25 साल बाद एनडीए की रजत जयंती पर शहीद कैप्टन शशीकांत शर्मा के परिवार को किया गया सम्मानित

ROHIT SHARMA / LOKESH GOSWAMI

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नोएडा :– 86 एनडीए कोर्स की रजत जयंती पर 25 साल बाद नेशनल डिफेंस एकेडमी पुणे में रीयूनियन मनाया गया , जिसमें नोएडा के वीर सपूत शहीद कैप्टन शशिकांत शर्मा जिन्हें असधारण वीरता के लिए राष्ट्रपति द्वारा सेना मेडल मिला । 86 एनडीए कोर्स की रजत जयंती पर उनके पिता फ्लाइट लेफ्टिनेंट जेपी शर्मा , माता सुदेश शर्मा , छोटे भाई नरेश शर्मा को आमंत्रित किया गया ।



वही इस कार्यक्रम को लेकर शहीद कैप्टन शशिकांत शर्मा के भाई डॉ नरेश शर्मा ने टेन न्यूज़ से खास बातचीत की , साथ ही इस कार्यक्रम के महत्वपूर्ण लम्हे को बाटा ।

उन्होंने कहा कैप्टन शशीकांत शर्मा ने एनडीए की परीक्षा पहली बार ही पास कर ली थी , 1991 में “हंटर स्क्वाड्रन -एनडीए ” ज्वाइन किया । पढ़ाई में अव्वल आने पर उन्हें “टॉर्च मेडल” भी मिला , 1994 में शशीकांत के माता , पिता व भाई ने पासिंग आउट परेड में शिरकत की ।

10 जून को 25 साल बाद द्वारा 86 कोर्स के रजत जयंती पर एनडीए पुणे में अपने बेटे को “हट ऑफ रिमम्बर्स” में पुष्प चढ़ाकर श्रद्धांजलि दी । इस अवसर पर करीब 250 ऑफिसर व उनके परिवार ने श्रद्धा सुमन अर्पित कर शहीद को याद किया ।

इस मौके पर हबीबुल्ला हॉल में शहीद कैप्टन शशिकांत शर्मा के माता पिता को एनडीए की तरफ से सम्मान पत्र दिया गया । कैप्टन शशिकांत की वीरता व एनडीए की ट्रेनिंग के सख्त दिनों को याद कर ताली बजाकर , स्टैंडिंग ओवेशन दिया गया ।

उसके बाद शहीद के माता पिता हंटर स्क्वाड्रन गए , जहां कैप्टन शशीकांत एनडीए में रहते थे। वहां विस्टर बुक में पिता फ्लाइट लेफ्टिनेंट जेपी शर्मा ने मैसेज लिखकर सब की कुशलता की कामना की , साथ ही टफ ट्रेनिंग की सराहना की ।

बाद में कैप्टन शशीकांत शर्मा की याद में हट ऑफ रिमेंबर्स में पेड़ लगाया गया , जो माता-पिता ने लगाया । आखिर में सूडान ब्लॉक के सामने सभी ऑफिसर उनके परिवार ने शहीद के माता-पिता व भाई के साथ ग्रुप फोटो खिंचवाई ।

उन्होंने बताया कि यह एनडीए की ट्रेनिंग ही होती है , जो दुनिया की टफ ट्रेनिंग अकैडमी में से एक है । यही ट्रेनिंग युद्ध के समय में हर एक फौजी को फौलाद बनाती है , इसी वजह से कैप्टन शशिकांत शर्मा ने पाकिस्तानी सेना का मुंहतोड़ जवाब देते हुए 22000 फीट पर -60 टेंपरेचर पर देश के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया था ।

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