फोनरवा चुनाव: नॉएडा की समस्याओ पर योगेंद्र शर्मा एवं एन.पी सिंह के पैनल ने की चर्चा, बताई प्राथमिकताएं | विशेष रिपोर्ट

Ten News Network

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नोएडा: 1 अगस्त को नोएडा में फेडरेशन ऑफ नोएडा रेसिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन के चुनाव है। जिसको लेकर के नोएडा में गहमा-गहमी बनी हुई है। साथ ही चुनावों को लेकर लोग बहुत ही उत्साहित है। इस बार फोनरवा इलेक्शन में मुकाबला 2 पैनल के बीच होने जा रहा है। इस बार का मुकाबला योगेंद्र शर्मा और फोरनेवा के पूर्व अध्यक्ष एनपी सिंह के बीच है। दोनों ही पक्षों के बीच कड़ी टक्कर बताई जा रही है।

पहले पैनल के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार योगेंद्र शर्मा ने अपना घोषणा पत्र भी जारी कर दिया है। योगेंद्र शर्मा इस बार बिजली, पानी और आवारा कुत्तों की समस्याओं पर चुनाव लड़ रहे हैं। इसके साथ ही दूसरे पैनल के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार एन.पी सिंह भी योगेंद्र शर्मा को टक्कर देते हुए नजर आ रहे हैं। उनका कहना है कि पिछले 2 सालों में नोएडा के सेक्टर्स में उतना काम नहीं हुआ जितना होना चाहिए था। इसी उपलक्ष में टेन न्यूज की टीम ने योगेंद्र शर्मा और एनपी सिंह से बातचीत की। जिसका प्रसारण टेन न्यूज़ के यूट्यूब चैनल और फेसबुक के माध्यम से किया गया।

टेन न्यूज़ के इस कार्यक्रम में वरिष्ठ सूचना प्रौद्योगिकी विशेषज्ञ अतुल चौधरी ने प्रस्तुतकर्ता की भूमिका निभाई। अतुल चौधरी ने पैनल में सवाल करते हुए दोनों पक्षों से पूछा कि नोएडा क्षेत्र में बिजली की एक बहुत बड़ी समस्या है, यहां पर लोगों की जनसंख्या लगातार बढ़ रही है, जिसके कारण बिजली की खपत में भी बढ़ोतरी हो रही है। आपके पास क्या रोडमैप है इस समस्या को लेकर ?

योगेंद्र शर्मा ने जवाब देते हुए कहा कि बिजली की समस्या नोएडा वासियों के लिए एक बहुत बड़ी समस्या है। जिसको हम काफी समय से झेल रहे हैं। इस समस्या को दूर करने के लिए हमने काफी प्रयास किया है इस विषय को लेकर हम नोएडा प्राधिकरण के पास भी काफी बार गए और हमने उनसे यहां पर बिजली की समस्या को लेकर कई बार चर्चा भी की है। इसके साथ ही हमने बिजली की समस्या को दूर करने के लिए 18 और 36 करोड रुपए के टेंडर भी दिए थे। इससे नोएडा वासियों को काफी राहत भी मिली है लेकिन हम यह नहीं कह रहे की समस्या दूर हो गई है, समस्या अभी है जिसको दूर करने की जरूरत हैं।

एनपी सिंह ने जवाब देते हुए कहा की पिछले 2 सालों में नोएडा में बिजली को लेकर कोई काम नहीं हुआ। नोएडा में बिजली की समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है। थोड़ी सी बारिश होने पर बिजली काट दी जाती है। नोएडा में बिजली के तार लटके रहते हैं जो कभी कभार कट कर पेड़ों पर गिर जाते हैं। जिससे कि टहनी गिर जाती है। नोएडा में सबसे पहले बिजली के तारों को अंडर ग्राउंड करने की आवश्यकता है। इसको लेकर हमने कई बार प्रयास भी किया है हमने रेगुलेटरी कमीशन से इसको पास कराया था लेकिन उस पर कोई काम नहीं हुआ, हम इस विषय को लेकर हाईकोर्ट भी गए थे। उसकी कॉपी भी हमारे पास है लेकिन उसके बाद भी उस पर कोई काम नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि पिछले दो-तीन सालों में बिजली की समस्या और बढ़ी है। इस समस्या को लेकर हम कई बार मुख्यमंत्री और ऊर्जा मंत्री से भी मिले हैं लेकिन पिछले दो सालों में इस समस्या पर कोई सुधार नहीं किया गया।

