800 से अधिक लोकगायकों की मदद कर अभिनव ने फोर्ब्स टॉप 30 यंग अचीवर्स मे बनाई जगहा

Saurabh Kumar / Photo & Video By Baidyanath Halder

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Greater Noida (15/04/2019) : ग्रेटर नोएडा के रहने वाले अभिनव अग्रवाल ने शहरवासियों को गौरवान्वित होने का एक और मौका दिया है। अभिनव ने बहुत /ही प्रभावशाली फोर्ब्स मेगज़ीन के टॉप 30 यंग अचीवर्स 2019, कला वर्ग की सूची में स्थान प्राप्त किया है।

विश्व विख्यात बार्कले कॉलेज ऑफ़ म्यूजिक, स्पेन से पढ़े अभिनव अग्रवाल अनहद फाउंडेशन के संस्थापक हैं। बतौर संस्थापक अभिनव ने पूरे देश का भ्रमण कर लोक संगीत को संरक्षित कर उन्हें एक जगह संग्रहित करने का काम कर रहे है।



इसी को लेकर टेन न्यूज़ ने उनसे खास बातचीत की और जाना कि किस तरह से उन्होंने इस मुकाम को हासिल किया।

फोर्ब्स मेगज़ीन के टॉप 30 यंग अचीवर्स 2019, कला वर्ग की सूची में स्थान प्राप्त करने वाले अभिनव ने बताया कि सबसे पहले मैंने दिल्ली में एक स्टूडियो स्थापित की ताकि वहां लोक कलाकार आकर अपने गानों को रिकॉर्ड कर सके , पर यह सोच उतनी कारगर साबित नहीं क्यूंकि कलाकारों के पास अपने घर को छोड़ कर दिल्ली आना संभव नहीं हो पाया। इसके बाद हमने ऐस कुछ सोचा जिस से की हम उनके घर जाकर सीधा उनके गानों को रिकॉर्ड कर पाए।

उन्होंने बताया कि सबसे पहले हमारी एक रिसर्च टीम ऐसे कलाकारों की पहचान करती है जो वाकई कुछ कर सकते हैं। फिर उनके पास जाकर हम उनके गानों को रिकॉर्ड करके , उसकी सीडी तैयार कर , कलाकारों के नाम से उनके विजिटिंग कार्ड तैयार कर वेब साइट पर अपलोड कर देते है ताकि कलाकारों को बेहतर काम मिल सके।

उन्होंने आगे बताया कि उन्होंने अपनी शुरुआत जैसलमेर से की। वहां पर एक लोक कलाकार दापु खान की मदद की जिसके बाद उनको मिले काम को देखकर बाकि के कलाकारों ने भी हमसे उनकी मदद करने का आग्रह किया। अभी तक हम लगभग पांच राज्यों के अंदर 800 कलाकारों की मदद की है।

इतनी काम उम्र में इतना कुछ हासिल कर लिया हैं, अपने आगे की रणनीति के बारे में कुछ बताइए ?

आने वाले दो ,तीन सालो की बात करू तो हम अभी ब्रीफ़केसे स्टूडियो नाम के नए प्रोजेक्ट की शुरुआत करने जा रहे है। जिसके तहत हम कलाकारों को ही ट्रेनिंग देते है कि किस तरह से उन्हें अपने गानों को रिकॉर्ड करने है। मांग बढ़ जाने पर हमारे लिए यह संभव नहीं है कि हम हर किसी की घर जाकर मदद कर सके।

किस राज्य में आपको सबसे ज्यादा लोक कला देखने को मिली ?

उन्होंने कहा कि मैने अपनी शुरुआत राजस्थान से उस ज़िले से शुरुआत की जिसे लोकगायन का गढ़ कहा जाता है पर इसके अलावा भी जब मैं देश के विभिन इलाकों में गया तो मुझे एक ही जिले में कई लोकगायन के अंदर विविधता देखने को मिली।

उन्होंने बताया कि उनका यूट्यूब पर अनहद के नाम से चैनल है जहां पर आप हमारे गानों को सुन सकते है, इसके साथ-साथ इस साल हम अलग अलग म्यूजिक ऍप्स पर भी अपने गाने लांच करने जा रहे है।

सरकार को लोकगायन के प्रति सुझाव देने पर उन्होंने कहा कि मेरा सरकार से आग्रह है कि सरकार के पास ऐसे कई लोग है जो की लोकगायन का संग्रह करते है , पर यह संगीत सिर्फ संग्रह तक ही सीमित न रह जाए, बल्कि आम आदमी तक भी पहुँच पाए। साथ ही जिन कलाकारों ने इसे रिकॉर्ड किया है उन्हें भी इसका कुछ लाभ मिल सके।

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