कोरोना वायरस से युद्ध में जीत का लक्ष्य – सरकारी तंत्र के जज़्बे को सलाम
Pravendra Kumar Singh
Greater Noida (28/03/2020) : पूरी दुनिया में फैली महामारी कोरोना के चलते विकसित देशों में सबसे ज्यादा मौत हुई हैं , जहाँ भारत में कोरोना के स्टेज 3 पर पहुंचने से पहले ही लाकडाउन का फैसला ले लिया गया है। भारत जो कि अभी तक विकासशील देशों की श्रेणी में आता है, फिर भी कोरोना जैसे महामारी से लड़ने में भारत सरकार के काम की तारीफ़ विदेशों में भी हो रही है।
जहाँ तक बात भारत के अंदर देश विरोधी गुटबाज़ी अथवा नाकारात्मक सोच रखनेवालों की है, तो यह कहना गलत नहीं है कि ईरान से वुहान से या इटली से व अन्य देशों से भारतीय सेना व एयर इंडिया के विमानों ने ही भारतियों को अपलिफ्ट किया है। स्क्रीनिंग से लेकर ट्रीटमेंट तक भारतीय सेना के डॉक्टर्स और सरकारी अस्पताल के डॉक्टर्स इस बीमारी से लड़ने में पूरी जी जान के साथ युद्ध स्तर पर लगे हुए हैं।
इसमें कोई संकोच नहीं है इस वायरस से लड़ने में केवल मुट्ठी भर प्राइवेट हॉस्पिटल को छोड़कर अभी तक कोई सामने नहीं आया है। कोरोना वायरस जो संकट है उसमें आम जनता को सरकारी सेवा और प्राइवेट सेवा का फर्क साफ़ नजर आ जाएगा। विदेश से लाकर स्क्रीनिंग से सैंपलिंग तक जांच से पॉजिटिव नेगेटिव पाए जाने तक और बैक स्क्रीनिंग तक 14 दिनों के आइसोलेशन से सरकारी इलाज तक सरकारी तंत्र काम कर रहा है।
भारतीय जनसँख्या घनत्व काफी ज्यादा है, जिसके कारण भारत में संक्रमण का खतरा अधिक है। आज उन सभी लोगों को सलाम करना चाहिए जो लोग कोरोना से आपको बचाने में लगे हुए हैं। ITBP के जवानों के मैडिकल कैम्प्स लगे हुए हैं। सेना ने राजस्थान में 1000 बैड वाला क्वारंटाइन सेंटर बना लिया है। सारे क्वारंटाइन सेंटर सरकार ने ही तैयार किये हैं। गिने चुनों को छोडकर कोई प्राइवेट संस्था सामने नहीं आयी। नोटबंदी के दोरान भी बैंक कर्मचारी काम आये थे, इस बार कोरोना वायरस के समय सरकारी नर्सेस, मेडिकल कर्मचारी काम आ रहे हैं।
लोगों को इस पर आज आत्मंथन करना जरूरी है कि कितने प्राइवेट एयरलाइन सामने आये जिन्होंने पहल की विदेशों से भारतियों को वापस लाने में , जो सरकारी तंत्र को हमेशा से कोसते रहते हैं , कि सरकार कुछ नहीं करती , आज सबके सामने है, कोई छुटपुट प्राइवेट संस्था शके अलावा कोई मदद को सामने नहीं आ रहा। इसलिए भारत के किसी भी निवासी का यह कहना ठीक नहीं होगा की भारत का कुछ नहीं हो सकता।
वहीं अगर बात गौतम बुध नगर की करें, तो यहां युद्ध स्तर पर कोरोना से लड़ने के प्रयास जारी हैं। सरकारी तंत्र यहां पर फैले कोरोना से निपटने के लिए लगातार कार्यरत है। बता दें कि उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा कोरोना से संक्रमित लोग गौतम बुध नगर जिले में मिले हैं। इसके बावजूद जिले का सरकारी तंत्र एकजुट होकर मजबूती से कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है। गौतम बुध नगर के जिलाधिकारी बीएन सिंह, पुलिस आयुक्त आलोक सिंह, सीएमओ डॉ. अनुराग भार्गव, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना प्राधिकरण के अधिकारियों की पूरी टीम इस महामारी को हराने के लिए दिन-रात जक कर रहे है। जहां पर भी कोरोना से संक्रमित व्यक्ति पाए जा रहे हैं, उन जगहों को सील करा कर अच्छी तरह से सैनिटाइज किया जा रहा है। वही यहां पर सरकारी तंत्र के साथ सामाजिक संस्थाएं भी भरपूर सहयोग दे रही हैं। लॉक डाउन में जो लोग दो वक्त की रोटी जुटाने में नाकामयाब हैं, उनको भरपेट खाना खिलाने का जिम्मा गौतम बुध नगर की तमाम सामाजिक संस्थाओं ने उठा लिया है जो कि एक बेहद अच्छी पहल है। सामाजिक संस्थाओं द्वारा लोगों को खाने का राशन भी वितरित किया जा रहा है।