अतुल चौधरी ने आगे पानी की समस्या को लेकर सवाल किया, उन्होंने कहा की नोएडा में पीने के पानी की भी एक बहुत बड़ी समस्या है नोएडा में इस समय 340 मिलीलीटर पानी की डिमांड है। जिसमें 240 एमएलडी गंगा जल हमें सिद्धार्थविहार और प्रतापविहार से आता है 100 एमएलडी हम उसमें अपनी तरफ से ऐड कर देते हैं। आपको नहीं लगता कि पानी का स्तर अब जमीन से धीरे-धीरे और कम होता जा रहा है इस समस्या को लेकर आप लोगों ने क्या समाधान सोचा है ?

योगेंद्र शर्मा ने जवाब देते हुए कहा कि पानी की समस्या सिर्फ नोएडा की समस्या नहीं है यह पूरे देश की समस्या है इस समस्या को लेकर हमारी पहले से ही प्राथमिकता रही है और इस समस्या को दूर करने के लिए हमने काफी प्रयास भी किया है पिछले 2 सालों में हमने नोएडा अथॉरिटी के साथ मिलकर नोएडा क्षेत्र में खराब पड़े नलकूपों के लिए टेंडर भी जारी किए थे और अब वह नलकूप कार्य अवस्था में है। उन्होंने कहा कि अंडर ग्राउंड वाटर की समस्या भी एक बहुत बड़ी समस्या है जिसको दूर करने के लिए हम सबको मिलकर प्लान करना होगा। यह प्लान करने के बाद सरकार की तरफ से जब कोई योजना हो आएगी तब उस पर कोई काम होगा। इस विषय को लेकर काफी बार नोएडा प्राधिकरण के साथ भी चर्चा हुई है लेकिन हमको अभी बहुत ज्यादा काम करने की जरूरत है। कोई एजेंसी बने और एक रोडमैप तैयार करे उसी एजेंसी के रोड मैप के जरिए इस समस्या का समाधान हो पाएगा।

एन.पी सिंह ने कहा कि नोएडा प्राधिकरण की तरफ से पानी की समस्या को लेकर कोई भी काम नहीं किया गया है | नोएडा में प्रतिदिन 400 मिलीलीटर पानी की आवश्यकता है जिसमें से क्षेत्रवासियों को सिर्फ 200 मिलीलीटर पानी ही उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके साथ ही नोएडा में पानी के बिलों के रेटों में भी बढ़ोतरी की गई है जिसके कारण नोएडा वासियों को और ज्यादा समस्या का सामना करना पड़ रहा है। इस समस्या को लेकर नोएडा प्राधिकरण के ऊपर लोगों को दबाव बनाने की जरूरत है जिससे कि नोएडा प्राधिकरण इस विषय पर काम करे लेकिन पिछले 2 सालों में इसपर कोई काम नही किया गया है।

अगला सवाल: कोरोना काल में क्या नोएडा क्षेत्र में हम सही आकलन नहीं कर पाए जिसके कारण हमें नोएडा में बेड की कमी और ऑक्सीजन की कमी जैसी दिक्कतें देखनी पड़ी ?

योगेंद्र शर्मा ने कहा किसी को नहीं पता था कि यह बीमारी आएगी और यह इतना विकराल रूप ले लेगी, लेकिन उसके बावजूद हम सब लोगों ने इस मामले पर काफी काम किया जैसा की आप सबको याद है कि जब पहली लहर आयी थी तो हम सभी आरडब्लूए सेक्टरों ने एक साथ मिलकर काम किया और उस पर विजय हासिल करी। फोनरवा के माध्यम से रसोई चलाई गई जिसमें हमने मजदूरों और जरूरतमंदों के लिए खाने की व्यवस्था की और दूसरी लहर जब आई तो उसमें सबसे ज्यादा हम सब को ऑक्सीजन की जरूरत थी, इसके लिए भी हमने प्राधिकरण के साथ लगातार मीटिंग की और उनके अधिकारियों से लगातार बातचीत की जिसके बाद सेक्टर 93 में ऑक्सीजन बैंक की शुरुआत की गई |

