जिलाधिकारी एन पी सिंह ने कहा कि लापरवाही पाये जाने पर उनके विरूद्ध तत्काल कार्यवाही की जायेगी.

LOKESH GOSWAMI

आज  जिलाधिकारी एन पी सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य विभाग में प्रगति लाने के लिये  सम्बन्धित अधिकारियों व् डाक्टर्स तथा अन्य स्टाफ के द्वारा किसी भी तरह की लापरवाही पाये जाने पर उनके विरूद्ध तत्काल कार्यवाही की जायेगी और जिन ऑगनवाड़ी केन्द्रों पर बच्चों स्वास्थ्य परीक्षण के दौरान 80 प्रतिशत से कम बच्चों की उपस्थिति होगी उनकी सेवायें समाप्त करने की कार्यवाही प्रस्तावित होगी।  प्राईमरी स्कूलों में स्वास्थ्य परीक्षण के दौरान बच्चों की उपस्थिति कम पाये जाने पर वहॉ पर नियुक्त अध्यापकों को प्रतिकूल प्रविष्टि दी जायेगी।उन्होनें स्पष्ट  कहा कि सरकार के द्वारा गरीब बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण एवं बीमार बच्चों का निःशुल्क ईलाज कराने के लिये पूर्ण रूप से कटिबद्ध है परन्तु इस कार्य में अधिकारी व् कर्मचारियों की लापरवाही के कारण समस्त बच्चों को इस कार्यक्रम का पूर्णता के साथ लाभ प्राप्त नहीं हो पा रहा है। जिलाधिकारी ने इस सम्बन्ध में जिला कार्यक्रम अधिकारी को स्पष्ट निर्देश दिये कि स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से जो निर्धारित कार्यक्रम उन्हें केन्द्रों पर बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण का भेजा जाये उसमें 80 प्रतिशत से कम उपस्थिति होने पर सम्बन्धित ऑगनवाड़ी कार्यकत्री के विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जाये और उसकी सेवायें समाप्त करने की संस्तुति की जाये। इसी प्रकार उन्होनें जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को भी कहा कि यदि उनके स्कूलों में बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण के दौरान 80 प्रतिशत से कम उपस्थिति बच्चों की पायी जाये तो सम्बन्धित अध्यापक को प्रतिकूल प्रविष्टि उसकी सर्विस पुस्तिका में दर्ज की जाये। इस कार्यक्रम में कार्य कर रही 8 टीमों के डाक्टर्स एवं अन्य स्टाफ को आन्तरिक रूप से जागरूक करते हुये कहा कि  प्राईमरी स्कूल एवं ऑगनवाड़ी केन्द्रों पर आने वाले सभी बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण होने के साथ-साथ उनका ईजाल भी सम्भव हो सकें। श्री एन पी सिंह ने कहा कि इस कार्यक्रम में जो टीम स्वास्थ्य परीक्षण के कार्यक्रम में लगी है वे समय से स्कूल एवं ऑगनवाड़ी केन्द्रों पर उपस्थित होकर बच्चों के स्वास्थ्य का परीक्षण करें और जो बच्चें उनके द्वारा पूर्ण ईलाज तक बच्चों के सम्बन्ध में पूर्ण जानकारी उनके पास उपलब्ध होनी चाहिये। श्री एन पी सिंह ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को भी आगाह किया कि उनके द्वारा यह सुनिश्चित किया जाये कि जितने भी बच्चें टीमों के द्वारा रेफर किये जाये सभी पीएचसी एवं जिला अस्पताल में सभी बच्चों का ईलाज सम्बन्धित डाक्टर्स के द्वारा सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ किया जाये और उनका पूर्ण डाटा भी रखा जाये ताकि एक भी बच्चा इस कार्यक्रम का लाभ उठाने से वंचित न रहने पाये। श्री सिंह ने यह भी कहा कि इस कार्य में लगे अधिकारियों के द्वारा यह भी जॉच की जाये जो ऐसे परिवार हो कि जिनके पास बच्चों को जिला चिकित्सालय या मेरठ मेडिकल कालेज ले जाने की सुविधा न हो उनका चिन्हिकरण कर लिया जाये सीएसआर के द्वारा उन्हें पूर्ण सहयोग जिला प्रशासन के द्वारा किया जायेगा और जनपद के सभी गरीब बच्चों का ईलाज इस कार्यक्रम के तहत कराया जायेगा। उन्होने  मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा0 एन माथुर को निर्देश दिये कि उनके द्वारा सभी चिकित्सकों के साथ बैठक करते हुये सभी को यह अवगत करा दिया जाये कि राष्ट्रीय बाल
स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत जो भी बच्चें उनके पास ईलाज के लिये पहुॅचे उसमें सभी के द्वारा व्यक्तिगत रूची लेते हुये उनका ईलाज किया जाये और उनका पूर्ण डाटा भी जिला चिकित्सालय में रखा जाये। मुख्य चिकित्साधिकारी के द्वारा जनपद की समस्त पीएचसी पर भी कार्यवाही की जाये। जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि स्वास्थ्य विभाग के द्वारा इस कार्यक्रम में बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण का जो रोस्टर बनाया जाये एक सप्ताह पूर्व सभी को उसकी जानकारी दे दी जाये ताकि अधिकाधिक बच्चें स्वास्थ्य परीक्षण का लाभ उठा सकें। सम्बन्धित रोस्टर की एक प्रति जिलाधिकारी ने भी अपने पास तलब की है और सभी को सचेत किया है कि उनके द्वारा भी आकस्मिक रूप से चैकिंग कर टीमों द्वारा की जा रही कार्यवाही की जॉच की जायेगी। जिलाधिकारी ने सभी सम्बन्धित अधिकारियों को दो-टूक कहा है कि यदि एक माह के भीतर इसमें सुधार नहीं लाया जाता तो दोषियों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही भी प्रस्तावित की जायेगी। और जो टीम अच्छा कार्य करेगी उन्हें सार्वजनिक रूप से सम्मानित भी किया जायेगा। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी माखन लाल गुप्ता, उप जिलाधिकारी दादरी राजेश कुमार यादव, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 अरूण कुमार, कार्यक्रम विभाग, शिक्षा विभाग एवं अन्य सम्बन्धित अधिकारी भी मौजूद थे।

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