सुप्रीम कोर्ट की महिला वकील की हत्या का नोएडा पुलिस ने किया पर्दाफाश, मामला जान रह जाएंगे दंग
ABHISHEK SHARMA/ JITENDER PAL- TEN NEWS
नोएडा (02/08/2019) घर में रखी करीब 3 करोड़ रुपये की जूलरी लूटने के लिए नौकरानी ने अपने कथित पति के साथ मिलकर सुप्रीम कोर्ट की महिला वकील की हत्या कर दी थी। करीब तीन महीने पहले महिला वकील के यहां नौकरी कर चुके पति-पत्नी से ही आरोपितों को घर में रखी जूलरी के बारे में जानकारी मिली थी।
जिसके बाद ये लोग साजिश के तहत वकील के यहां नौकरी करने आए थे। दोनों पति-पत्नी नहीं थे, बावजूद इसके उन्होंने वकील को दंपती होने की बात बताई थी। करीब एक हफ्ते रेकी करने के बाद आरोपितों ने 1 जुलाई को महिला वकील को नींद की गोलियां देकर वारदात को अंजाम देने की कोशिश की थी, लेकिन उनके बेहोश न होने पर दोनों ने मुंह दबाकर उनकी हत्या कर दी थी।
इसके बाद घर में लूटपाट करके वकील की होंडा सिटी कार लेकर भाग गए थे। पुलिस ने इस मामले में 5 लोगों को गिरफ्तार किया है। जिनमें एक नाबालिग लड़की भी शामिल है।
एसएसपी वैभव कृष्ण ने बताया कि सेक्टर-31 निवासी वकील कुलजीत कौर के घर में तीन महीने पहले नेपाल का रहने वाला ललित उर्फ चंद्रप्रकाश पत्नी रीता के साथ घरेलू नौकर के रूप में काम करता था। उसका परिवार महिला वकील के घर में बने सर्वेंट क्वॉर्टर में रहता था। इन लोगों के यहां नेपाल का रहने वाला धनबहादुर उर्फ संजू शाही भी आता रहता था। जिसे रीता ने बताया था कि वकील का कोई वारिस नहीं है और उसके पास ढाई से तीन करोड़ रुपये की जूलरी रखी हुई है।
इसके बाद दोनों पे पूरी प्लानिंग के साथ नौकरी छोड़ दी और गुड़गांव जाकर रहने लगे। वकील के घर दिला दी थी नौकरी : वारदात के करीब एक हफ्ते पहले संजू शाही अपनी दोस्त मनीषा को पत्नी बताकर महिला वकील के घर गया। उसने महज दो हजार रुपये महीने में घरेलू नौकरानी के रूप में मनीषा को वहां काम दिलवा दिया। मनीषा भी नेपाल की रहने वाली है।
इस दौरान संजू भी मनीषा के कमरे में आता जाता रहता था। उसने इस साजिश में अपने परिचित कपिल उर्फ पंडित सत्यनारायण शर्मा को भी शामिल कर लिया, जो नागौर राजस्थान का रहने वाला है। पुलिस का दावा है कि ये लोग पिछले कई साल से देहव्यापार के धंधे में शामिल थे व दिल्ली एनसीआर, हरियाणा, राजस्थान व गुजरात में होटलों में कॉलगर्ल भेजते थे। काम छोड़ने के बाद ललित व रीता लूट की रकम में 25 फीसदी हिस्सा देने की शर्त पर शामिल हो गए थे।