राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने परीकुल को बाल शक्ति पुरस्कार 2020 से नवाजा , पढ़े पूरी खबर 

ROHIT SHARMA

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नई दिल्ली :–  भारत देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शानदार योगदान के लिए तेरह वर्षीय परीकुल भारद्वाज को राष्ट्रीय बाल शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया । प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार दो मुख्य श्रेणियों – बाल शक्ति पुरस्कार और बाल कल्याण पुरस्कार में दिए गए। आपको बता दे कि परीकुल को कल प्रधानमंत्री मोदी भी सम्मानित करेंगे , अवार्ड प्राप्त करने के बाद परीकुल का सजी-धजी ओपन जीप में स्वागत किया गया और सभी लोगों ने माला पहना कर परीकुल का अभिनंदन भी किया !

 

बाल शक्ति पुरस्कार लड़कों और लड़कियों को अन्वेषण, पढ़ाई, खेल-कूद, कला और संस्कृति, सामाजिक सेवा और बहादुरी के क्षेत्रों में शानदार प्रदर्शन के लिए दिए गए। राष्ट्रपति कोविंद ने महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी और अन्य हस्तियों की मौजूदगी में राष्ट्रपति भवन में ये पुरस्कार दिए। सामाजिक सेवा के क्षेत्र में उच्च उक्तांश क्षेत्रों में होने वाली कठिन केदारनाथ धाम की यात्राओं में आए श्रद्धालुओं को चिकित्सा उपलब्ध कराने के उपलक्ष्य में परीकुल भारद्वाज को बाल शक्ति पुरस्कार से नवाजा गया।

परीकुल ने कठिन परिस्थितियों को सामना करते हुए लगातार 45 दिनों तक अपनी सेवाएं दी थीं। परीकुल को सम्मान स्वरूप एक लाख रुपये की राशि, 10 हजार रुपये का बुक वाउचर, मेडल और प्रमाण पत्र प्रदान किया गया।

हौसलों से ऊपर उड़ान उड़ने वाली एक परी..ऊंचे पर्वतों पर किसी की जान बचाने हेतु उन्हें प्रशिक्षण प्राप्त हैं।वे इतनी ऊंचाइयों पर अपनी समाज सेवी गतिविधियों द्वारा समाज हित योगदान देने वाली, लोगों की जान बचाने के लिए कार्य करने वाली  सबसे कम आयु की पहली लड़की हैं। उन्होंने समाज  के प्रति  असाधारण, साहस, बहादुरी, जुनून, समर्पित सेवा भाव और प्रतिबद्धता प्रदर्शित की है।

उनके लिए तीर्थयात्री ही ईश्वर तुल्य हैं जिनकी सेवा ही वे अपना परमधर्म मानती हैं । अतः कहा जा सकता है कि वे इन तीर्थयात्रियों में ही अपने ईश्वर के दर्शन कर उन्हें उस परम शक्ति से जोड़ती हैं ।वे इस कम आयु में ही राष्ट्र के लिए गौरव सिद्घ हुई हैं । उनका इस बचाव कार्य हेतु प्रशिक्षण बहुत ही सख्ती से सिक्स सिग्मा हाई अल्टिट्यूड सेवाओं, आईटीबीपी,एनडीआरएफ,एवं वायु सेना के संयुक्त तत्वाधान में हुआ है।

2 जून 2019 में उच्च शिखरों पर परिकुल भारद्वाज ने 14000 फीट की ऊंचाई पर अचानक बर्फीली हवाओं के चलते हताहत और अचानक बीमार पड़ने वाले पीड़ितों की जान बचाकर ऐसा साहसिक कार्य किया…जिसपर सम्पूर्ण भारतवर्ष को परिकुल पर गर्व है। परिकुल भारद्वाज ने ऐसी अवस्था में सर्वप्रथम त्वरित प्रतिक्रिया दर्शायी और तत्पश्चात उन्हें केदारनाथ स्थित सिक्स सिग्मा के शिविर तक पहुंचाया। उनके लिए तीर्थयात्री ही ईश्वर तुल्य हैं जिनकी सेवा ही वे अपना परमधर्म मानती हैं । अतः कहा जा सकता है कि वे इन तीर्थयात्रियों में ही अपने ईश्वर के दर्शन कर उन्हें उस परम शक्ति से जोड़ती हैं ।

परिकुल के  पिता डॉ प्रदीप भारद्वाज ने कहा कि, परिकूल कम आयु में ही राष्ट्र के लिए गौरव सिद्घ हुई हैं । उनका इस बचाव कार्य हेतु प्रशिक्षण बहुत ही सख्ती से सिक्स सिग्मा हाई अल्टिट्यूड सेवाओं, आईटीबीपी,एनडीआरएफ,एवं वायु सेना के संयुक्त तत्वाधान में हुआ है।

“नेशनल ज्योग्राफिक चैनल” द्वारा भी उनके इस साहसिक एवं निस्वार्थ रूप से किए गए अथक प्रयासों पर प्रकाश डाला गया है । आज समस्त राष्ट्र परिकुल एवम् उनके परिवार को सलाम करता है और उन पर गर्व अनुभव करता है। ध्यातव्य है कि उनके अभिभावक एवं उनके दादा दादी ही सदैव उनके प्रेरणा स्त्रोत रहे हैं।

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