New Delhi: कृषि कानून वापसी के बाद अब सबसे बड़ा सवाल है की दिल्ली के बॉर्डर समेत अलग अलग जगह पर बैठे किसानों का आंदोलन कब समाप्त होगा। इस आंदोलन की रणनीति को लेकर आज दिल्ली से सटे सिंघु बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा की एक अहम बैठक हुई, जिसमें आंदोलन के भविष्य के बारे में फैसला लिया गया।
किसान नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि सभी 6 मांगे सरकार के सामने रखी गई थी। सरकार ने क्या प्रोग्रेस की है, मीटिंग में चर्चा होने के बाद एकमत से फैसला लिया जाएगा। एक साथ सभी लोग आंदोलन में आये थे और एक साथ वापस जाएंगे। किसान नेता ने कहा कि सभी मांगे पूरी होने के बाद ही हम यहां से जाएंगे।
केंद्र सरकार ने एमएसपी पर बनने वाली कमेटी के लिए जो 5 नाम मांगे थे उसमे किसान संगठनों की तरफ से किसान नेता अशोक धावले, गुर नाम चढ़ूनी, युद्धवीर सिंह, शिव कुमार शर्मा उर्फ कक्का और बलबीर सिंह राजेवाल का नाम आज संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में तय हुआ।
संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में अशोक धावले ने कहा कि ये किसानों की जीत है। इस दौरान किसान नेताओं ने अपनी मांगों को फिर से दोहराया और कहा कि बिजली बिल बढ़ाने का नियम वापस लिया जाना चाहिए और सभी किसानों पर हुए मुकदमे वापस लिए जाने चाहिए। किसान नेता ने कहा कि आंदोलन के दौरान शहीद हुए किसानों की याद में सिंघु बॉर्डर पर एक स्मारक बनना चाहिए।