जी. एल. बजाज संस्थान में सम्पन्न हुई वाटर हार्वेस्टींग पर संगोष्ठी
GREATER NOIDA REPORTER LOKESH GOSWAMI
ग्रेटर नॉएडा के नॉलेज पार्क में स्थित जी. एल. बजाज संस्थान में सम्पन्न हुई वाटर हार्वेस्टींग पर संगोष्ठीजल ही जीवन है। जल के बिना धरती पर जीवन के अस्तीत्व की कल्पना भी नही की जा सकती। जल के इतने महत्वपूर्ण होने के बाबजूद, पानी की बर्बादी हर जगह देखने को मिल जाती है। जल संचयन के महत्व को बताने व वर्षा के जल को किस तरह संरक्षित किया जा सकता है, इस बात पर चर्चा करने हेतु जी.एल. बजाज संस्थान के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के द्वारा ‘रेन वाटर हार्वेस्टींग-ए र्स्माट टेक्नोलॉजी’ नामक संगोष्ठी का आयोजन किया गया।संगोष्ठी में मुख्य वक्ता के रुप में नामी वैज्ञानिक डॉ. दुर्जा चक्रवर्ती, सेन्ट्रल ग्राउन्ड वाटर बोर्ड (नई दिल्ली), फोर्स संस्था के डायरेक्टर श्री संजीव शर्मा तथा ऐशियन पेन्ट के सी.एच.एस. मैनेजर श्री सिद्वार्थ भदौरिया थे।मुख्य वक्ताओं ने प्रमुख रुप से जल संरक्षण तथा संचयन पर जोर दिया। उन्होने रेन वाटर हार्वेस्टींग को इंजीनियंरिंग की ओर से दिया गया सबसे उत्तम उपाय बताया। उन्होने कहा कि आज जरुरत है कि घर-घर में जल संरक्षण पर जोर दिया जाए और हर सोसाईटी, गॉंव, शहर में वर्षा-जल संचयन को जरुरी किया जाए। उन्होने गिरते अन्डरग्राउन्ड वाटर लेवल पर भी चिंता जतायी और रेन वाटर हार्वेस्टींग को गिरते अन्डरग्राउन्ड वाटर स्तर को उठाने कि लिए एक सहज उपाय बताया।इस मौके पर संस्थान के वाइस चेयरमेन, श्री पंकज अग्रवाल ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि जी.एल. बजाज संस्थान जल संरक्षण हेतु कटिबद्वध है। इस दौरान जी.एल. बजाज में एशियन पेन्ट तथा फोर्स के सहयोग से बने दस ‘रेन वाटर हार्वेस्टींग स्ट्रक्चर’ का ‘कलश उत्सव’ भी किया गया। जिसके तहत औपचारिक रुप से इन्हें संस्थान को सौंपा गया। इन संरचनाओं की पुनर्भरण क्षमता 7000 किलो लीटर प्रति वर्ष है। संस्थान के निदेशक डॉ. राजीव अग्रवाल ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया। सभी संकायों के प्रमुख तथा सिविल इंजीनियरिंग संकाय के सभी सदस्यों ने संगोष्ठी में भाग लिया। इस संगोष्ठी के आयोजन में सिविल विभागाध्यक्ष श्री ए.के. यादव का विशेष प्रयास रहा।