उन्होंने कहा कि जैसा कि हम सबको मालूम है कोरोना की दूसरी लहर में मरीजों की तादाद जब लगातार बढ़ रही थी तब उस समय Noida क्षेत्र में लगातार बेडो की कमी नजर आ रही थी, इसको लेकर भी हमने Noida के लगभग 40 सेक्टर में कोरोना सेंटर की स्थापना की जिसके माध्यम से L1 तक के ट्रीटमेंट वहां पर दिए गए और बहुत सारे लोग जिनको हॉस्पिटल की जरूरत नहीं थी उनका ट्रीटमेंट वहां पर किया गया। इसके साथ ही अगर तीसरी लहर आती है तो हमारी टीम उसी प्रकार से काम करने के लिए भी तैयार है।

एनपी सिंह ने कहा कि इसके लिए क्षेत्र में सभी आरडब्लूए सेक्टरों को मिलकर एक साथ काम करना होगा जैसा कि उन्होंने इस बार अपने अपने क्षेत्र में आइसोलेशन सेंटर बनाकर किया। मैं उनका धन्यवाद करता हूं। उन सभी ने अपने अपने क्षेत्रों में ऑक्सीजन सिलेंडर लगाए, बेड लगाए वह सभी बधाई के पात्र हैं, लेकिन किसी संस्था ने कोई काम नहीं किया यह सभी आरडब्ल्यूए सेक्टरों ने किया है और इसकी आरडब्लूए की सराहना मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री में भी की है।

उन्होंने कहा कि सूबे के मुख्यमंत्री जब हमारे शहर आए थे तो उस समय शहर के अंदर त्राहि त्राहि मची हुई थी, ऑक्सीजन की कमी थी, बेड की कमी थी, लेकिन तब हमारे लोग उनसे मिले और किसी ने भी मुख्यमंत्री को यह अवगत नहीं करवाया कि हमारे अस्पतालों में कितनी लूट मच रखी है। उन्होंने कहा कि उन्हें किसी ने नहीं बताया कि हमारे यहां पर जो चीफ मेडिकल ऑफिसर थे उन्होंने कभी फोन नहीं उठाया, उन्होंने किसी से बात नहीं की, सीएमओ साहब ने किसी को कहीं जाकर नहीं देखा, लेकिन मुख्यमंत्री साहब से मिलने के बाद सीएमओ की शिकायत उनसे नहीं कर पाए इस बात का मुझे अफसोस रहेगा।

सवाल: ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस वे पर जो 61.53 करोड़ की लागत से जो रीसरफेसिंग काम चल रहा है, 4 अंडरपास भी बन रहे है। चार साल बीत गए लेकिन अभी तक कुछ नही हो पाया आप किस तरह से दवाब बना पाएंगे प्राधिकरण के मुख्यकार्यपालक महोदय पर ?

योगेंद्र शर्मा ने कहा कि जो विकास कार्य किए जाते है उनमे कुछ न कुछ परेशानी जनता को झेलनी पड़ती है। जैसा कि हम सब को अवगत है पिछले दो सालों में कोरोना के कारण शहर में काफी सारे काम है जो रुक गए है। इसका कारण है की कई सरे ठेकेदार हमारे बिच नहीं रहे जिसकी वजह से विकास कार्यो की गति धीमी हुई है, लेकिन हम कोशिश करेंगे कि जल्द से जल्द विकास कार्यों में तेज़ी लायी जाए।

एनपी सिंह ने कहा सड़क, फ्लाईओवर और अंडरपास की नोएडा में जल्दी से जल्दी आवश्यकता है, नोएडा में विकास कार्यों में और तेजी लाने की आवश्यकता है, साथ ही हमें उस तरह से काम करना पड़ेगा जिस तरीक़े से दिल्ली में सड़क और फ्लाईओवर निर्माण कार्य चल रहा है।

सवाल: डीएससी (दादरी सूरजपुर छलेरा) रोड पर दूसरा नोएडा के एलिवेटेड रोड बन रहा है। जिसकी लागत 468.34 करोड़ है, उसकी बनने की समय सीमा को पुनः बढा दिया गया है, अब उसका समय दिसंबर, 21, 2022 कर दिया गया है, जो दिसंबर, 21, 2021 थी। इसपर आप लोगों का क्या कुछ कहना है ?

