फीस बढ़ोतरी को लेकर निजी स्कूलों के प्रधानाचार्यों के साथ जिला अधिकारी ने की बैठक , दिए कड़े निर्देश

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नोएडा :– हर माँ पिता का सपना होता है कि वो अपने बच्चे को अच्छी शिक्षा दें, जिससे वो अपने जीवन में कामयाब हो सकें। लेकिन उत्तर प्रदेश की शो विण्डो कहे जाने वाले नोएडा में माता पिता का ये सपना दूर की कौड़ी साबित होता जा रहा है, इसकी वजह है नोएडा में शिक्षा का मंदिर माने जाने वाले स्कूल अब कमाई का अड्डा बनते जा रहे हैं।

अभिभावकों की शिकायत पर गौतमबुद्ध नगर के डीएम ने 20 अप्रैल को कुछ स्कूलों पर जुर्माना लगाया था और 23 अप्रैल तक का समय दिया था जिसमें वो सभी स्कूल बड़ाई हुई फीस को पेरेंट्स को वापिस करेंगे। 23 अप्रैल बीतने के बाद आज जिलाधिकारी ने दुबारा से स्कूलों के प्रिंसीपल ओर पेरेंट्स के साथ बैठक की।



दरअसल कई माह से पेरेंट्स द्वारा स्कूलों की मनमानी के खिलाफ चल रहे धरना प्रदर्शनों के बाद आखिरकर जिला प्रशासन की कुम्भकर्णी नींद टूटी, जिसके बाद नोएडा के डीएम बीएन सिंह ने 20 अप्रैल को स्कूलों के प्रिंसिपल और पेरेंट्स की बैठक बुलाई। बता दे कि एपीजे स्कूल पर 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया वहीँ कैम्ब्रेज स्कूल पर 1 लाख रुपये का भी जुर्माना लगाया गया था । इस बार पेरेंट्स और डीएम की मेहनत रंग लाई और एपीजे स्कूल ने 5 लाख रुपये का जुर्माना मंगलवार को जमा करा दिया, और बड़ी हुई फीस भी अभिभावकों को लौटानी शुरू कर दी।

तय समय सीमा खत्म होने के बाद डीएम बीएन सिंह ने स्कूलों के प्रिंसिपल और पेरेंट्स की दुबारा बैठक बुलाई। डीएम बी.एन. ने सख्त लहजों में स्कूल के प्रिंसिपलों को ये जता दिया कि अब स्कूलों द्वारा नियमों का पालन न करना काफी महंगा पड़ सकता है।

वहीँ बी. एन. सिंह का कहना है कि नोएडा के सभी स्कूलों को 29 अप्रैल तक प्रशासन को ये शपथपत्र देना होगा कि वो सभी नियमों का पालन कर रहे हैं। वहीँ डीएम का कहना है नोएडा के सभी स्कूलों को अब कानून के दायरे में ही काम करना पड़ेगा वर्ना वो अंजाम भुगतने को तैयार रहे ।

बी. एन. सिंह ने सभी स्कूलों को निर्देश दिए हैं कि वो न तो पढ़ाई की किताबों को ऊँचे दामों पर बेचें और न ही स्कूल ड्रेस को महँगे दामों पर बेचें । वहीँ डीएम ने पेरेंट्स को भी सख्त शब्दों में निर्देश दिए हैं कि वो कानून को अपने हाथों में न लें अन्यथा उनके खिलाफ भी बड़ी कार्यवाही होगी। यदि कोई शिकायत है तो आप सभी उनसे शिकायत कर सकते हैं स्कूलों के बाहर हंगामा करके स्कूलों पर दवाब बनाने की कोशिश न करें ।

जहाँ इस बैठक के बाद पेरेंट्स संतुष्ट नजर आए तो वहीं बैठक में आये तमाम स्कूलों के प्रिंसिपल भी संतुष्ट नजर आए । वहीँ नोएडा इंटरनेशनल स्कूल की प्रिंसिपल रेनू यादव का कहना है आज बैठक में जो भी फैसला लिया गया वो सभी के हित में है और उन्हें लगता है कि सभी स्कूलों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए और पेरेंट्स को भी ध्यान रखना होगा कि इस तरीके से स्कूलों पर दवाब न बनाएं ।

इस बैठक के बाद जहाँ डीएम बी.एन. सिंह ने पेरेंट्स के दर्द पर मरहम लगाने की कोशिश की है, वहीँ जिला प्रशासन के फैसलों से पेरेंट्स को राहत जरूर पँहुचीं है। हालाकिं डीएम ने सख्त लहजे में अपनी मंशा जाहिर कर दी है कि अब स्कूलों द्वारा लक्ष्मण रेखा पार की गई तो इसके अंजाम भुगतने को भी तैयार रहना पड़ेगा। देखना होगा कि आने वाले वक्त में इन बेलगाम हो चुके स्कूलों पर कितनी लगाम लग पाती है ।

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