गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय ने ऑनलाइन अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया
आज दिनांक 21 जून, 2020 को गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय, ग्रेटर नोएडा, उत्तर प्रदेश में छठा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस वेबिनार के माध्यदम से मनाया गया। इस कार्यक्रम की रूप रेखा विस्तृत रूप से निर्धरित की गयी थी जिसमें जीबीयू के कुलपति प्रो. भगवती प्रकाश शर्मा ने सभी को विश्व योग दिवस अथवा ग्रीष्म अयनांत दिवस की बधाई दी। उन्होंने बताया कि पौराणिक व्याख्यान के आधार पर योग का उद्भव काफी समय पहले से ही हुआ है। योग के आदि गुरु भगवान शंकर को बताया तथा सप्त ऋषि ने आज ही के दिन भगवान शंकर से आग्रह किया था और भगवान शंकर ने उन्हें योग की शिक्षा दी थी। इसलिए अनादिकाल से इस दिन को योग दिवस के रूप में मनाया जाता है। साथ ही उन्होंने इसका श्रेय विश्व के समस्त योग गुरुओं को दिया जो लगभग पिछले 100 वर्षों में योग के बारे में लोगों को जागरूक किया। जिसके फलस्वरूप आज अमेरिका में हर चौथा व्यक्ति तथा यूरोप में हर पांचवां व्यक्ति योग करता है। विश्व के अनेक देशों में योग के संघ बने हुए हैं और भारत की संसद में भी इसको सर्वसम्मति से पारित किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि यूनेस्को को भी योग को अंगीकृत करना चाहिए।
कुलपति महोदय ने बताया कि मनुष्य को काम, क्रोध, लोभ, मोह, द्वेष, अहिंसा, आकर्षण तथा अपरिग्रह आदि दुर्गुणों की ओर ले जाने वाली चित्त वृत्तियों को रोकना ही योग है। उद्बोधन के अंत में उन्होंने योग के यम व नियम के चरणों के बारे में विस्तार से वर्णन किया तथा बताया कि योग के माध्य म से किस प्रकार इस कोरोना काल में मनुष्यह अपने रोगप्रतिरोधक क्षमता को विकसित कर सकता है। इसके उपरांत सभी लोगों ने ऑनलाइन माध्यम से प्रसारित योग का अभ्यास किया। जिसमें जीबीयू परिवार ने प्रतिभाग किया। इस कार्यक्रम का ऑनलाइन प्रदर्शन जीबीयू आईटी विभाग के भूतपूर्व छात्र व योग में गोल्ड मेडलिस्ट मास्टर रवि कुमार जी ने किया।
इस कार्यक्रम की शुरूआत गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के शिक्षा एवं प्रशिक्षण विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. विनोद कुमार शनवाल ने की । तत्पश्चात माननीय कुलपति महोदय का उद्बोधन हुआ और अंत में डॉ. विनोद कुमार शनवाल ने सभी प्रतिभागियों को तथा विशेषरूप से कुलपति महोदय व योगा मास्टर रवि कुमार को विशेष रूप से धन्यवाद ज्ञापन किया डॉ संदीप सिंह राणा और उनकी पूरी टीम को भी धन्यवाद दिया गया तथा सभी के मंगल स्वास्थ्य की कामना करते हुए कार्यक्रम का सफलतापूर्वक समापन किया।