योगेंद्र शर्मा ने कहा कि उस प्रोजेक्ट में काम को बढ़ाया गया है, हमने प्राधिकरण से एक यूटूर्न कि मांग की थी जिसको उन्होंने स्वीकार कर उस प्रोजेक्ट में काम बढ़ाया है। उसके साथ ही जैसा मैंने आप सबको अवगत कराया कि कोरोना के कारण भी शहर में काम की गति धीमी पड़ी है, लेकिन अब कार्य बहुत तेज गति से आगे बढ़ेगा इसका मुझे पूरा यकीन है।

एनपी ने कहा कि इस प्रोजेक्ट के लिए विधायक पंकज सिंह के साथ हम खुद माननीय रोड एवं परिवाहन मंत्री नितिन गड़गरी से मिले थे और एलिवेटेड रोड को हमने उनसे पास कराया था। लगभग 700 करोड़ का यह प्रोजेक्ट उन्होंने पास किया था लेकिन नोएडा प्राधिकरण जैसे प्राधिकरण ने इस काम को कराने के लिए टेंडर जारी किए वैसे ही कोरोना ने दस्तक दे दी थी जिसके कारण वह काम नही पाया। उस काम को बहुत जल्द पूरा करने की आवश्यकता है मैं चाहूंगा कि उस काम को तुरंत शुरू किया जाए और उसका टेंडर तुरंत जारी किया जाना चाहिए।

सवाल: हमारे नोएडा क्षेत्र में 736 पार्क है जिसमे से एक बायोडायवर्सिटी पार्क है यह पार्क, हमारे क्षेत्र का सबसे बड़ा पार्क है जो कि सेक्टर 91 में स्थित है, लेकिन यह हम सबके सामने है कि उसमें जो जल का छिड़काव किया जाता है वह भू-जल से किया जाता है। और ऐसे ही नोएडा में कई सारे पार्क हैं जिनमें यह काम चल रहा है, आप किस तरीके से देखते हैं इसे की क्या रैंकिंग के चक्कर में हम स्वच्छता को भूल जाएंगे, जमीनी स्तर पर हम लोगों ने किस तरीके से इस पर काम किया और आगे किस तरीके से हम लोग काम कर पाएंगे?

योगेंद्र शर्मा ने कहा पिछले 2 सालों से हमने स्वच्छता पर बहुत ज्यादा काम किया है सारे आरडब्लूए ने और हमने जिस तरीके से प्राधिकरण के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम किया है उसी के अनुरूप उत्तर प्रदेश में पहला स्थान और देश में 25 वां स्थान हमको प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा बहुत सारा काम अभी हमें स्वच्छता अभियान में करना है, अगला टारगेट हमें स्वच्छता में नंबर वन लाना है हर क्षेत्र में जो भी कमियां है उन कमियों को हम प्राधिकरण के साथ बैठकर डिस्कस करके उनको खत्म करने का काम करेंगे और इन को दूर करेंगे और अपने शहर को स्वच्छता में नंबर वन लेकर आएंगे।

