आईटीबीपी में 55वें स्थापना दिवस के अवसर पर पहला डीजी परेड करते जवान
GREATER NOIDA REPORTER LOKESH GOSWAMI
ग्रेटर नोएडा के लखनावली में स्थित कैंप परिसर में आईटीबीपी के जवानों ने 55वें स्थापना दिवस के अवसर पर पहला डीजी परेड का प्रदर्शन किया। जवानों ने एक से बढ़कर एक हैरतंगेज कारनामों का प्रदर्शन कर उपस्थित अधिकारियों को मंत्रमुग्ध कर दिया। परेड में प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत अभियान और योग दिवस की झलक भी देखी गई और कई अधिकारियों को डीजी प्रतीक चिन्ह व प्रशंसा पत्र से भी सम्मानित किया गया। आईटीबीपी के श्वान ‘सोफिया’ को के-9 और अश्व ‘थंडर स्टोर्म’ को एटी मेडल से पहली बार सम्मानित किया गया। इस दौरान आईटीबीपी के डीजी कृष्ण चौधरी ने जवानों के प्रदर्शन को सराहने के साथ साल भर की उपलब्धियों को भी गिनाया। डीजी कृष्ण चौधरी ने कहा कि आईटीबीपी टुकड़ियों ने जनवरी में भारतीय वाषिज्य दूतावास मजार-ए-शरीफ और मार्च में जलालाबाद में हुए फिदायिन हमले को नाकाम किया। नक्सल विरोध ऑपरेशंस में दत्तीसगढ़ में आईटीबीपी की 3 यूनिटें तैनात थी, जो अब 8 हो गई हैं। यहां जवानों ने सराहनीय कार्य किया है। डीजी ने बताया कि आईटीबीपी में महिला टुकड़ियां भारत-चीन सीमा पर स्थित 15 चौकियों पर तैनात हैं। आईटीबीपी के जवानों ने भारत सहित विदेशों में 204 से अधिक चोटियों को सफलता पूर्वक फतह किया और अगले साल नेपाल में स्थित धौलागिरी पर्वत को फतह करने की योजना बनाई जा रही है। उन्होंने बताया कि अरूणांचल प्रदेश में आईटीबीपी के एक पर्वतारोहण अभियान ने माउंट कांटो पर फतह करने के लिए बेस कैंप स्थापित कर दिया गया है। यह पहला मौका है जब कोई भारतीय अभियान बेस कैंप स्थापित किया है। डीजी ने बताया कि आईटीबीपी कैलाश मानसरोवर यात्रियों के लिए लिपुलेख से 18 टीमें और नाथुला दर्रे से 5 टीमों ने 1200 तीर्थ यात्रियों को सुरक्षा, चिकित्सा और संचार की सुविधा मुहैया कराया। इसके चलते 3 जवानों को बहादुरी के लिए राष्ट्रपति पदक पुरस्कार और 7 को बहादुरी के लिए पुलिस पदक प्रदान किया गया।

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