सड़क हादसे में गई छात्र की जान, साथियों ने अस्पताल पर लगाया इलाज में लापरवाही का आरोप

ABHISHEK SHARMA

Greater Noida (16/10/19) : ग्रेटर नोएडा के गलगोटिया यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले छात्र की यथार्थ अस्पताल में इलाज के दौरान हुई मौत। बीते 11 अक्टूबर को ग्रेटर नोएडा के पी 3 गोल चक्कर पर ट्रक से हुआ था एक्सीडेंट।  इलाज के दौरान हुई छात्र की मौत। गलगोटिया यूनिवर्सिटी में बीटेक के फाइनल ईयर की पढ़ाई कर रहा था छात्र। मृतक छात्र के साथियों ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। छात्रों का कहना कि एक्सीडेंट के बाद खुद चलकर आया था छात्र। हालांकि अस्पताल प्रबंधन ने इन आरोपों को निराधार बताया है।



यथार्थ अस्पताल के चेयरमैन डॉ कपिल त्यागी का कहना है कि 10 अक्टूबर की रात को एक लड़का यहां पर भर्ती कराया गया था जिसकी स्थिति उस समय बेहद नाजुक थी। उसे ट्रक ने कुचल दिया था, ट्रक से कुचल जाने की वजह से उसका दायां पैर पूरा पेट के पास से कुचल गया था , जिससे उसकी ज्यादातर नशे कट गई थी और जब यहां पर आया था तो उस वक्त उसकी स्थिति ऐसी थी कि किसी भी वक्त मौत हो सकती थी। जिस समय उसे भर्ती कराया गया था तो उसका हिमोग्लोबिन 3 से 4 के आसपास था।

छात्र को तुरंत वेंटिलेटर पर रखा गया और साथ में उसको आईसीयू में शिफ्ट किया गया। छात्र के साथ में जो अन्य साथी थे उनसे बताया गया कि पीड़ित को खून की जरूरत है। तो उसे खून चढ़ाया गया, जिसके बाद छात्र की हालत सुबह तक थोड़ी बेहतर हुई। जिसके बाद छात्र की एंजियोग्राफी की गई जिसमें पाया गया कि उसके पैर की  नस पूरी तरह से कट गई थी। जिसकी वजह से रात भर बहुत खून बहा।

इसकी जानकारी मरीज के परिजनों को भी दी गई थी पर किसी तरह से डॉक्टरों ने उस की नस को जोड़ा और उसका ब्लड सरकुलेशन भी थोड़ा ठीक से चलने लगा था। लेकिन उसकी मसल पूरी तरह से कट गई थी जिसकी वजह से स्थिति बिगड़ती चली गई और उसकी किडनी ने काम करना बंद कर दिया।

2 दिन के बाद उसके साथियों को बताया गया कि उसके पैर की कंडीशन और भी ज्यादा खराब है और पैर की वजह से जान को खतरा हो सकता है, तो पैर हटाना पड़ेगा।  2 दिन के बाद उसका ऑपरेशन किया गया और पैर निकाला गया लेकिन तब तक उसकी किडनी ने काम करना बंद कर दिया था। जिसकी वजह से उसकी मृत्यु हो गई। लड़के की स्थिति के बारे में हर घंटे परिजनों को सूचना दी जा रही थी तो इसमें अस्पताल प्रबंधन की कोई लापरवाही नहीं है।

आपको बता दें कि छात्र सिद्धार्थ सिंह मूलरूप से कानपुर का रहने वाला था और ग्रेटर में एनआरआई सिटी  में रह रहा था।


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