कमिश्नर प्रणालीः नोएडा में टूटेगा संगठित अपराध का नेटवर्क तो जगमगाएंगे उद्योग

ROHIT SHARMA

Galgotias Ad

गौतमबुद्ध नगर में संगठित अपराध के चलते उद्योगपतियों में डर का माहौल देखा गया है। जिले के कुछ बड़े गिरोह में कंपनियों के ठेके कब्जाने को लेकर प्रतिद्वंदिता चलती रही है। ये गिरोह ठेके कब्जाने के लिए कई बार वारदात करते रहे हैं। इसके अलावा कई बार रंगदारी के मामले भी सामने आए हैं। कमिश्नर प्रणाली के लिए संगठित अपराध को खत्म करना बड़ी चुनौती होगी। अगर संगठित अपराध पर लगाम लगती है तो यहां नए उद्योगों और निवेश के लिए बेहतर माहौल बनेगा।

वही इस मामले में टेन न्यूज़ ने एनईए के अध्यक्ष विपीन मल्हन से खास बातचीत की , उन्होंने कहा की कमिश्नर प्रणाली लागु होने से उद्यमी काफी सरक्षित रहेंगे | साथ ही उन्होंने कहा की कमिश्नर प्रणाली लागु से हर जिले में कानून व्यवस्था ठीक रहेगी |

साथ ही ग्रेटर नोएडा के अग्नि संस्था के अध्यक्ष आदित्य घिल्डियाल का कहना है की इस कमिश्नर प्रणाली को लेकर पहले भी सीएम से बातचीत करके हमने माँग की थी , ये अब लागु हुई है , जो यहाँ के निवासियों के लिए सही है | कानून व्यवस्था गौतमबुद्ध नगर में सही रहेगी |

दअरसल, नोएडा, ग्रेनो और यमुना प्राधिकरण क्षेत्र की पहचान औद्योगिक क्षेत्र के रूप में रही है। एनसीआर के केंद्र में होने के कारण कारोबारियों को यहां की लोकेशन खूब रास आती है। जेवर में अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट  का निर्माण होना है। इसके चलते यहां उद्योगों की भविष्य में काफी संभावनाएं हैं। वहीं, गौतमबुद्ध नगर के रणदीप भाटी, सुंदर भाटी और अनिल दुजाना ये तीन बड़े गिरोह पिछले कई वर्षों से संगठित अपराध को अंजाम देकर पुलिस के सामने चुनौती पेश करते रहे हैं। इन तीनों गिरोह में आपसी प्रतिद्वंद्विता भी है।

जिसके चलते ये गिरोह एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ में भी कई बार अपराध करते रहे हैं। इनमें कई बार गैंगवार भी हुई है। हालांकि पिछले कुछ सालों से तीनों गिरोह का मकसद कम से कम जोखिम उठाकर अधिक से अधिक धनोपार्जन करना है। इसलिए ये गिरोह जिले में संचालित कंपनी, फैक्ट्रियों के मालिक आदि पर दबाव बनाकर ठेके कब्जाने और रंगदारी में लिप्त रहे हैं। यहां की निर्माणाधीन साइट पर जाने वाले सरिये को लूटने में भी इन गिरोह का हाथ सामने आया है। इसके अलावा टोल आदि के ठेके भी ये गिरोह कब्जाते रहे हैं।

ठेके आदि कब्जाने के लिए अक्सर गिरोह के बदमाश दहशत फैलाने के लिए फायरिंग व हत्या करते हैं। गत वर्ष निर्माणाधीन मोबाइल कंपनी के गेट पर बदमाशों ने दो बार फायरिंग की। इसमें दो सुरक्षाकर्मियों की मौत हो चुकी है। इनमें एक सुरक्षाकर्मी की मौत का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। इसमें एक गिरोह के कई बदमाशों पर पुलिस-प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई की। लेकिन दूसरे सुरक्षाकर्मी की हत्या का अब तक खुलासा नहीं हुआ है।

ये भी हैं चुनौतियां चुनौती नंबर – 1
गौरव चंदेल ब्लाइंड मर्डर का खुलासा
6 जनवरी को गुरुग्राम की कंपनी से लौटने के दौरान गौड़ सिटी-1 निवासी सेल्स मैनेजर गौरव चंदेल की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। बदमाशों ने गौरव की कार, लैपटॉप और मोबाइल भी लूट लिया था। वारदात के बाद ग्रेनो वेस्ट के लोगों में आक्रोश है। लगातार धरना प्रदर्शन हो रहे हैं। प्रदेश सरकार ने गौरव चंदेल के परिवार को 20 लाख रुपये की आर्थिक मदद की है। लेकिन सात दिन बाद भी पुलिस गौरव के हत्यारोपियों व लूटी गई कार, मोबाइल व लैपटॉप का सुराग नहीं लगा पाई है। इस घटना में पुलिस पर लापरवाही के भी गंभीर आरोप लगे हैं। इस वारदात का खुलासा कमिश्नर प्रणाली की पहली चुनौती है।

चुनौती नंबर – 2
साइबर अपराध पर अंकुश
जिले में फर्जी कॉल सेंटर की भरमार है। यहां बैठकर साइबर ठग देश-विदेश के लोगों को ठगी करते हैं। कई बार पुलिस ने फर्जी कॉल सेंटरों का खुलासा किया है। लेकिन इसके बावजूद लगातार साइबर अपराध के मामले सामने आ रहे हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि जितनी तेजी से यहां साइबर अपराध बढ़ रहें हैं, उनका खुलासा उतनी ही सुस्ती से हो रहा है। साइबर अपराध पर अंकुश और अपराधियों का खुलासा भी कमिश्नर प्रणाली के लिए बड़ी चुनौती होगी।

चुनौती – 3
भौगोलिक स्थिति का लाभ उठाने वाले अपराधियों पर लगाम
गौतमबुद्ध नगर में रास्ते में लूटपाट कर फरार होने के मामले अक्सर सामने आते रहते हैं। यहां चारों और खुले रास्ते हैं, जिन पर बैरिकेड लगाने से कोई लाभ नहीं होता। बदमाश सेक्टरों के रोड व सर्विस रोड का इस्तेमाल कर फरार हो जाते हैं। अक्सर बाइक व कार सवार यहां राहगीरों से लूटपाट करते हैं। लिफ्ट देकर लूटपाट, कार लूटने व रेकी करने वाले बदमाश भी ऐसे हालातों का लाभ उठाते हैं।

चुनौती -4
यातायात व्यवस्था में सुधार
गौतमबुद्ध नगर में यातायात व्यवस्था में सुधार भी कड़ी चुनौती है। यहां कई स्थानों पर जाम लगता है। यहां तक की परी चौक को भी जाम से कई प्रयास के बावजूद मुक्ति नहीं मिल पाई है। वहीं, यातायात नियम तोड़ने वालों की भी भरमार है।

ये नए काम जल्द होने की उम्मीद
– सीसीसीटी से लैस होंगे मुख्य मार्ग व चौराहे
– दिल्ली जैसी हो सकती है यातायात व्यवस्था
– अनसुलझी वारदात के खुलासे में आएगी तेजी
– प्रदेश के सबसे बड़े फर्जीवाड़े के फरार आरोपियों की गिरफ्तारी

Leave A Reply

Your email address will not be published.