गलगोटिया काॅलिज में चोथे दिन कंप्यूटर सांईस कार्यक्रम

GREATER NOIDA LOKESH GOSWAMI  

आज गलगोटिया काॅलिज में कंप्यूटर सांईस एण्ड इन्जिनियर विभाग द्वारा क्ंपयूटिंग प्रौद्योगिकी में हाल के अग्रिम आवेदन पर पाँच दिवसीय संकाय विकास कार्यक्रम के चोथे दिन प्रथम सत्र में प्रो0 एम आर वारसी अलीगढ विश्वविद्यालय अलीगढ ने प्रकृति प्रेरित कंप्यूटिंग के बारे में चर्चा की इसके अन्र्तगत उन्होंने बताया कि बुलेट ट्रेन के इंजन के मुख की संरचना किंग फिशर पक्षी की चोंच (मुख) से प्रेरित हो कर की गयी हैं। इसके अलावा बताया कि चींटियां एक जगह से दूसरे जगह जाने के सबसे छोटा रासता कैसे प्राप्त करती है। कहा चिंटियां अपने रासते में चलते समय फेरोमाॅन नामक रसायन छोडती जाती है। जिसका अन्य चिंटियां अनुशरन करती जाती है। डाॅ0 ऐ0 प्रो0 नन्हे सिंह अम्बेडकर इंसिटियूट आॅफ टैक्नोलोजी दिल्ली ने दूरसंचार प्रणााली एवं निकायो में लागू होने वाले अग्रिम सिद्धांतो को प्रभावशाली तरीके से सहभागिंयो के सामने रखा। दिन के दूसरे सत्र में प्रो0 जहिरूद्दीन जामिया विश्वविद्यालय दिल्ली ने साफ्ट कंप्यूटिंग के बारे में विस्तार पूर्वक बताया। अपने व्याख्यान में साफ्ट कंप्यू0 के विभिन्न घटकों के बारे में बताया। इसके एक घटक फजिलाॅजिक के उपयोग के बारे में विस्तृत जानकारी दी। फजिलाॅजिक के द्वारा मानव के अनुमानिक गुणो को कंप्यूटिंग टैक्नोलोजी में व्यक्त किया जाता है।अन्य वक्ता जे0 एल बिन्द वैज्ञानिक ई, डी आर डी ओ दिल्ली ने काॅगनिशन आॅफ ब्रेन के बारे में बताया। इसके अन्र्तगत इन्होंने नार्को टैस्ट की संक्षिप्त जानकारी दी। साथ ही इस तकनीक के अन्य आयाम फेश रिक्गनिशन गैस्चर इनायलिशिस एवं एफ एम आर आई तकनीक के बारे में बताया। यह तकनीक नार्को टैस्ट की एक आधुनिक तकनीक हैं। इससे एक कैमरे के द्वारा मानव के मस्तिष्क की जाँच की जाती है।

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