उत्तर प्रदेश में लॉक डाउन हटना चाहिए या नहीं? गौतमबुद्धनगर वासियों ने दी यह राय
Abhishek Sharma
देश में कोरोना वायरस के कहर को रोकने के लिए सरकारी तंत्र जुटा हुआ है। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ किसी सेनापति की तरह मोर्चे पर डटे हुए हैं। उनका हर एक मिनट कोरोना के खिलाफ इस जंग में नई रणनीति बनाने और उस पर अमल करने में बीत रहा है। केंद्र सरकार ने पूरे देश में लॉकडाउन भी लगाया, वो भी 21 दिनों के लिए, जो 14 अप्रैल को पूरे हो रहे हैं।
खबर आ रही है कि सरकार पहले उन जिलों से लॉकडाउन हटा सकती है, जहाँ कोरोना वायरस संक्रमण का खतरा काफी कम है। इसमे भी वायरस संक्रमण वाले हॉट स्पॉट चिन्हित किए जा रहे हैं। तब्लीगी जमात के संक्रिमत लोग कई जिलों में पहुँच चुके हैं और खतरा बने हुए हैं। ऐसे लोगो के कारण खास जिलों या उनके खास इलाको में जांच पूरी होने तक बंदिश रहेगी।
उत्तर प्रदेश समेत पूरे देश में लॉक डाउन के चलते उद्यमियों को काफी नुकसान हो रहा है। सभी प्रकार के उद्योग बंद पड़े हुए है। हालांकि आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई जारी है। उत्तर प्रदेश में 14 अप्रैल को लॉक डाउन खोला जाना चाहिए या नहीं, इसको लेकर गौतम बुध नगर के निवासियों व उद्यमियों ने अलग अलग राय दी हैं।
नोएडा में रहने वाले पावर कंसल्टेंट, राजीव गोयल का कहना है कि अभी लॉक डाउन नहीं खुलना चाहिए। यह 8-10 मई तक जारी रहना चाहिए। डब्ल्यूएचओ ने भी पुन: दावा किया है। कई देश मई के दूसरे सप्ताह तक लॉकडाउन कर रहे हैं। जो कुछ भी हमने प्राप्त किया है, हम खो देंगे अगर लॉक डाउन 30 अप्रैल से पहले खोला जाएगा।
ग्रेटर नोएडा के निवासी सौरभ बंसल ने कहा, 21+2 कुल 23 दिनों के अभूतपूर्व लॉक डाउन के समय में केंद्र व राज्य सरकार द्वारा अधिकतर कोरोना संदिग्ध मरीजों व उनके रहने के एरिया को चिन्हित कर लिया जाएगा। अतः जिन स्थानों पर ऐसे संदिग्ध मरीज है उन एरिया को कुछ और समय के लिये लॉक डाउन किया जा सकता है ( जब तक उस एरिया के सभी लोगों की जाँच ना हो तब तक )। अन्य सभी स्थानों पर से लॉक डाउन हटाया जा सकता है।
इसके साथ साथ भीड़ भाड़ वाले व सामूहिक कार्यक्रमों पर व इंटरनैशनल फ्लाइटस पर अभी कुछ दिन और रोक लगी रहनी चाहिये। यात्रियों की परस्पर कोरोना की जाँच करते हुए रेलू उड़ानों को भी चालू किया जा सकता है। ट्रैन, बस व अन्य पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर भी जाँच का दायरा बढा कर चालू किया जा सकता है। जिससे सभी देशवासियों का जीवन व अर्थव्यवस्था पुनः पटरी पर आ सके।
ग्रेटर नोएडा में रहने वाले उद्यमी विपिन महना के मुताबिक, मुझे लगता है कि ऐसे क्षेत्र जो हॉटस्पॉट नहीं हैं, वहां लॉकडाउन समाप्त हो जाना चाहिए, लेकिन धारा 144 जैसे प्रतिबंधों और सामाजिक दूरियों के मानदंडों के सख्त कार्यान्वयन के साथ ही यह खत्म हो। लॉकडाउन के आंशिक और चरणबद्ध उद्घाटन से धीरे-धीरे श्रमिकों और दैनिक मजदूरी अर्जक और अर्थव्यवस्था की देखभाल शुरू हो जाएगी, संबंधित क्षेत्र के जोखिम कारकों के आधार पर चरणबद्ध शिष्टाचार में लॉकडाउन उठाया जाना चाहिए।
भारतीय सर्वोच्च न्यायालय के वकील , के. एम. कपूर का कहना है, हाँ, इसे कुछ दिशा-निर्देशों के साथ हटाया जाना चाहिए ताकि नागरिकों को आर्थिक विकास के हित में पालन किया जा सके, साथ ही कम मजदूरी वाले लोगों के हित को ध्यान में रखते हुए जो दैनिक मजदूरी पर मजदूर के रूप में काम करते हैं। हालाँकि जो भी निर्णय हमारे माननीय पीएम / सीएम लेते हैं, उसे जनता द्वारा बड़े पैमाने पर पालन किया जाएगा।
सेक्टर 18 मार्केट एसोसिएशन के अध्यक्ष एस. के जैन का कहना है कि कम रिस्क वाले जिलो मे यह खोला जाना चाहिये लेकिन यह सुनिश्चित करते हुये कि ये जिले पूर्ण रूप से दूसरे क्षेत्रो से आवागमन से प्रतिबंधित रहे।
नोएडा के रहने वाले दिनेश सिंह ने बताया, बिल्कुल मेरा मानना है कि कारखाने स्कूल पब्लिक ट्रांसपोर्ट बंद रहने चाहिए। धीरे-धीरे ऐसे क्षेत्रों की कार्य खोलने चाहिए जहां पर ऑफिस से कार्य होता हो और उसकी पूरी जिम्मेदारी ऑफिस पर होनी चाहिए पूरी जांच के बाद अनुमति होनी चाहिए जैसे, 2 डेज इन वीक और अगर सही रहा तो 3 दिन इस तरह से हो सकता है।
नोएडा के समाजसेवी अमित गुप्ता ने बताया, उनका मानना है कि दिल्ली-एनसीआर में लॉक डाउन 30 अप्रैल तक नहीं खोलना चाहिए उसके कई कारण है।
#1 – एक तो यहां सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमित मामले हैं, अगर हम 15 तारीख को लॉक डाउन खोल देंगे तो पिछले 3 हफ्ते की मेहनत खराब हो जाएगी।
#2 – ज्यादातर लेबर अपने गांव चली गई है और फसल कटाई का सीजन है तो लेबर अभी जल्दी से वापस नहीं आएगी।
#3 – नोएडा जैसे शहर में जहां आईटी कंपनी ज्यादा है, आईटी कंपनी को कम से कम 30 अप्रैल तक ऑफिस खोलने की इजाजत नहीं होनी चाहिए, बाकी व्यवसाय धीरे-धीरे खुल सकते हैं।
#4 – देश के 270 जिले मे केस मिले हैं तो बाकी जिले जिनमें 12 अप्रैल तक कोई भी केस नहीं मिले उनको खोल देना चाहिए।
#5 – 15 मई तक अंतरराष्ट्रीय उड़ाने बंद होनी चाहिए