नई दिल्ली :– एमडीएच ग्रुप के मालिक महाशय धर्मपाल गुलाटी का निधन हो गया है | उन्होंने माता चन्नन देवी हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली, 98 वर्षीय महाशय धर्मपाल बीमारी के चलते पिछले कई दिनों से माता चन्नन हॉस्पिटल में एडमिट थे. महाशय धर्मपाल के निधन पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दुख जाहिर किया |
महाशय धर्मपाल के निधन पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, ‘भारत के प्रतिष्ठित कारोबारियों में से एक महाशय धर्मपालजी के निधन से मुझे दुःख की अनुभूति हुई है. छोटे व्यवसाय से शुरू करने बावजूद उन्होंने अपनी एक पहचान बनाई. वे सामाजिक कार्यों में काफी सक्रिय थे और अंतिम समय तक सक्रिय रहे. मैं उनके परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं |
आपको बता दे की महाशय धर्मपाल का जन्म 27 मार्च, 1923 को सियालकोट ( जो अब पाकिस्तान में है) में हुआ था. साल 1933 में, उन्होंने 5वीं कक्षा की पढ़ाई पूरी करने से पहले ही स्कूल छोड़ दी थी. साल 1937 में, उन्होंने अपने पिता की मदद से व्यापार शुरू किया और उसके बाद साबुन, बढ़ई, कपड़ा, हार्डवेयर, चावल का व्यापार किया |
हालांकि महाशय धर्मपाल गुलाटी लंबे वक्त ये काम नहीं कर सके और उन्होंने अपने पिता के साथ व्यापार शुरू कर दिया। उन्होंने अपने पिता की ‘महेशियां दी हट्टी’ के नाम की दुकान में काम करना शुरू कर दिया। इसे देगी मिर्च वाले के नाम से जाना जाता था। भारत-पाकिस्तान विभाजन के बाद वे दिल्ली आ गए और 27 सितंबर 1947 को उनके पास केवल 1500 रुपये थे।
इस पैसों से महाशय धर्मपाल गुलाटी ने 650 रुपये में एक तांगा खरीदा और नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से कुतुब रोड के बीच तांगा चलाया। कुछ दिनों बाद उन्होंने तांगा भाई को दे दिया और करोलबाग की अजमल खां रोड पर ही एक छोटी सी दुकान लगाकर मसाले बेचना शुरू किया। मसाले का कारोबार चल निकला और एमडीएच ब्रांड की नींव पड़ गई।
व्यापार के साथ ही उन्होंने कई ऐसे काम भी किए हैं, जो समाज के लिए काफी मददगार साबित हुए। इसमें अस्पताल, स्कूल आदि बनवाना आदि शामिल है। उन्होंने अभी तक कई स्कूल और विद्यालय खोले हैं। वे अभी तक 20 से ज्यादा स्कूल खोल चुके हैं।
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