जीबीयु के अन्तराष्ट्रीय मेगा वेबिनार का हुआ आग़ाज़

गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय का बौध अध्ययन ऐण्ड सभ्यता संकाय एक तीन दिवसीय अन्तरराष्ट्रीय वेबिनार का आग़ाज़ हुआ। इस वेबिनार का मुख्य विषय ग्लोबल वैल बिंग ऐण्ड द टीनेत्स ऑफ़ अन्सीयेंट इंडियन ट्रेडिसन्स विद रेफरेंस टु बुद्धिस्म (वैश्विक कल्यान एवं प्राचीन भारतीय परम्परा के सिद्धांतों का बौध-धर्म के संदर्भ में) मुख्य विषय के साथ साथ इसमें दस अन्य सहायक विषय वस्तु भी है।

वेबिनार के उद्घाटन सत्र में भारतीय परम्परा और बौध परम्परा के जाने माने देश और विदेश से विद्वानों ने ऑनलाइन भाग लिया और अपने उदबोधन को प्रतिभागियों से साझा किया।

अपने अध्यक्षीय अभिभाषण में जीबीयू के कुलपति ने वेबिनार के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला और यह आशा जतायी कि अगले तीन इस विषय पर चर्चा ही नहीं होगी बल्कि वेबिनार के बाद वेबिनार में हुई चर्चा को रेकोर्ड कर ग्रंथ के रूप में प्रकाशित भी किया जाएगा। प्रो केटीएस सराओ इस कार्यक्रम के किनोट वक्ता थे उन्होंने बौध अन्य भारतीय परम्परा और मानव कल्याण को ध्यान में रखते हुए अपनी बात रखी।

नव नालंदा महाविहर के कुलपति प्रो बैद्यनाथ लाभ जो इस उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि भी थे उन्होंने अपने व्यक्तव्य में इस कार्यक्रम की पुरज़ूर तारीफ़ की और कहा की भारतीय परम्परा जिसमें बौध परम्परा भी शामिल सिर्फ़ वही आज की चुनौती भारी वक़्त में इससे निकलने का रास्ता दिखा सकती है।

दूसरे मुख्य अतिथि जो की वीयट्नाम बुद्धिस्ट विश्वविद्यालय के वाइस रेक़्टोर प्रो थिच नहत टु ने अपने उद्घोषण के द्वारा यह बताया कैसे वीयट्नाम ने बौध सिद्धांतों का पालन करते हुए इस महामारी लगभग अब तक अछूता है या कहें कि इसका ज़्यादा असर नहीं है।

वहीं श्रीलंका के प्रो अभयतिस्सा ने बताया की किस तरह भारतीय बौध परम्परा ने श्रीलंका के सांस्कृतिक उत्थान में अहम् भूमिका भूत में भी निभायी है और आज भी हम इस कोविड से लड़ने में सहायक सिद्ध हो रहा है।

आईबीसी के सचिव डॉ धम्मपिय ने भी इस बात पे ज़ोर दिया की कैसे बौध परम्परा का पालन करते हुए कैसे लोग अपनी जीवन में आइ परेशानियों से कैसे निजात पा सकते हैं। प्रो एसके सिंह ने स्वागत व्याख्यान दिया।

इस वेबिनार के आयोजक सचिव डॉ अरविन्द कुमार सिंह ने बताया कि इस वेबिनार आयोजन में तीन देशों के संस्थान भी सहयोगी की भुमिका में शामील हैं। विदेशी सहयोगी संस्थानों के नाम हैं विएतनाम से विएतनाम बुद्धिस्ट यूनिवर्सिटी, हनोई, म्यान्मार से धम्मदूट चेकिंडा यूनिवर्सिटी, यंगुन एवं श्रीलंका से स्वामी विवेकानंद सांस्कृतिक केंद्र, कोलोंबो।

हमें यह बताते हुये अपार हर्ष हो रहा है कि इस वेबिनार में 14 देशों (भारत, बांग्लादेश, कंबोडिया, मलेशिया, म्यांमार, लाओस, ताइवान, पाकिस्तान, अमेरिका, ब्राजील, थाईलैंड, श्रीलंका, जापान और वियतनाम) से 250 से अधिक प्रतिभागियों ने पंजीकरण किया है जो आने वाले अगले तीन दिनों तक चर्चा करेंगे।

वीयट्नाम मुख्य अतिथि जिनकी एक संस्था है बुद्द्हिस्म टुडे फ़ाउंडेशन है उन्होंने इस वेबिनार में प्रस्तुत की गयी सभी शोध पत्रों को प्रकाशित करने का निर्णय लिया है और इस बात की घोषणा आज उद्घाटन सत्र में किया गया है।


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