गौतम बुद्ध नगर में शहर से निकल गाँवों में पैर पसारता कोरोना, क्या स्वास्थ व्यवस्था है तैयार
Ten News Network
नोएडा – ग्रेटर नोएडा शहर में जहाँ कोरोना के हालात थोड़े बेहतर होते नजर आ रहे हैं वहीं ग्रेटर नोएडा, जेवर, दनकौर, और जारचा के ग्रामीण क्षेत्र में संक्रमण का असर अब अनेकों परिवारों में दिखने लगा है।
अनेक ग्रामीण सर्दी, जुकाम से पीड़ित होकर आसपास के डॉक्टरों व क्लीनिक से इलाज करा रहे हैं। इस कारण मौत का आंकड़ा भी बढ़ा है।
जहां एक तरफ गाँव के निवासियों ने बंद पड़े स्वास्थ्य केंद्रों को खोलने और डॉक्टर तैनात कर लोगों को बेहतर इलाज मुहैया कराने की मांग की है, वहीं दूसरी तरफ स्वास्थ महकमा खुद बीमार सा नजर आता है।
हालांकि, मुख्यमंत्री के दौरे के बाद से ही एक-एक कर गांवों में बुखार से पीड़ित लोगों की जानकारी मिलने पर स्वास्थ्य विभाग ने जांच शुरू की है। इसमें लोग संक्रमित भी मिल रहे हैं।
हाल ही में दनकौर ब्लॉक के विभिन्न गांवों में भी शिविर लगाकर लोगों के स्वास्थ्य की जांच की गई। करीब 50 लोगों की आरटीपीसीआर जांच के लिए सैंपल भी लिए गए हैं।
पर सवाल उठता है कि अगर इन इलाकों में संक्रमण बढ़ता दिखा तो क्या इलाज की पर्याप्त व्यवस्था आस पास के शहरों में उपलब्ध है? फौरी तौर पर तो सरकारी अस्पताल डॉक्टरों, नर्सों की कमी से जूझते नजर आते हैं।
अगर ग्रेटर नोएडा के ही सबसे बड़े सरकारी अस्पताल की बात की जाए तो एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार संस्थान में कोविड ड्यूटी के दौरान 60 प्रतिशत से अधिक स्टाफ संक्रमित हो गया है। इससे मरीजों के इलाज में दिक्कत हो रही है।
बढ़ते संक्रमण को देखते हुए बेड तो बढ़ दिए गए पर मरीजों के हिसाब से संस्थान में स्टाफ की कमी है। हालाँकि सूचना है कि अब एमबीबीएस डॉक्टर, लैब टेक्निशन, वॉर्ड बॉय, नर्स, निश्चेतक, चेस्ट फिजिशन, माइक्रोबायोलॉजिस्ट, सफाई कर्मचारी समेत कुल 12 श्रेणियों के कर्मचारियों की भर्ती इस सबसे बड़े अस्पताल में की जानी है
इन्हें 31 जुलाई तक के लिए अस्थायी तौर पर भर्ती किया जाएगा। एमबीबीएस व नर्सिंग के अंतिम वर्ष, इंटर्न छात्र या अनुभवी भी इसके लिए आवेदन कर सकते हैं।
परन्तु प्रश्न यह उठता है कि क्या इन तैयारियों में ज्यादा देरी नही हो रही? और अगर दूसरे लहर आने के महीनों बाद तक हम अस्पतालों में भर्ती ही कर रहे हैं तो फिर संभावित तीसरी लहर की तैयारी कब होगी?