नियम विरुद्ध जुर्माना और टैक्स वसूल रहा जीएसटी विभाग : एडवोकेट अतुल्य शर्मा

ROHIT SHARMA / ASHISH KEDIA

Galgotias Ad

(19/03/18) नोएडा :—

उत्तर प्रदेश में जीएटी विभाग नियम विरुद्ध माल के परिवहन पर अर्थदंड और टैक्स की वसूली कर रहा है। यूपी में जीएसटी एक्ट के तहत दिनांक 10 फरवरी-2018 से माल के परिवहन के लिए लागू किए गए ई-वे बिल 01 और 02 आदि वैध नहीं हैं। इस नियम के तहत अर्थदंड और टैक्स की वसूली भी अवैध है।

टैक्स एडवोकेट अतुल्य शर्मा ने आयोजित प्रेस कान्फ्रेंस में यह जानकारी देते हुए  बताया कि देश में एक जुलाई-2017 को जीएसटी एक्ट लागू किया गया था। उत्तर प्रदेश सरकार ने 21 जुलाई को एक अधिसूचना जारी कर प्रदेश में 50 हजार रुपये से अधिक के माल के परिवहन के लिए ई-वे बिल 01, 02 आदि का प्रावधान किया था। इसकी वैधता 31 जनवरी-2018 तक तय की गई थी। इस बीच सरकार ने 30 और 31 जनवरी-2018 को दो अधिसूचनाएं जारी कर जीएसटी के तहत माल के परिवहन में होने वाले ई-वे बिल के नियमों में संशोधन कर दिया था। इसके तहत 01 फरवरी जीएसटी के कॉमन पोर्टल से ही ई-वे बिल फार्म डाउनलोड कर उसे माल के साथ ले जाने का प्रावधान किया गया। लेकिन, एक फरवरी को जीएसटी का पोर्टल ही क्रैश हो गया।
एडवोकेट अतुल्य शर्मा ने बताया कि 6 फरवरी को सरकार ने एक अन्य  अधिसूचना जारी कर 30 जनवरी-2018 को जारी अधिसूचना को रद्द कर दिया और यह मान लिया कि 21 जुलाई-2017 को जारी नियम ही अस्तित्व में आ गया। इसे 9 फरवरी की रात से लागू किया गया। उन्होंने बताया कि सरकार ने 31 जनवरी-2018 को जारी अधिसूचना को रद्द नहीं किया। इसलिए नियमानुसार वह अभी अस्तित्व में माना जाएगा।
वर्तमान में उपलब्ध नियम-138 के अनुसार ई-वे बिल फार्म जीएसटी ईडब्ल्यूबी-01 में कॉमन पोर्टल पर नियम में किए गए प्राविधान के अनुसार जनरेट किया जाना है। ऐसी स्थिति में प्रदेश सरकार द्वारा 21 जुलाई-2017 को जारी अधिसूचना  के अनुसार ई-वे बिल 01 और 02 आदि को दिनांक 10 फरवरी-2018 से लागू करने का अधिकार नहीं है। इसके बावजूद प्रदेश सरकार ने 9-10 फरवरी-2018 की मध्य रात्रि से ई-वे बिल-01, 02, 03, टीडीएफ-01 और 02 लागू कर दिए। इसलिए 10 फरवरी से प्रदेश में माल के परिवहन के लिए लागू किए गए ई-वे बिल-01 और 02 आदि वैध नहीं हैं। इसके अभाव में अर्थदंड और टैक्स की वसूली भी पूरी तरह से अवैध है।
Leave A Reply

Your email address will not be published.