नई दिल्ली :– आप पार्टी की विधायक आतिशी ने आज प्रेस वार्ता करते हुए कहा कि ‘आप’ पार्टी और व्यापारियों के विरोध से डर कर भाजपा शासित एमसीडी ने टैक्स बढ़ाने का फ़ैसला वापिस लिया, ये दिल्ली के व्यापारियों की जीत है।
आम आदमी पार्टी ने ट्रेड व फ़ैक्टरी लाइसेन्स फीस बढ़ाने के खिलाफ सिगनेचेर कैम्पेन चलाया था। सिगनेचेर कैम्पेन में 5 लाख से अधिक व्यापारियों ने हिस्सा लिया था।
उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी मांग करती है कि नॉर्थ एमसीडी की तरह साउथ एमसीडी और ईस्ट एमसीडी भी इस फैसले को वापस ले। आम आदमी पार्टी यह भी मांग करती है कि जो दुकानदार और व्यापारी बढ़ी हुई फीस जमा कर चुके हैं उनको वह पैसा वापस हो।
दिल्ली के साप्ताहिक बाजारों को प्राइवेट ठेकेदारों को देने का फैसला भी भाजपा ने वापस ले लिया है। दिल्ली की जनता, व्यापारियों, रेहड़ी पटरी वालों की ओर से आम आदमी पार्टी का विरोध सफल। दिल्लीवालों को इसकी बधाई। अब भाजपा की भ्रष्ट एमसीडी का जो भी गलत फैसला आएगा दिल्ली के लोग उसके खिलाफ आवाज उठाएंगे।
उन्होंने कहा कि, जैसा कि आप लोग जानते हैं कि कुछ समय पहले दिल्ली की तीनों नगर निगमों ने ट्रेड और फैक्ट्री लाइसेंस में भारी बढ़ोतरी की थी। जिसमें जो ए और बी श्रेणी के लाइसेंस हैं उन्हें 500 से बढ़ाकर 8625 रुपए कर दिया था। वहीं सी और डी श्रेणी के लाइसेंस को 500 रुपए प्रति मीटर से बढ़ाकर 5750 रुपए प्रति मीटर कर दिया था। मुझे नहीं लगता है कि इतनी भारी बढ़ोतरी हमने पिछले कई सालों में कभी भी देखा है।
उन्होंने कहा, आखिर वह लाइसेंस फीस क्यों बढ़ा रहे हैं? वह लाइसेंस फीस इसलिए बढ़ा रहे हैं क्योंकि अभी तक उनको जो पैसा मिलता था वह तो भाजपा की एमसीडी ने अपने पार्षदों की जेब में भर दिया है। पार्षद अमीर होते गए लेकिन जो सुविधाएं एमसीडी को देनी होती हैं और हम सब जानते हैं कि एमसीडी ने दिल्ली को कूड़ादान बनाने का काम किया है। हम सब जानते हैं कि सभी कॉलोनियों की सड़को की मरम्मत कराना एमसीडी का काम है। लेकिन सभी सड़कें टूटी-फूटी हालत में हैं। हम सब जानते हैं की एमसीडी की सड़कों पर किस तरह से जलभराव होता है। क्यों होता है? यह इसीलिए होता है क्योंकि जो पैसा टैक्स, प्रॉपर्टी टैक्स में एमसीडी को मिलता था वह सब तो पार्षदों की जेब में जाता था।
‘आप’ नेता ने कहा, यह जो लाइसेंस फीस बढ़ी उस पर दिल्ली के अनेकों व्यापारियों, फैक्ट्रियों के मालिक, दुकानदार हमारे पास आए और उन्होंने अपना विरोध व्यक्त किया। व्यापारियों की तरफ से आम आदमी पार्टी ने सिगनेचर कैंपेन की शुरुआत की और पूरी दिल्ली से 5 लाख लोगों ने इस सिगनेचर कैंपेन में हिस्सा लिया।