नई दिल्ली :– कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली कूच पर निकले किसान सातवें दिन उग्र हो गए हैं। दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर उन्होंने बैरिकेड्स गिरा दिए। वे दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन पर अड़े हुए हैं।
आल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस की सह मीडिया प्रभारी राजेन्द्र कपूर का कहना है कि किसान आंदोलन के चलते अगर कल शाम तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया जाता या किसान अपना आंदोलन वापिस नहीं लेंगे तो आल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के पूर्ण बंद के आह्वान का हमारी संस्थाएं भी पूर्ण रूप से समर्थन करेंगी।
सिंघु बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले प्रदर्शन कर रहे किसान नेताओं ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि सरकार हमें आपस में लड़ाना चाहती है लेकिन अब पूरे देश के किसान संगठन एक साथ हैं। किसान नेताओं ने बताया कि सरकार ने हमें अपनी परेशानियां लिखित में देने को कहा है तो ये हमने पहले भी दिया है और अब भी 7-10 पन्ने का मसौदा लिखकर देंगे।
उन्होंने बताया कि अब हमारे साथ भाकियू के अध्यक्ष राकेश टिकैत भी हैं। संयुक्त किसान मोर्चा ने पांच दिसंबर को मोदी सरकार और अंबानी-अडानी व अन्य कॉर्पोरेट घरानों के खिलाफ राष्ट्रव्यापी पुतला दहन का आह्वान किया है।
इसके साथ ही किसान संगठनों ने कलाकारों और खिलाड़ियों को आंदोलन को समर्थन देने के लिए शुक्रिया कहा है। इसके साथ ही किसान नेताओं ने सात दिसंबर को खिलाड़ियों और कलाकारों से अवार्ड वापसी का आह्वान किया है।