दिल्ली : जामिया के छात्रों का प्रशासन पर आरोप,  हॉस्टल से निकलने के लिए किया गया मजबूर

Rohit Sharma

नई दिल्ली :– दिल्ली में जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों का आरोप है कि प्रशासन उन्हें लॉकडाउन के दौरान हॉस्टल खाली करने के लिए मजबूर कर रहा था. इसी के साथ एक फॉर्म पर हस्ताक्षर करने के लिए भी कहा गया |

हालांकि अभी छात्र कहीं नहीं गए हैं, सभी हॉस्टल में हैं | आपको बता दें जामिया की तरफ से कहा गया था कि दिल्ली सरकार के ट्रांसपोर्ट और ट्रैवल प्रोटोकॉल और अरेंजमेंट के मुताबिक सभी छात्र हॉस्टल खाली कर दें |

कई छात्र लॉकडाउन के कारण अपने घर नहीं जा सके थे और हॉस्टल में ही रुके हुए थे | जामिया के कई छात्रों ने लॉकडाउन से ठीक पहले विश्वविद्यालय छोड़ दिया था , वहीं कुछ ने जामिया में वापस रहने का फैसला किया था |

विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने छात्रों से एक फॉर्म पर हस्ताक्षर करने के लिए कहा था, जिसमें लिखा था “मैं घोषणा करता हूं कि मेरे गृहनगर की यात्रा का निर्णय मेरे द्वारा अपनी जिम्मेदारी के अनुसार और गृह मंत्रालय के दिशानिर्देशों के अनुसार लिया गया है |

जबकि गृह मंत्रालय के दिशानिर्देश कहते हैं, “फंसे हुए छात्रों को शर्तों के साथ स्थानांतरित करने की अनुमति दी जाएगी” मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने मार्च में कहा था कि लॉकडाउन शुरू होने के बाद जो छात्र हॉस्टल में वापस आ गए थे, उन्हें अपने हॉस्टल में रहने की अनुमति दी जानी चाहिए |

विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार, एपी सिद्दीकी ने शुक्रवार को एक आदेश भी जारी किया, जिसमें कहा गया था, “हॉस्टल में फंसे छात्र जो पहले अपने घरों में वापस नहीं जा सकते थे और वापस आ गए थे, उन्हें परिवहन और यात्रा की व्यवस्था के अनुसार हॉस्टल खाली करने का निर्देश दिया गया था |

विश्वविद्यालय की निकटता वाले क्षेत्रों को हॉटस्पॉट घोषित किया जा रहा है. ऐसे में भविष्य में कई जरूरतें पूरी करने में दिक्कत आ सकती हैं. इसके अलावा हॉस्टल के मेंटेनेंस और क्वारनटीन सुविधाओं के लिए भी इसे खाली कराना जरूरी है |

इसलिए, हॉस्टल को पूरी तरह से खाली किए जाने का निर्देश दिया था. ये निर्देश लड़कों और लड़कियों के दोनों हॉस्टल्स पर लागू होना था. हालांकि छात्रों ने फॉर्म पर हस्ताक्षर करने और छुट्टी देने से इनकार कर दिया था |

“गर्ल्स हॉस्टल में लगभग 30 छात्राओं को हॉस्टल से घर लौटने को लिए कहा गया था, लेकिन सभी ने फॉर्म पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया था. छात्रों ने कहा, हमें हॉस्टल छोड़ने के लिए मजबूर किया जा रहा था |

हॉस्टल में रहने वाले एक छात्र ने कहा, हम हॉस्टल के अंदर रह रहे हैं, हम बिल्कुल भी बाहर नहीं निकल रहे हैं, ऐसे में हमें वायरस के डर से क्यों हॉस्टल से निकलने के लिए कहा जा रहा था, हमें मजबूर करने का क्या मतलब है?


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