खुले में चूल्हा-चौका लेकर बैठे इरोज सम्पूर्ण सोसाइटी के निवासी, बिल्डर पर गंभीर आरोप लगा किया प्रदर्शन!

PHOTO/VIDEO/ STORY – JITENDER PAL-TEN NEWS (14/04/18)

ग्रेटर नोएडा : उत्तर प्रदेश की सरकार के दखल के बाद भी निवेशकों की परेशानिया खत्म होने का नाम नहीं ले रही है और शासन प्रशासन का खौफ बिल्डर के अंदर नहीं दिख रहा है। बायर्स और निवेशकों का तो यहाँ तक आरोप है की बिल्डर निवेशक अब तो खुलेआम जान से मारने की धमकी देते है और शासन प्रशासन मूक दर्शक बना रहता है।

आज ग्रेटर नॉएडा वेस्ट में बनी इरोज संपूर्णम् सोसाइटी के सैकड़ों निवेशकों ने बिल्डर्स के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन करते हुए सोसाइटी परिसर में चूल्हा-चौका रखकर खाना बनाया और सोसाइटी में फैली परेशानियों के बारे में इकट्ठा होकर प्रदर्शन किया।

हाथों में बैनर और पोस्टर लेकर विरोध प्रदर्शन करते हुए यह वह लोग थे जिन्होंने ग्रेटर नोएडा वेस्ट में अपने सपनों का आशियाना बनाने के लिए निवेश किया था लेकिन जो वादे इन निवेशकों से किए गए बिल्डर ने उनको पूरा नहीं किया।

ग्रेटर नोएडा वेस्ट में बनी इरोज संपूर्णम् सोसाइटी में सैकड़ों निवेशकों ने इकट्ठा होकर सोसाइटी परिसर में चूल्हा-चौका रखकर बिल्डर के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। निवेशकों का आरोप है कि सोसाइटी में बने घर अब रहने लायक नहीं है यही वजह है कि वह अब घर के बाहर चूल्हा-चौका रखकर खाना बनाने को मजबूर है।

निवेशक का आरोप है कि जब भी वह आवाज उठाते हैं तो उन्हें जान से मारने की धमकी बिल्डर अनिल सूद और अमन सूद देते हैं ऐसे में विरोध प्रदर्शन करना उनके लिए जान जोखिम में डालने के बराबर है । ग्रेटर नोएडा वेस्ट में बनी इरोज सम्पूरम सोसाइटी में सैकड़ों लोगों ने बताया की हमने अपने आशियाने की तलाश में यहां निवेश किया था, बिल्डर ने हसीन सपने भी दिखाएं इसी के चलते 300 से ज्यादा परिवार इस सोसाइटी में रहने लगे है लेकिन बिल्डर के दावे और वादों में फर्क दिखने लगा , इसका नतीजा यह हुआ कि सोसाइटी में लोगों को गंदा पानी मुहिया कराया जा रहा है, इसके अलावा सिक्योरिटी का भी कोई इंतजाम नहीं है छोटी-छोटी दीवारों होने की वजह से अक्सर चोरी और लूट की घटनाएं भी होती रहती हैं। इन सबके बीच सबसे बड़ी लापरवाही फायर विभाग की नजर आई जिसने सोसाइटी में 1 सप्ताह पहले लगी एक फ्लैट में आग को बुझाने में खासी मशक्कत का सामना किया। आग बुझाने के लिए सोसाइटी में लगे उपकरण ठीक से काम नहीं कर रहे थे, जैसे तैसे आग पर काबू पाया गया लेकिन बड़ा सवाल यह है कि आखिर सोसाइटी में फायर इक्विपमेंट काम नहीं कर रहे हैं तो फिर बिल्डर को एनओसी आखिर किस आधार पर दी गई।
लोगों का आरोप है कि बिल्डर और फायर विभाग की मिलीभगत की वजह से बिल्डर ने एनओसी हासिल की है। इन सबके अलावा सोसाइटी में लिफ्ट भी पूरी तरह से काम नहीं कर रही हैं अक्सर लिफ्ट में बड़े और बच्चे खराब होने की वजह से बीच में ही फंस जाते हैं।

जान जोखिम में डालकर लोग इरोज संपूर्ण सोसाइटी में रहने को मजबूर हैं। इसके अलावा सोसाइटी में खुले में ही जनरेटर लगा रखा है जो कि एनजीटी के आदेशों का खुला उल्लंघन है। सब कुछ खुलेआम चलने के बावजूद बिल्डर के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं होना निवेशकों के हौसले पस्त कर रहा है।

सूबे में सरकार भले ही बदल गई हो पर अनेकों दावों के बीच बिल्डरों पर कार्यवाही की हकीकत कहीं अलग है। निवेशकों के कष्ट की तस्वीर जिस तरह से पहले सरकार में थी इस सरकार में भी कमोबेश यही नजर आ रही है।

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