एनपी सिंह में जवाब देते हुए कहा कि स्वच्छता के मामले में प्राधिकरण द्वारा जिस तरीके से काम होना चाहिए था वैसा काम नोएडा के अंदर नहीं हो रहा है क्योंकि स्वच्छ पानी को हम लोग उसमें इस्तेमाल कर रहे हैं जो गंदा पानी आता है उस पर एसटीपी पूरी तरीके से काम नहीं कर रही है, नोएडा में जितने नाले हैं उनका सही से उपयोग नहीं किया जा रहा साथ ही नालों की सफाई भी नहीं की जा रही, आपने देखा होगा जैसे ही बारिश होती है पूरा शहर जलमग्न हो जाता है। जब तक नालों पर ठीक ढंग से काम नहीं होगा तब तक सफाई ठीक ढंग से नहीं हो सकती। क्योंकि नालों का पानी सड़कों पर जमा हो जाता है। जिसके कारण सड़कों पर सफाई नहीं रहती। तो इसके लिए प्राधिकरण को नालों पर काम करना पड़ेगा और उनके साथ सभी आरडब्ल्यूए को भी कंधे से कंधा मिलाकर इस पर काम करना पड़ेगा तभी हमारा शहर पूरी तरह से स्वच्छ बन पाएगा। उन्होंने कहा हमारे आरडब्ल्यूए क्षेत्र में कई सारे वरिष्ठ अधिकारी और रिटायर लोग मौजूद है जिनके अनुभव से हम स्वच्छता के विषय पर बहुत सारे कार्य कर सकते हैं, लेकिन उनके साथ मिलकर नोएडा प्राधिकरण कुछ नहीं करता नई-नई कंपनियों को टारगेट कर उनको पैसा देकर उनको सलाह देता है जिनको कुछ पता ही नहीं होता नोएडा के बारे में, नोएडा के विषय में यहां की जनता को साथ लेकर काम करना पड़ेगा यहां के आरडब्ल्यूए को साथ लेकर काम करना पड़ेगा। इन की सलाह के साथ अगर नोएडा प्राधिकरण काम करेगा। तो नोएडा सिर्फ हिंदुस्तान का नहीं पूरी दुनिया का सबसे खूबसूरत शहर बनेगा।

सवाल: नोएडा के अंदर फोनरवा ने गुड इवनिंग कैंपेन की शुरुआत की है जिसमें हर शाम आरडब्लूए के अलग-अलग सेक्टर में एसपी और डीसीपी के साथ मीटिंग की जाती है इसमें सवाल यह उठ कर आ रहा है कि दस नए और थाने प्रस्तावित हुए हैं गौतम बुद्ध नगर जिले के लिए जिसमें से 6 थाने नोएडा के लिए प्रस्तावित हुए है लेकिन फिर भी अगर चेन स्नेचिंग जैसी घटनाएं हमारे सामने आती रहेंगी तो उस पर कैसे रोक लगाई जाए ?

योगेंद्र शर्मा ने कहा 2 साल पहले जब हमारा पैनल फोरनेवा मैं जीत कर आया था तो उस समय हमारी सबसे बड़ी समस्या थी पुलिस के साथ संवाद, हमने इस समस्या को गंभीरता से लिया और हमने उस पर काम किया। उन्होंने कहा कि पहले पुलिस का और आरडब्लूए का कोई संवाद नहीं था, हमने कमिश्नर साहब से मुलाकात की और अपनी समस्याओं के बारे में हमने उनको अवगत कराया। और उन्होंने हमको आश्वासन दिया कि आपकी सभी समस्याएं दूर होंगी। जैसा कि हमारी पहली समस्या थी कि पुलिस का और आरडब्ल्यूए का कोई संवाद नहीं हो पाता था, जिस पर हमने कमिश्नर साहब से बात की और हर महीने हमारे आरडब्ल्यूए की मीटिंग पुलिस के साथ तय की गई। अब तक लगभग हम 50 से ज्यादा बार कमिश्नर और डीसीपी के साथ मीटिंग कर चुके हैं जिसके कारण अब आप देख भी सकते हैं की हमारे क्षेत्र में चैन स्नैचिंग जैसी घटनाओं पर काफी हद तक रोक लगी है।

सवाल: कई सारे संस्थानों के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और महासचिवों पर आवारा कुत्तों को लेकर एफआईआर हो चुकी है और प्राधिकरण इस मामले को लेकर कहीं ना कहीं फेल होता हुआ नजर आ रहा है, फोनरवा इस चुनोती को किस प्रकार देखता है ?

योगेंद्र शर्मा ने कहा स्ट्रीट डॉग की समस्या एक बहुत बड़ी समस्या है जिसको लेकर हम पहले से ही आवाज उठाते रहे हैं, शर्मा ने कहा हम चाहते हैं कि इन आवारा कुत्तों के लिए शेल्टर होम की व्यवस्था शहर में की जाए और साथ ही जल्द से जल्द नसबंदी की प्रक्रिया शुरु की जाए और इसमें पारदर्शिता बनी रहनी चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा अगर हमारा पैनल चुनाव जीतता है तो स्ट्रीट डॉग की समस्या को लेकर हम पीआईएल दाखिल करेंगे। और यह हमारे घोषणापत्र मैं भी है।

