नोएडा एयरपोर्ट : मई के अंत तक विस्थापित लोगों को बसाने का काम होगा पूरा, सीईओ ने किया दावा  

Ten News Network

देश में बने रहे एशिया के सबसे बड़े जेवर एयरपोर्ट के कारण विस्थापित लोगों को बसाने के काम ने गति पकड़ ली है। यमुना प्राधिकरण के सीईओ अरुणवीर सिंह का कहना है कि सबकुछ ठीक-ठाक चलता रहा तो मई के आखिर तक बसाने का काम पूरा हो जाएगा।

गौरतलब है इस ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट की वजह से 3076 परिवारों पर असर पड़ा है। जेवर एयरपोर्ट के कारण विस्थापित लोगों को बसाने का काम चरणवद्ध तरीके से चल रहा है। रनवे के लिए जिनकी जमीन गई है, सबसे पहले उन्हें बसाने के लिए टाउनशिप विकसित की जा रही है। विस्थापितों के लिए जेवर बांगर में करीब 49 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहीत की गई है।

इस परियोजना की जद में तीन गांवों के 7 मजरे आए हैं। इसलिए यहां 7 ब्लॉक और सेक्टर विकसित किए जाएंगे। इस टाउनशिप को विकसित करने का काम यमुना अथॉरिटी कर रही है। इसको विकसित करने में करीब 350 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं।  सड़क, नाली व सीवर का काम शुरू यमुना अथॉरिटी जेवर बांगर में विस्थापितों के लिए होने वाले कामों के 10 टेंडर पहले ही निकाल चुकी है।

इसमें से 6 काम अवार्ड करने के साथ शुरू हो गए हैं। चारदीवारी, सड़क, 3 नलकूप, पंपिंग हाउस, मेन लाइन, सीवर-पानी लाइन, नाली, ओवरहेड टैंक, 11 और 33 केवीए क्षमता के बिजली सब-स्टेशन, अंडरग्राउंड एलटी लाइन के साथ सेक्टर-32 में बन रहे 220 केवीए सब-स्टेशन से जेवर बांगर तक 33 केवीए की लाइन बिछाने का काम शामिल है।

जेवर बांगर में अभी सड़क, नाली और सीवर लाइन निर्माण का काम शुरू हो चुका है। मई तक यहां सभी काम पूरे करा लिए जाएंगे। यहां लगभग 50 हेक्टेयर जमीन पर 1775 परिवारों को बसाया जाएगा। विस्थापितों को बसाने के लिए बन रही टाउनशिप में आधारभूत सुविधा दिलाने के लिए सड़क, बिजली, पानी, पार्क, सीवर, सामुदायिक भवन, स्कूल, सामुदायिक स्वास्थ्य केद्र , अस्पताल, खेल का मैदान, श्मशान, कब्रिस्तान के साथ ही धार्मिक स्थल की व्यवस्था भी हो रही है।

सीईओ का कहना है कि हर विस्थापित परिवार को घरेलू सामान शिफ्ट करने के लिए 50 हजार रुपये देने के साथ एक साल तक हरेक विस्थापित किसान परिवार को तीन हजार रुपये प्रतिमाह का भत्ता भी दिया जाएगा।

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