New Delhi: आज सदन के शीतकालीन सत्र के पहले दिन तीनों कृषि कानूनों की संसद से वापसी हो गई। इस मसले पर संयुक्त किसान मोर्चा ने खुशी जताई है। संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि लंबे वक्त से आज के दिन का इंतजार था और आज किसानों की जीत के हिसाब से ऐतिहासिक दिन है।
सांसद में विपक्ष के तरफ से जोरदार हंगामे के बीच सरकार ने बिल को वापस ले लिया, इस बीच विपक्ष लगातार चर्चा की मांग करता रहा। संयुक्त किसान मोर्चा ने प्रेस कान्फ्रेंस करते हुए कहा कि किसानों के लिए इतनी बड़ी जीत कभी नहीं हुई थी। संगठन का कहना है कि हमने सिद्ध कर दिखाया कि देश के लोग बड़े होते हैं और यह सिर्फ किसानों की नहीं बल्कि आम लोगों की भी जीत है। अभी MSP की गारंटी से जुड़ा कानून आना बाकी है साथ ही बिजली संशोधन एक्ट और किसानों पर दर्ज हुए मामले भी वापस होने हैं।
किसानों ने कहा कि हमारी 6 मांगों पर सरकार 30 नवंबर तक जवाब दे, ऐसे न होने पर 1 दिसंबर की बैठक में आगे की रणनीति बनाई जाएगी। आगे की रणनीति तय करने के लिए एक दिसंबर को बैठक बुलाई गई है। साथ ही 4 दिसंबर को प्रस्तावित मीटिंग भी तय वक्त पर होगी। संगठन के नेताओं ने कहा कि एक दिसंबर को 11 बजे मीटिंग बुलाई गई है और इसके बाद एक चिट्ठी गृह मंत्रालय समेत सभी राज्यों को भेजी जाएगी, जिसमें किसानों पर दर्ज केस वापस होने की मांग होगी। इसके अलावा किसानों की ओर से प्रदर्शन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों के परिवारों को मुआवजा देने की भी मांग की गई है।
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