रेलवे विभाग में लारजेस स्कीम को बहाल किए जाने और केन्द्र सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों को लेकर कर्मचारियों समेत आवेदकों ने दिल्ली के जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया। वही इस प्रदर्शन में 500 युवा शामिल रहे । साथ ही रेल मंत्रालय और केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की ।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि रेलवे विभाग में लारजेस योजना के तहत रेलवे विभाग में काम करने वाले कर्मचारियों के अपनी इच्छा से सेवानिवृत्त लेने पर उनके परिवार के सदस्य को नौकरी देती थी । इस योजना के तहत सैकड़ो की संख्या में आवेदन पेंडिंग थे व रेलवे विभाग द्वारा इस योजना को 2017 में बंद कर दिया गया। जिसके खिलाफ बहुत से आवेदकों ने सुप्रीम कोर्ट में मार्च 2019 में अपील डाली थी ।
वही इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अप्रैल 2019 को फैसला दिया था जिसमे जिन आवेदकों के आवेदन अक्टूबर 2017 से पहले विचाराधीन है , उनके आवेदन स्वीकार किया जाए । साथ ही तत्काल नौकरी देने का आदेश दिया ।
साथ ही उन्होंने बताया कि वही इस आदेश के बाद जनरल मैनेजर साउथ सेंटर रेलवे तथा नॉर्थ ईस्ट फ्रंटीयर रेलवे ने फैसले की पालना करते हुए अक्टूबर 2017 से पहले के विचाराधीन आवेदनों को कंसीडर करते हुए जॉइनिंग देनी आरंभ कर दी , लेकिन उत्तर रेलवे के जनरल मैनेजर ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले व अपने उच्चाधिकारियों के आदेशों की पालना नहीं की । जिसके कारण विचाराधीन आवेदनों पर अब तक कोई भी निर्णय नहीं लिया गया, जो 2 हफ्ते में नियुक्ति देनी थी।
वही दुसरी तरफ उनका कहना है कि इस प्रदर्शन में शामिल होने के लिए बहुत से राज्य के आवेदक जंतर मंतर पर आए है । अगर हमारी माँगे नही मानी जाती तो ये प्रदर्शन उग्र रूप लेगा । जिसकी जिम्मेदारी केंद्र सरकार की होगी , क्योंकि रेल विभाग के अधिकारियों ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को नही माना ।