दिल्ली की अवैध कॉलोनियों को लेकर केंद्रीय कैबिनेट ने आज बड़ा फैसला लिया है। कैबिनेट ने 11 साल से लंबित अवैध कॉलोनियों को नियमित करने का फैसला लिया है। केंद्र के इस फैसले का अवैध कॉलोनियों में रहने वाले लाखों लोगों को सीधा फायदा मिलेगा।
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने आज प्रेस कांफ्रेंस में इसकी जानकारी देते हुए कहा कि कैबिनेट ने दिल्ली की अवैध कॉलोनियों में रहने वाले 40-50 लाख लोगों को ध्यान में रखते हुए ऐतिहासिक फैसला लिया है।
प्रेस कांफ्रेंस में केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पूरी ने दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि दिल्ली सरकार ने इन कॉलोनियों को चिन्हित कर इनपर काम करने के लिए साल 2021 तक का समय मांगा था। केंद्र ने उनके लचर रवैये को देखते हुए खुद ही इन कॉलोनियों को नियमित करने को लेकर निर्णय लिया।
उन्होंने कहा कि अनियमित कॉलोनियों में रहने वाली आबादी को तमाम तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वहां रहने वाले लोग मूलभूत सुविधाओं से भी वंचित हैं, इसलिए केंद्र ने वहां रहने वाले लोगों को मालिकाना हक देने का फैसला लिया है। इससे वो लोग अपनी जमीन की खरीद-बिक्री से लेकर लोन तक लेने के योग्य हो जाएंगे।
इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि चूंकि इन कॉलोनियों में रहने वाले लोग निम्न आय वर्ग से ताल्लुक रखते हैं इसलिए उनके सालाना आय के आधार पर ही उनकी जमीन के रेट तय किए जाएंगे।
रेट तय करने में यह भी देखा जाएगा कि जिस जमीन की डील हो रही है वहां का वर्तमान सर्कल रेट कितना है। उन्होंने कहा कि नियमित करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा 1797 कॉलोनियां चिन्हित की गईं हैं। इनमें वन विभाग की जमीन, संरक्षित भूमि और 69 अन्य चिन्हित कॉलोनियों को शामिल नहीं किया गया है।
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