नई दिल्ली (07/01/2019) : उत्तर प्रदेश की माध्यमिक शिक्षा में 87 प्रतिशत की भागीदारी करने वाले वित्तविहीन विद्यालयों के हज़ारों शिक्षकों नें आज राज्य के पूरे 75 जनपदों में मुख्यमंत्री निंदा रैली निकालने के बाद जंतर-मंतर पर केंद्र सरकार को सचेत करने हेतु एक दिवसीय धरने का आयोजन किया।
प्रदेश अध्यक्ष उमेश द्विवेदी ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा इन वित्तविहीन शिक्षकों का मानदेय बन्द किया जाना व 05 सितंबर 2018 को शिक्षक दिवस पर शिक्षिका रेणु मिश्रा द्वारा मुंडन कराए जाने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा अशोभनीय टिप्पणी किये जाने से शिक्षक वर्ग आक्रोशित हैं। यदि समय रहते इन शिक्षकों को समान कार्य का समान वेतन/सम्मानजनक मानदेय नहीं दिया गया तो आगामी लोकसभा चुनाव 2019 में उत्तर प्रदेश का साढ़े तीन लाख वित्तविहीन शिक्षक एवं शिक्षणोत्तर कर्मचारी जो पोलिंग बूथ पर पूरी ज़िम्मेदारी के साथ सरकारों को बनाने का कार्य करता रहा है, अपने 15-20 लाख परिवारिक सदस्यों के साथ प्रत्येक बूथ पर भाजपा को हराने के लिए काम करेगा।
धरना दे रहे शिक्षकों ने सरकार को चुनौती देते हुए 2019 चुनाव से पहले समाधान की मांग की है।
धरना दे रहे शिक्षकों ने सरकार को चुनौती देते हुए 2019 चुनाव से पहले समाधान की मांग की है।
कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष संजय मिश्रा ने कहा कि सरकारी विद्यालयों में अध्यापक न होने से उनमे बच्चे पढ़ने नही जा रहे हैं और वहीं वित्तविहीन विद्यालयों में शिक्षक रोज़ी पाकर रोटी को मोहताज हैं तथा भुखमरी की कगार पर पहुंच गए हैं। सरकार सिर्फ झूठे दावे व घोषणाएं देकर समय का लुत्फ उठा रही है।
धरना दे रहे शिक्षकों ने सरकार को चुनौती देते हुए 2019 चुनाव से पहले समाधान की मांग की है।