डीटीसी कर्मचारियों ने दिल्ली सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा, 11 हज़ार बसें शामिल करने की माँग
ROHIT SHARMA / JITENDER PAL
दिल्ली :— दिल्ली परिवहन निगम के कर्मचारियों ने एकजुट होकर दिल्ली सरकार के खिलाफ अपना मोर्चा खोल दिया है । उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार व डीटीसी प्रशासन सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अमल करते हुए डीटीसी के बेड़े में 11 हजार बस शामिल करें।
साथ ही दिल्ली सरकार डीटीसी में कार्यरत अनुबंधित चालक व परिचालक को स्थाई करे, क्योंकि सरकार वादा करने के बाद भी इन कर्मचारियों की इस मांग को अनसुनी कर रही है।
दिल्ली परिवहन मजदूर संघ के बैनर तले आयोजित 22वें त्रैवार्षिक अधिवेशन में डीटीसी कर्मचारियों ने अपनी विभिन्न लंबित मांगों पर सरकार का ध्यान दिलाया। संघ के अध्यक्ष प्रेम सिंह नागर व भंव सिंह सूर्यवंशी ने कहा कि राजधानी में कामनवेल्थ गेम्स के समय आई लो-फ्लोर बसें अब परिचालन से बाहर होने लगी हैं। डीटीसी मेंं बसों की भारी कमी है। वर्तमान में लगभग 3526 बसें ही हैं, इनमें एसी व बिना ऐसी वाली दोनों बसें है।
साथ ही उनका कहना है कि बसों के अभाव में राजधानीवासियों को भारी परेशानी हो रही है। अनुबंधित कर्मचारियों को ड्यिूटी पर आने के बाद भी ड्यिूटी नहीं मिलती है। बताया जाता है बसें डिपों में नहीं है। चालक-परिचालक चार-पाच घंटे डिपो में बैठे रहते हैं उनका पूरा दिन खराब होता है, लेकिन उन्हें कोई पैसा नहीं मिलता है।
डीटीसी प्रशासन व दिल्ली सरकार 11 हजार बसें लाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अमल करे तथा अनुबंधित कर्मचारियों को ड्यूटी पर आने के बाद भी काम न मिलने पर उन्हें उस दिन की मजदूरी दें। इसके अलावा उनकी नौकरी स्थायी करें।
संघ ने इस बावत अधिवेशन में प्रस्ताव पारित कर सभी कर्मचारियों को एकजुट होकर अभियान चलाने के का आह्वान किया। संगठन मंत्री श्याम सुंदर सागर के अलावा अन्य पदाधिकारियों ने कहा कि डीटीसी कर्मचारियों को कैशलेस मेडिकल सुविधा आज तक नहीं मिल पाई है। सरकार इस ओर ध्यान दे और डीटीसी कर्मचारियों को कैशलेस सुविधा प्रदान करें। अधिवेशन में नई कार्यकारिणी का गठन किया गया, जो अगले तीन साल तक कर्मचारियों के हित में कार्य करेगी।
वही दूसरी तरफ उन्होंने दिल्ली सरकार को चेतावनी दी कि अगर उनकी माँगे नही मानी गई तो सभी कर्मचारी हड़ताल पर कि चले जाएंगे ।