एक्रेडिटेड पत्रकार संघ की मांग, कोविड के दौरान जान गवाने वाले पत्रकारों को दिया जाये 50 लाख से 1 करोड़ तक का मुआवजा

Ten News Network

एक्रेडिटेड पत्रकार एसोसिएशन ने राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर महामारी प्रभावित पत्रकारों और उनके परिवारों के अधिकारों को सुनिश्चित करने की मांग को पुरज़ोर तरीक़े से उठाया। दिल्ली के प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में आयोजित एक प्रेस गोष्ठी में, ‘AJA’ की सक्रिय संस्था ने केंद्र और राज्य सरकार से उन कोविड योद्धा पत्रकारों के परिवारों की देखभाल करने की मांग की, जिन्होंने अपनी ड्यूटी के दौरान अपनी जान गंवा दी।

इस मौके पर वरिष्ठ पत्रकार और दिल्ली सरकार में मंत्री रहे रमाकांत गोस्वामी ने कहा की कोविड का विनाशकारी प्रभाव शीर्ष मीडिया घरानों में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। कई पत्रकारों ने अपनी नौकरी खो दी है और अपने पेशेवर कौशल के अलावा कुछ और चुना है। लेकिन छोटे मीडिया प्रकाशनों पर ज्यादा ध्यान नहीं जाता है। सरकार के लिए यह देखने और पत्रकारों के परिवारों को मुआवजा देने का समय आ गया है।

एक्रिडिटेड जर्नलिस्ट एसोसिएशन (आर) के अध्यक्ष विजयशंकर चतुर्वेदी ने अपने संबोधन में कहा की कई कोविड योद्धा पत्रकारों ने कोविड और लॉकडाउन पर अपनी रिपोर्ट के चलते अपने जीवन से हाथ धोया। यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि उनके बलिदान के बावजूद उनके परिवारों को रोजी-रोटी के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। हम मांग करते हैं कि सरकार मृतक कोविड योद्धा पत्रकारों के परिवारों को 50 लाख से 1 करोड़ का मुआवजा दे। यह उनके परिवारों को भारी नुकसान के प्रभाव से निपटने में मदद करेगा।

प्रेस क्लब ऑफ इंडिया के अध्यक्ष उमाकांत लखेरा ने अपने संबोधन में कहा की क्षेत्रीय और स्थानीय समाचार पत्र और स्ट्रिंगर देश के शीर्ष मीडिया घरानों की रीढ़ हैं। महामारी ने उनके पेशे, अंततः उनकी आजीविका को प्रभावित किया है। पत्रकारिता के प्रहरी के रूप में हम सामूहिक रूप से मानते हैं कि हर किसी को उन लोगों के समर्थन में आगे आना चाहिए जिन्होंने हमें कोरोना वायरस पर स्वास्थ्य संबंधी हर जानकारी के बारे में बताया। हम मांग करते हैं कि महामारी से मरने वाले 60 वर्ष की आयु से ज़्यादा के पत्रकारों के परिवारों को हर महीने 25000 रुपये की पेंशन राशि मुआवज़ा के तौर पर दी जानी चाहिए।

शिक्षाविद् मनोज कुमार शर्मा ने कहा की मैं सभी राज्य सरकारों, केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्र सरकार से पत्रकारों के लिए समूह बीमा योजना लागू करने का आग्रह करता हूं। प्रेस के निकायों को डॉक्टरों की तरह ‘कोविड योद्धाओं’ की श्रेणी में शामिल करने के लिए सरकारों को मदद तथा समान लाभ प्रदान करना चाहिए और उन सभी पत्रकारों के परिजनों को तत्काल वित्तीय सहायता प्रदान करनी चाहिए जिनकी कोरोना के कारण मृत्यु हो गई।


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