आवारा कुत्तों की समस्या को लेकर एनपी सिंह ने ने कहा इस समस्या को लेकर हमने प्राधिकरण के सामने एक प्रस्ताव रखा था की नोएडा शहर को आप 4 जोनों में विभाजित कर दीजिए जिसमें 20 सेक्टर का 1 जोन हो सकता है और आप चार एजेंसीयो को इसमें हायर कीजिए और हर एक जोन की जिम्मेदारी एक एजेंसी को दे दीजिए और वह एजेंसी डॉग्स की समस्याओं पर काम करेगी और प्रत्येक जोन की जिम्मेदारी और उसकी जवाबदेही उस एजेंसी की होगी और वही एजेंसी उन सभी आवारा कुत्तों का पालन पोषण करेंगी उनका इलाज करेंगी और उनकी नसबंदी कराएंगीं।

सिंह ने कहा आपने देखा होगा हमारे समय में किसी भी डॉग लवर ने हमारे खिलाफ किसी भी प्रकार की एफआईआर दर्ज नहीं कराई होगी। उन्होंने कहा हमने अपनी तरफ से हमारे कुत्तों की समस्या को लेकर एक एजेंसी को हायर किया था और साथ ही प्राधिकरण से भी हमने मांग की थी कि वह एजेंसियों को हायर करें लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया जिसको लेकर हमें प्राधिकरण पर दबाव बनाना चाहिए। सिंह ने कहा कि पिछले 5 महीने से नोएडा के अंदर कोई भी एजेंसी आवारा कुत्तों की समस्याओं को लेकर काम नहीं कर रही है। उन्होंने कहा हमने जिस एजेंसी को इसका टेंडर दिया था उस एजेंसी की भी जवाबदेही होनी चाहिए की उन्होंने इसको लेकर काम क्यों नहीं किया, प्राधिकरण को इस मामले पर ध्यान देने की आवश्यकता है।

सवाल: नोएडा का लगातार विकास हो रहा है यहां पर कुछ टाइम में एयरपोर्ट भी आ रहा है और फ़िल्म सिटी भी बनने जा रही है और साथ ही नोएडा में 80 गांव के साथ नए सेक्टर भी बनाए जा रहे है, ऐसे में अब यहां की जनसख्या में भी बढ़ोतरी देखी जा रही है, लेकिन यहां के किसानों का कहना है कि नोएडा प्राधिकरण उनको पजेशन नही दे रही है।

योगेंद्र शर्मा ने कहा कि इस मामले को लेकर काफी आवंटी हमारे पास आए थे इसको लेकर हमने प्राधिकरण से बातचीत भी की थी, इसको लेकर किसानों का प्राधिकरण के साथ कुछ डिस्प्यूट है, जिसको लेकर किसानों ने कोर्ट मे याचिका भी दायर कर रखी है। प्राधिकरण इसको लेकर लगातार प्रयासरत है | उन्होंने कहा मझे लगता है कि काफी हद तक सेक्टर 145 का यह काम हो चुका है हमने प्राधिकरण से मांग की थी कि एक्सटेंशन को और बढा दिया जाए। मुझे उम्मीद है कि इसपर जल्द काम कर लिया जाएगा।

एनपी सिंह ने कहा कि नोएडा प्राधिकरण के पास पहले से ही स्टाफ की कमी है ऐसे में जो न्यू नोएडा बनने जा रहा है यहां पर अगर स्टॉफ चला जायेगा तो पुराना नोएडा तो ठप हो जाएगा, नये नोएडा के लिए हमे नए स्टाफ भी रखने होंगे। सिंह ने कहा की यहां का स्टाफ अगर वहां जाएगा तो वहां पर वह सभी जमीन बेचने का कार्य में लग जाएंगे और यहां पर कोई भी काम नही हो पाएगा। उन्होंने कहा प्राधिकरण के पास स्टाफ की इतनी कमी है कि उन्हें अब लोगों को संविदा पर रखना पड़ रहा है। नोएडा शहर को स्वच्छ और सुंदर शहर बनाने के लिए प्राधिकरण को स्टाफ की भर्ती करनी होगी, जिससे कि नोएडा में किसी भी प्रकार के काम में रुकावट न पैदा हो सके।

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