शाहबेरी के बिल्डर पर कोर्ट ने लगाया 5 लाख जुर्माना, गुमराह करने का लगा आरोप

ABHISHEK SHARMA

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Greater Noida : शाहबेरी के बिल्डर पर हाई कोर्ट ने 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। बिसरख कोतवाली में दर्ज एफआईआर को तथ्य छुपाकर निरस्त कराने के लिए बिल्डर कोर्ट पहुंचा था। सूचना पर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के वकील भी कोर्ट में हाजिर हुए और सबूत रखा। इसके बाद जज ने बिल्डर पर कोर्ट को गुमराह करने के आरोप में 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया और केस दर्ज करने का आदेश दिया। बिल्डर को एक माह के अंदर जुर्माने की धनराशि जमा करने का आदेश दिया गया है।
प्राधिकरण के अधिवक्ता का कहना है कि बिल्डर ने शाहबेरी की जमीन को फिर से अधिग्रहण करने की अधिसूचना की जानकारी हाईकोर्ट को नहीं दी थी। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने 14 अगस्त को महेश चंद शर्मा निवासी डूंडा हेडा गांव गाजियाबाद के खिलाफ बिसरख कोतवाली में मामला दर्ज कराया था। बिल्डर पर प्राधिकरण के अधिसूचित क्षेत्र में अवैध निर्माण कराने का आरोप है।
बिल्डर ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर प्राधिकरण की कार्रवाई को चुनौती दी। कोर्ट को बताया कि प्राधिकरण ने वर्ष 2009 में शाहबेरी की जमीन का अधिग्रहण किया था। जुलाई, 2011 में हाईकोर्ट ने अधिग्रहण को रद्द कर दिया था। उसके बाद किसानों ने जमीन पर विकास कार्य शुरू कर दिए। उनकी तरफ से भी प्राधिकरण में नक्शा पास कराने का आवेदन किया गया था, लेकिन प्राधिकरण ने इंकार कर दिया। वहां अन्य कोई संस्था भी नक्शा पास नहीं करती।
इस आरोप में प्राधिकरण ने उस पर एफआईआर दर्ज करा दी। बिल्डर की याचिका में शाहबेरी के खरीदारों और प्राधिकरण के अधिवक्ता ने भी अपना पक्ष रखा। प्राधिकरण की तरफ से अधिवक्ता अंजली उपाध्याय ने हाईकोर्ट को बताया कि अधिग्रहण रद्द होने के बाद प्राधिकरण ने जून, 2013 में फिर से अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की थी।
अक्तूबर, 2014 में हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश जारी कर यथा स्थिति का आदेश दिया। तब से जमीन पर यथा स्थिति बनी है। प्राधिकरण की तरफ से कोई नक्शा पास भी नहीं किया गया है। जुलाई, 2018 में दो बिल्डिंग गिरने और नौ लोगों की मौत की जानकारी भी हाईकोर्ट को दी।
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