दिल्ली में डॉक्टरों को वेतन न मिलने पर केजरीवाल का बयान, दिया पूरा पैसा, पैसे कहां खर्च करती है एमसीडी
ROHIT SHARMA
नई दिल्ली :– दिल्ली नगर निगम की ओर से संचालित अस्पतालों के मेडिकल स्टाफ को सैलरी न मिलने के मामले में आरोप प्रत्यारोप शुरू हो गए है , वही इस मामले में अब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का बयान आया है ।
आपको बता दें कि हिंदूराव हॉस्पिटल समेत कई अस्पतालों के डॉक्टर हड़ताल पर हैं। डॉक्टरों की हड़ताल पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि यह हमारे लिए शर्म की बात है , केजरीवाल ने निगम से कई सवाल भी पूछे।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि नगर निगम के डॉक्टर हड़ताल पर बैठे हैं, उन्हें सैलरी नहीं मिली है. ये हम सब के लिए शर्म से डूबने वाली बात है. जिन डॉक्टर ने कोरोना में जान की बाजी लगाई, उनको सैलरी न मिलना गलत है. ये मामला संवेदनशील है. इस मुद्दे पर राजनीति नहीं होनी चाहिए और डॉक्टर्स को सैलरी मिलनी चाहिए।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि नगर निगम में बार-बार सैलरी देने के लाले पड़ जाते हैं. ये सोचना पड़ेगा कि नगर निगम में पैसे की कमी क्यों हो रही है? मैंने वित्त मंत्री और अधिकारियों से पूछा कि पैसा कहां गया? संविधान में लिखा है कि जितना पैसा आया उससे ज्यादा ही नगर निगम को दिया गया।
सीएम अरविंद केजरीवाल का कहना है कि 2013 और 2014 से दोगुने पैसे केजरीवाल सरकार ने नगर निगम को दिए तो वो पैसे कहां गए? नगर निगम के पैसे कहां जा रहे हैं? टीचर्स, सफाई कर्मचारी और डॉक्टर्स को सैलरी क्यों नहीं दे पाए? नगर निगम को दिल्ली सरकार का 3800 करोड़ रुपया लौटना है. जल बोर्ड का भी निगम को 3000 करोड़ लौटना है।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि केंद्र सरकार देशभर के नगर निगम को ग्रांट देती है. 485 रूपए प्रति व्यक्ति के हिसाब से. पूरे देश में दिल्ली को ग्रांट नहीं मिल रही है, जबकि जनसंख्या सवा 2 करोड़ है. पिछले 10 साल से 12 हजार करोड़ रुपए केंद्र ने निगम को ग्रांट नहीं दिया, जो गलत बात है. निगम के लोगों से हाथ जोड़कर निवेदन है कि निगम को ढंग से चला लो।