उत्तर प्रदेश में पिछले काफी लंबे से अपराध की घटनाओं में वृद्धि हुई है। कोरोना महामारी के दौर में अचानक से अपराध का ग्राफ बढ गया।
जिसको देखते हुए सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ पुलिस और प्रवासन में लगातार फेरबदर कर रहे हैं। सीएम योगी ने 8 जिलों के जिलाधिकारियों को हटाते हुए उन्हें वेटिझग लिस्ट में रखा है।
तैनात होने वाले आईएएस अधिकारियों को तत्काल जिलों में जाकर पदभार ग्रहण करने के निर्देश दिए हैं। जिन जिलों के जिलाधिकारी बदले गये हैं, उनमें मेरठ, ईटावा, ललितपुर, गाजिपुर, संतकबीरनगर, सीतापुर, सुल्तानपुर व मऊशामिल हैं।
शासन ने शुक्रवार देर रात आदेश जारी करते हुए 8 आईएएस अफसरों के तबादले पर मुहर लगाई। जिनमें के. बालाजी को मेरठ का जिलाधिकारी बनाया गया है।
वहीं विशाल भारद्वाज को सीतापुर, श्रुति सिंह को इटावा, रवीश गुप्ता सुलतानपुर, ए दिनेश कुमार ललितपुर, राजेश पांडेय मऊ, दिव्या मित्तल को संतकबीर नगर, मंगला प्रसाद सिंह गाजीपुर का जिलाधिकारी बनाया गया है।
माना जा रहा है कि सुल्तानपुर व ग़ाज़ीपुर के डीएम समेत सभी को कामकाज ठीक न होने के कारण हटाया गया है। सुल्तानपुर में आक्सी मीटर की ख़रीद को लेकर हुए विवाद पर वहाँ के विधायक ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर डीएम को हटाने के लिए कहा था।
मेरठ के डीएम अनिल ढीगड़ा, इटावा के जितेंद्र बहादुर सिंह, सीतापुर के अखिलेश तिवारी, ललितपुर के योगेश कुमार शुक्ला, सुलतानपुर की डीएम सी इंदुमती और मऊ के ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी को हटाते हुए प्रतीक्षा सूची में डाल दिया गया है।
उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचार के मामले, कानून व्यवस्था पर सवाल और लगातार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के स्तर से चल रही समीक्षा से अफसरों के तबादलों के कयास चल रहे हैं। इससे पहले गुरूवार को ही सीएम योगी ने कोरोना किट की खरीद में हुए घोटाले की जांच के लिए एसआइटी गठित की है। जिसके पुलिस कप्तानों के भी तबादले किए गये।