सायो अल्ट्रासोनिक किचन सिंक पहली बार भारत में लॉन्च, सतह से रोग पैदा करने वाले जीवाणु और बैक्टीरिया को साफ करता है

Talib Khan

New Delhi, (4/12/2018): चीन में निर्मित हाईटेक अल्ट्रासोनिक किचन सिंक को पहली बार भारत में मुंबई में एक प्रतिष्ठित कंपनी द्वारा लॉन्‍च किया गया। सायो अल्ट्रासोनिक किचन सिंक में साउंड फ्रीक्‍वेंसी कन्‍वर्जन की आधुनिक अमेरिकन तकनीक का प्रयोग किया गया है, जोकि फलों, सब्जियों, सीफूड आदि की सतह से हानिकारक केमिकल्‍स, पेस्‍टीसाइड, धूल और पैथोजेन्‍स, बैक्‍टीरिया एवं दूसरे जीवित सूक्ष्‍म तत्‍वों सहित अन्‍य सतही अशुद्धताओं को साफ करती है।

सायो एंटरप्राइजेज के निदेशक शिवशंकर कुशवाहा ने कहा, “हमारा अल्ट्रासोनिक किचन सिंक  सर्वश्रेष्ठ तकनीक पर आधारित है और इसे टीयूवी-एसयूडी से मान्यता प्राप्त है। टीयूवी-एसयूडी परीक्षण एवं उत्‍पाद प्रमाणन में विश्‍व अग्रणी है। हमारा यह प्रॉडक्ट उत्तरी अमेरिका और पूर्वी यूरोप में काफी लोकप्रिय है। अब हम इसे भारतीय बाजार में पेश कर रहे हैं। पहले साल में हमारा उद्देश्य भारत में हाईटेक अल्ट्रासोनिक किचन सिंक की 1500 से ज्यादा यूनिट बेचना है।“

हाल ही में स्वास्थ्य रक्षा में जुड़े संगठनों ने कई बार ग्रोसरी स्टोर में उपलब्‍ध फलों और सब्जियों पर मौजूद केमिकल और पेस्टिसाइड्स के हानिकारक प्रभावों के बारे में चेतावनी दी है।

सेलिब्रिटी शेफ कविराज खियालिनी ने कहा, “बढ़ती स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता के साथ फलों का सेवन करना उन लोगों के लिए वरदान साबित होगा, जिन्हें फल पसंद हैं और जो लोग फलों जैसे आड़ू, नेकटेराइन (आड़ू का ही अन्य प्रकार), चेरी, स्ट्राबेरी, अंगूर, रेस्पबेरी, नाशपाती या सेब और सब्जियों, जैसे आलू, शलगम, शिमलामिर्च और सेलरी में पाए जाने वाले बेहतरीन तत्वों का आनंद लेते हैं। इसमें से बहुत से फल और सब्जियों पर कीटनाशकों के अवशेष पाए जाते हैं। यह प्रॉडक्ट आपको खाने की स्वास्थ्य वर्धक चीजों का सेवन करने का विकल्प देंगे।

सायो एंटरप्राइजेज के निदेशक श्री चेन यिन लेन ने कहा, “पिछले साल हमने इस विशिष्‍ट उत्‍पाद के साथ कंपनी के उत्‍पादों की 25 मिलियन अमेरिकी डॉलर की बिक्री की थी, जिससे हमें 70 फीसदी राजस्व मिला था। आज जब भारत तेजी से विकसित अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है, हम ऐसे प्रॉडक्ट की भारत में काफी मांग देख रहे हैं, जो स्वस्थ रहन-सहन को बढ़ावा देने के लिए शानदार लाइफस्टाइल की झलक देती है।”

श्री आनंद तलसानिया, निदेशक, सायो एंटरप्राइजेज ने कहा, “हमारी प्रारंभिक कारोबारी गतिविधियां मुंबई से शुरू होंगी, जिसके तहत पश्चिमी क्षेत्र को कवर किया जाएगा। पहली तिमाही के बाद हम अपना डिस्ट्रिब्यूशन नेटवर्क दक्षिणी क्षेत्र, उत्तरी क्षेत्र और मध्यभारत तक बढ़ाएंगे। हमने सायो अल्ट्रासोनिक किचन सिंक के व्यापार के प्रति लोगों की गहरी दिलचस्पी देखी है। अगले 6 महीनों में हमारा प्रॉडक्टच पूरे भारत में उपलब्ध होगा।”

सायो एंटरप्राइज के डायरेक्टर श्री शिवशंकर कुशवाहा ने कहा, “सिंक के नीचे फिट किए गए अल्ट्रासोनिक ट्रांसड्यूसर्स इलेट्रिक्ल एनर्जी को मैकेनिकल एनर्जी में बदलते हैं, जिससे उनमें कंपन होता है और वह 30 हजार से 40 हजार हर्ट्ज की दर से पानी में उर्जा की तरंगे उत्पन्न करती है। इससे लाखों सूक्ष्म एयर कैविटीज का निर्माण होता है। पानी में वैक्यूम एनर्जी से भरे होने  के कारण इसमें ब्लास्ट एनर्जी बनती है, जो सैकड़ों डिग्री गर्मी और हजारों की संख्या में गर्म माहौल जैसा होती है, इससे सब्जियों या फलों में मौजूद कीटनाशकों के हानिकारक अवशेष, कार्बन, केमिकल, मोम,  कीटाणु,  धूल मिट्टी और रोग पैदा करने वाले हानिकारक बैक्टीरिया शीघ्रता से अलग हो जाते हैं।”

सायो एंटरप्राइजेज के निदेशक श्री एरिक टैन ने कहा, “ग्लोबल लेवल पर किचन सिंक मार्केट का कारोबार 4.76 फीसदी की सालाना सीएजीआर दर से बढ़ रहा है। मौजूदा समय में यह 3 हजार मिलियन डॉलर से अधिक है और 2021 तक अगले 3 साल के दौरान यह कारोबार 3,400 मिलियन डॉलर को पार कर जाएगा। हालांकि इस समय इस उत्‍पाद की बाजार हिस्‍सेदारी बहुत कम है। अगले कुछ सालों में इसके समान अनुपात में बढ़ोतरी होने की संभावना है।

सबसे जरूरी बात यह है कि यह अवशिष्ट रसायन और पेस्टीसाइड्स केवल सादे पानी से नहीं निकल सकते। इसलिए न चाहते हुए ये हमारे मुंह में चले जाते हैं। कीटनाशकों के अवशेष स्वास्थ संबंधी कई गंभीर परेशानियों को जन्‍म दे सकते हैं, जिसमें कैंसर, किडनी और फेफड़े से जुड़े इन्फेक्‍शन, और मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍यायें होती हैं। सायो अल्ट्रासोनिक किचन सिंक स्वस्थ रहन-सहन की दिशा में नये द्वार खोलेगा।

 


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