के सवालों का जवाब भी दिया। सेव अवर सिटी संस्था के संयोजक राजीव काकरिया ने इस कार्यक्रम में एक विशेष बात पर जोर दिया , जिसमे उन्होंने कहा कि लोग शारीरिक दूरी बनाएं, मास्क और हाथ को साबुन से धोते रहे। साथ ही अनावश्यक रूप से घर के बाहर न निकले।

कोरोना को लेकर मार्च में केंद्र और राज्य सरकार चिंतित नहीं थे , लेकिन हमारी आरडब्लूए ने अपनी तैयारी 5 मार्च से शुरू कर दी थी | राजीव काकरिया ने कहा की हमने कोरोना को देखते हुए होली भी नहीं मनाई , हमारे सेक्टर में रह रहे लोगों ने एक दूसरे से दुरी बनाए रखने की आदत डालनी शुरू कर दी थी , जिसका रिजल्ट यह था की अनलॉक 1 से पहले हमारे ग्रेटर कैलाश 1 में कोई भी कोरोना से संक्रमित नहीं था |

दिल्ली की ग्रेटर कैलाश-1 आरडब्ल्यूए के सदस्य और सेव अवर सिटी अभियान के कन्वीनर राजीव काकरिया ने कहा कि दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मरीजों को देखते हुए भी लॉकडाउन में दुकाने खोलने का जो फैसला लिया था वो बिलकुल गलत था | केंद्र और दिल्ली सरकार दोनों हालात से अनजान हैं। रिहायशी इलाकों में दुकानें खोलने से लॉकडाउन का उद्देश्य खत्म हो चूका है।

राजीव काकरिया ने कहा की ग्रेटर कैलाश-1 में लॉकडाउन के दौरान कोई भी कोरोना का मरीज नहीं था , लेकिन जबसे अनलॉक 1 शुरू हुआ है , एक हफ्ते के अंदर एक दर्जन से ज्यादा ग्रेटर कैलाश-1 में कोरोना के मरीज है |

उन्होंने कहा कि कोविड को लेकर दिल्ली में बिगड़ती स्थिति के बीच शहर की कई बड़ी आरडब्ल्यूए के समूह ‘सेव अवर सिटी’ ने सीएम को सुझाव दिए हैं। सीएम केजरीवाल को पत्र लिखकर कहा है कि स्टेडियम और बैंक्विट हॉल में बेड लगाने से काम नहीं चलेगा। बल्कि गंभीर मरीजों के लिए यूनिवर्सिटी, वाईएमसीए हॉस्टल और स्टेट भवन में बेड लगाए जाएं। इसके अलावा होम क्वारंटीन लोगों को तुरंत ऑक्सिजन मिल सके, इसके लिए आरडब्ल्यूए को ऑक्सिजन किट मुहैया करवाई जाए।

कन्वीनर राजीव काकरिया ने बताया कि दिल्ली के लोग बिगड़ते हालातों से डरे हुए हैं। अभी से अस्पतालों और शमशान घाटों से जिस तरह के विडियो सामने आ रहे हैं, वह डराने वाले हैं। लोगों के पास पैसे हैं, लेकिन इसके बावजूद ऑक्सिजन के अभाव में वह दम तोड़ रहे हैं। अस्पतालों में बेड और वेंटिलेटर की कमी है।

खासबात यह है कि राजधानी के अस्पतालों में मरीजों को आ रही दिक्कतों के बाद अब आरडब्ल्यूए होम क्वारंटीन लोगों की मदद के लिए आगे आई हैं। होम क्वारंटीन लोगों के ऑक्सिजन पर नजर रखने के काम के साथ आरडब्ल्यूए अब खुद की ऑक्सिजन मशीन और सिलिंडर रख रही हैं। अगर, किसी मरीज का ऑक्सिजन तेजी से गिरता है, तो उसे अस्पताल दर अस्पताल धक्के न खाने पड़े।

इस मुहिम की शुरुआत ग्रेटर कैलाश की ई-ब्लॉक आरडब्ल्यूए से हुई। आरडब्ल्यूए के सदस्य राजीव काकरिया ने बताया कि कुछ लोग होम क्वारंटीन हैं। उनमें से दो पीड़ितों का रात के समय ऑक्सिजन स्तर गिरने लगा। इसके बाद अस्पताल दर अस्पताल दौड़ शुरू हुई। काफी परेशानी के बाद उन्हें वापस घर आना पड़ा।

उन्होंने कहा कि मरीजों को इस तरह की परेशानी से बचाने के लिए यह प्रयास किए जा रहे हैं। ऐसे समय में जब अस्पताल भी मरीजों को लेने से मना कर रहे हैं, तो आरडब्ल्यूए को कुछ इंतजाम करना चाहिए। इसके बाद तय किया गया कि कुछ ऑक्सिजन की मशीन और सिलिंडर की व्यवस्था की जाए।

राजीव काकरिया ने कहा कि मार्केट में खरीदने के अलावा रेंट पर लेने का भी विकल्प है। मशीनों का ट्रायल भी किया गया। दो मरीजों को काफी राहत मिली। उनका ऑक्सिजन स्तर 80 तक गिर गया था। ऑक्सिजन की वजह से वह वापस 90 से ऊपर आ गया। इस रिजल्ट के बाद ही स्थायी रूप से इसकी व्यवस्था करने की तैयारियां शुरू की गई थी , ताकि ऑक्सिजन की कमी की वजह से किसी मरीज की जान न जाए | वही आज हमारे ग्रेटर कैलाश 1 में दो से ज्यादा ऑक्सिजन की मशीन और सिलिंडर की व्यवस्था है |

राजीव काकरिया ने कहा, “जिस बुलबुले में हम रहते थे, वह फट चुका है।” “आपके पास पैसा हो सकता है। आप कनेक्शन रखने वाले और प्रभावशाली लोगों को जान सकते हैं, लेकिन इसका कोई मतलब नहीं है। आप अभी भी बिस्तर या ऑक्सीजन के इंतजार में मर सकते हैं। ”

उन्होंने कहा: “निश्चित रूप से महत्वपूर्ण देखभाल के लिए बिस्तरों की कमी है। बहुत सारा बुनियादी ढांचा और नियोजन है जो हो रहा है, लेकिन मामलों की भयावहता हम सभी पर भारी है। भारत में गरीबी से त्रस्त और घनी आबादी वाले देश में स्वास्थ्य पर जीडीपी का सिर्फ 1% खर्च करने वाले महामारी के परिणाम दिन पर दिन स्पष्ट होते जा रहे हैं।

अस्पताल प्रति रात 80,000 से लेकर लाखों रूपये तक चार्ज कर रहे हैं, जो कोविद के लक्षणों के साथ भर्ती हैं । यहां तक कि मध्यम वर्ग और गरीब को अनुचित कीमतें देने पड़ रही हैं।

राजीव काकरिया ने कहा कि मास्टर प्लान बदला तो दिल्ली बर्बाद हो जाएगी | आप लोगों की नहीं मान रहे। कोर्ट की भी नहीं मान रहे। सिर्फ वही कर रहे हैं जो आप करना चाहते हैं। दिल्ली को लोकल शॉपिंग कॉम्पलेक्स से नहीं, मिक्स लैंड यूज पॉलिसी से सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। मास्टर प्लान में संशोधन कर हर अवैध कंस्ट्रक्शन को वैध करते जा रहे हैं। ग्रेटर कैलाश इन्हीं सब वजहों से पहाडगंज बन गया है।

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