आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह का बयान , दिल्ली अकेला ऐसा राज्य है जहाँ 82 प्रतिशत लोग हुए कोरोना से मुक्त  

ROHIT SHARMA

नई दिल्ली :– देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस के मामलों में लगातार इजाफा देखा जा रहा है | दिल्ली में हर रोज नए कोरोना मरीज सामने आ रहे हैं. इस बीच दिल्ली में कोरोना मरीजों की रिकवरी रेट में भी सुधार नजर आया है , दिल्ली में कोरोना वायरस के अब तक 82.34 फीसदी मरीज ठीक हो चुके हैं |

दिल्ली में पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस के 1652 नए मामले सामने आए हैं. इसके साथ ही दिल्ली में अब तक कुल 1,18,645 मामले सामने आ चुके हैं |  दिल्ली में फिलहाल 17,407 एक्टिव कोरोना वायरस के मरीज हैं |

वहीं दिल्ली में लगातार कोरोना वायरस मरीज ठीक भी हो रहे हैं , पिछले 24 घंटों में 1994 कोरोना वायरस के मरीज ठीक हुए हैं | दिल्ली में अब तक कुल 97,693 मरीज ठीक हो चुके हैं. इसके साथ ही राजधानी में कोरोना रिकवरी रेट बढ़कर 82.34 फीसदी हो चुका है |

वही दिल्ली सरकार लोगों की समस्याओं का निस्तारण भी कर रही है | आपको बता दे की टेन न्यूज़ नेटवर्क के द्वारा शुरू किए गए ” एक खास मुलाकात ” कार्यक्रम में आज आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह शामिल हुए |  टेन न्यूज़ नेटवर्क वेबिनार के माध्यम से लोगों को जागरूक कर रहा है , साथ ही लोगों के मन में चल रहे सवालों के जवाब विशेषज्ञों द्वारा दिए जा रहे हैं। टेन न्यूज़ नेटवर्क ने “एक खास मुलाकात ” कार्यक्रम शुरू किया है , जो टेन न्यूज़ नेटवर्क के यूट्यूब और फेसबुक पर लाइव किया जाता है।

आपको बता दे कि संजय सिंह एक सामाजिक कार्यकर्त्ता और आम आदमी पार्टी की कोर समिति के सदस्य है। इन्होने भारत में भ्रष्टाचार के खिलाफ हुए आंदोलन का नेतृत्व किया था। संजय सिंह का जन्म भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित सुल्तानपुर में हुआ था।

उन्होंने 1990 में उड़ीसा स्कूल ऑफ़ माइनिंग इंजीनियरिंग से खनन अभियांत्रिकी में डिप्लोमा किया था | संजय सिंह ने 1998 में ‘आजाद समाज सेवा समिति’ नाम की एक सामाजिक संगठन कि स्थापना की। यह संगठन सुल्तानपुर के हसनपुर गांव में “शाहिद चंद्रशेखर आजाद बालिका विद्यालय” चलाता है। यह विद्यालय सस्ती फीस पर एवं योग्य गरीब बच्चों के लिए मुफ्त में शिक्षा प्रदान करता है।

टेन न्यूज़ नेटवर्क के द्वारा चलाए जा रहे ” एक खास मुलाकात ” कार्यक्रम में आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि मुझे लगता है कि पढ़ाई की थी , तो यह नहीं सोचा था कि नौकरी ना करके सेवा या राजनीति मैं आऊंगा | एक ऐसा माहौल बनता गया जो में धीरे धीरे समाज सेवा के साथ-साथ राजनीति तक पहुंच गया |

मैं बहुत आंदोलन से जुड़ा हूं , मैंने देखा है कि आखिर लोगों को अपनी सही मांगों के लिए कितना दुख झेलना पड़ता है , कितना आंदोलन करना पड़ता है। उसके बाद भी माँगे पूरी नही हो पाती थी , आज इस मुकाम पर पहुँचने के लिए मेरे परिवार और साथियों का साथ है , आज में राज्यसभा सांसद हूँ ।

संजय सिंह ने कहा कि इस करोना में जो बड़ा संकट आया है , उसे हम सबको स्वीकार करना चाहिए की लॉकडाउन में बहुत बड़ी सँख्या में लोग बेरोजगार हुए है । लोगों को बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ा है । लाखों की सँख्या में गरीब मजदूरों का काम छूट गया , मजदूर पलायन करने लगे , हमारी आम आदमी पार्टी ने इस महामारी में प्रवासी मजदूरों के लिए राशन का इंतजाम किया | दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में हर दिन करीब लाखों लोगों को दोपहर और रात का भोजन उपलब्ध कराया गया। दिल्ली सरकार ने करीब 1592 केंद्रों पर 6 लाख 48 हजार 469 लोगों को दोपहर और 6 लाख 50 हजार 667 लोगों को रात में भोजन दिया।

इसके अलावा सरकार को दिल्ली के विभिन्न इलाकों से भोजन के लिए फोन कॉल्स और अनुरोध भी आ रहे थे । दिल्ली के विभिन्न स्थानों से भोजन के लिए 1040 कॉल और अनुरोध आए। उन सभी लोगों को दिल्ली सरकार ने भोजन उपलब्ध कराया।

