परीचौक से जेवर एयरपोर्ट के लिए मेट्रो के साथ रैपिड रेल पर विचार कर रहा यमुना प्राधिकरण
Abhishek Sharma
Greater Noida (07/02/19) : डीएमआरसी ने परीचौक से जेवर एयरपोर्ट तक चलने वाली मेट्रो के सर्वे का काम पूरा कर लिया है। इसकी फंडिंग के लिए यमुना अथॉरिटी ने यूपी मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के पास प्रस्ताव भेजा है। सर्वे के अनुसार इस रूट पर हर रोज 50 हजार लोग सफर करेंगे।
जेवर के पास इंटरनैशनल एयरपोर्ट के निर्माण शुरू करने की प्रक्रिया जल्द शुरू होने वाली है। इसके लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। इसी बीच दिल्ली-एनसीआर के शहरों से जेवर एयरपोर्ट तक यात्रियों को लाने-ले जाने की तैयारी भी तेज हो गई। यह रूट करीब 28.6 किलोमीटर लंबा होगा। मेट्रो के अलावा यात्रियों को परिवहन के दूसरे साधन भी उपलब्ध कराए जाने है। स्टडी में पता चला है कि जेवर एयरपोर्ट से एक साल में 50 लाख यात्री सफर करेंगे।
यमुना अथॉरिटी के सीईओ डॉ़ अरुणवीर सिंह ने बताया कि जेवर में प्रस्तावित एयरपोर्ट कनेक्टिविटी पर हम कई चरणों में काम कर रहे हैं। उसके लिए हमने एक चरण में मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी के लिए राइट्स को स्टडी दी है है। इसी के साथ हम यहाँ पर रैपिड रेल, एलिविटेड रोड इसके लिए जहां पर बनाए जा सकें। जेवर एयरपोर्ट को इंदिरा गाँधी एयरपोर्ट, दिल्ली व उत्तर प्रदेश के कई ज़िलों से कनेक्टिविटी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि परीचौक से जेवर एयरपोर्ट तक मेट्रो बनाने का निर्णय लिया है।
परीचौक से एयरपोर्ट को जोड़ने के लिए पूरे प्रदेश में मेट्रो संचालन के लिए यूपी मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (यूपीएमआरसी) बनाया गया है। इस प्रॉजेक्ट के लिए फंडिंग की व्यवस्था यूपीएमआरसी करेगा। अथॉरिटी ने इसका प्रस्ताव भेज दिया है। जेवर एयरपोर्ट के साथ ही मेट्रो का निर्माण शुरू कराने की तैयारी है। 2023 में प्रस्तावित जेवर एयरपोर्ट से पहली उड़ान भरी जानी है।
उन्होंने कहा कि एयरपोर्ट के आने के क्रम में एक एयरपोर्ट डेडिकेटेड लाइन और सेक्टरों के लिए सामानांतर लाइन बनाने के लिए फिजिबिलिटी रिपोर्ट स्टडी कराई जा रही है, जो लगभग पूरी हो चुकी है। अगले सोमवार तक प्राधिकरण को यह रिपोर्ट प्राप्त हो जाएगी जिसके आधार पर इसे बोर्ड में पेश किया जाएगा, और फिर शासन और प्रशासन को भेजी जाएगी। मेट्रो के लिए मैपिंग, फिजिबिलिटी और सर्वे का काम पूरा हो चुका है।