दिल्ली सरकार 1 अप्रैल से प्रतिदिन 6 लाख से अधिक लोगों को लंच और डिनर उपलब्ध करा रही है। सरकार के पास प्रतिदिन 10 लाख लोगों को लंच और डिनर कराने की क्षमता रही । मुख्यमंत्री ने 31 मार्च को घोषणा की थी कि दिल्ली सरकार 1 अप्रैल से प्रतिदिन 10 से 12 लाख लोगों को खाना खिलाने की व्यवस्था कर रही है , जो हुआ भी । इसके लिए सरकार करीब 28 सौ केंद्र बनाए और प्रत्येक केंद्र पर प्रतिदिन पांच पांच सौ लोगों के खाने की क्षमता रही |

मुझे लगता है सबसे बड़ी चुनौती लॉकडाउन के दौरान जो कोरोना से लोगों की मृत्यु हो रही थी,  कोरोना संक्रमण से लोग परेशान थे , उनको इलाज की जरूरत थी , उन सबको पूरा करने के लिए हमारी सबसे बड़ी चुनौती थी , जिनको पूरा किया गया । अब दिल्ली में धीरे -धीरे लोग काम पर वापस आ रहे है , लेकिन अभी लोगों के अंदर डर है ।

उन्होंने कहा कि रही अर्थव्यवस्था की बात तो जब व्यापार सही से शुरू हो जाएगा , सभी लोग रोजगार पर वापस आ जाएंगे , तभी अर्थव्यवस्था सही हो पाएगी । अब देखने वाली बात होगी कि कब हालात सामान्य होंगे ।

पहली बात यह है जिसको हमें समझना पड़ेगा कि कोरोना की बीमारी को हमने डील कैसे किया , अगर कोरोना की बीमारी को देखेंगे तो यह हिंदुस्तान मैं पैदा नहीं हुई है , यह विदेशों से आई है और हवाई यात्रा के माध्यम से आई है| मतलब यह है कि दिल्ली और मुंबई में दो बड़े पॉइंट है , जो लोग विदेशो आए हैं | सबसे संवेदनशील जो केंद्र माने गए दिल्ली और मुंबई ही माने गए थे , इनमें सबसे ज्यादा कोरोना से लोग संक्रमित हो सकते हैं , जो हुआ भी |

दिल्ली के अंदर एकदम कोरोना के मरीजों की संख्या मैं उछाल देखने को मिला , जिससे लगता था कि जुलाई अंत तक 5 लाख से अधिक लोग कोरोना से संक्रमित हो जाएंगे , वही हमारी दिल्ली की सरकार ने सिर्फ एक ही फार्मूला अपनाया , वह था सिर्फ टेस्टिंग |

मतलब टेस्टिंग ही एक उपाय है , जो कोरोना को रोक सकता था , जितनी ज्यादा टेस्टिंग होगी , उतना ही कोरोना को रोका जा सकता है , मतलब साफ है किअगर एक व्यक्ति की टेस्ट की रिपोर्ट पॉजिटिव आती है , तो दूसरा व्यक्ति को बचाया जा सकता है , जिससे वह कोरोना से संक्रमित ना हो सके |

वहीं दिल्ली के हमारे अरविंद केजरीवाल ने प्लाज़्मा बैंक की शुरुआत की , जो बहुत बड़ी पहल है | देश में पहली बार हमारे दिल्ली के अंदर प्लाज्मा बैंक खुला , जो लोग कोरोना से संक्रमित थे , वो ठीक होने के बाद प्लाज्मा बैंक आ रहे हैं , अपना ब्लड देने के लिए , जिससे की लोग कोरोना से मुक्त हो सकें | आज दिल्ली के अंदर 82% से ज्यादा लोग कोरोना से मुक्त हो चुके हैं , वजह सिर्फ यह है कि दिल्ली के अंदर ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग हो रही है।

आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि दिल्ली सरकार बाजारों को खोलने समेत दिल्ली की जनता के लिए जो अहम फैसले लिए हैं, वह जनजीवन को दोबारा से पटरी पर लाने के लिए एक सही कदम था | अर्थव्यवस्था को धीरे-धीरे खोलना ही एकमात्र रास्ता है। उन्होंने कहा कि आज देश के कोने-कोने से एक बड़ी संख्या मजदूरों की ऐसी है, जो इस बीमारी के कारण अपने घर जाना चाहती है।

साथ ही साथ एक बहुत बड़ी संख्या ऐसे गरीब-मजदूर लोगों की भी है, जिनके सामने आज रोजी-रोटी और रोजगार ना होने का संकट है। इसके कारण भी वह लोग अपने घर जाना चाहते हैं।’संजय सिंह ने आगे कहा, ‘इसलिए सरकार को ऐसे लोगों के जनजीवन को पटरी पर लाने के लिए रोजगार के साधन खोलने पड़ेंगे। अर्थ व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए लॉकडाउन को धीरे- धीरे खोलना पड़ा ।


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