एक मुलाकात सुप्रसिद्ध मूर्तिकार , पद्म भूषण राम सुतार के साथ

Galgotias Ad

BY ROHIT SHARMA , SR REPORTER

आपके जीवन में जो अधूरे सपने रह गए है उसके बारे में ….
मेरे जीवन में कई मूर्तियाँ है जो बनायीं गयी लेकिन वो किसी न किसी कारण लग नहीं पायी जैसे नेहरू जी ने भाखड़ा बांध पर चम्बल देवी  की मूर्ति लगवाई थी साथ ही नेहरू जी के अनुसार वहाँ एक मजदूरो की 50 फ़ीट ऊँची  मूर्ति भी लगवानी थी लेकिन नेहरू जी के दुनिया से चले जाने के बाद वो मूर्ति नहीं लग सकी, उनके जाने के बाद किसी ने इस तरफ ध्यान नहीं दिया। इस मूर्ति का मॉडल भी हमने तैयार कर लिया था जिसके नीचे सत्यमेव जयते लिखा गया था पंजाब सरकार इस और ध्यान दे तो ये मूर्ति अभी भी वहाँ लग सकती है। साथ ही फ्रीडम पुतला आम आदमी की मुक्ती को दर्शाती है अभी तक ये मूर्ति भी नही लग पायी है   
 PROFILE OF PADMA BHUSHAN RAM SUTAR

अपने जीवन का महात्मा गाँधी जी का  अहम् किस्सा ….
गाँधी जी एक बार हमारे गांव धुळे के पास आये थे वहां विदेशी कपड़ों की होली जलाई जानी थी मेरे पास से भी एक गोल टोपी हुआ करती थी मखमल की  जब लोगों ने कहा की इसे भी जलाना चाहिए तो मैने भी अपनी टोपी आग के हवाले कर दी ,उसके बाद पुरे गांव में गाँधी जी आदर्श फैल गए  किस तरह से लोगों की सेवा करनी चाहिए ,सत्य बोलना चाहिए ,कैसे साफ़ सफाई रखनी चाइये और उन सब का प्रभाव मेरे बचपन पर  भी काफी पड़ा। 

भारत  के  सपने को क्या पीएम मोदी पूरा करंगे ….

मैं मोदी जी से अपेक्षा रखता हूँ की पुरे विश्व में सुख और शांति हो और प्रधान मंत्री जी इसके लिए प्रयास  कर रहे है और आगे भी करते रहेंगे ऐसे उम्मीद है 

महाराष्ट्र में शिवाजी की प्रतिमा के बारे में …..

कई साल से प्रतिमा को लेकर विचार चल रहा था .. वहां की  सरकार में अब मन बनाया है  मेरा  विचार गाँधी जी की प्रतिमा लगाने था लेकिन अब शिवाजी की प्रतिमा लगना तय हुआ है .,यह मूर्ति ब्रांज की होंगी  जिसकी ऊंचाई करीब 400 फ़ीट होगी ,दो साल में यह प्रोजेक्ट पूरा होगा ,22 मंजिल पर एक बेस होगा उस पर शिवाजी की मूर्ति लगाई जायेगी साथ ही 22 मंजिल में पुस्तकालय ,म्यूजियम,कार्यक्रम हॉल जैसी कई चीजें होनी जिससे काफी पर्यटक भी यहाँ आयँगे ,बचपन में  दीपावली   में शिवाजी की मूर्ति बनाता था किताबों को देखकर और अब इस मूर्ति को बनाने का सपना भी पूरा होगा। 

सरदार पटेल की मूर्ति के बारें में …..
 
गुजरात में सरदार सरोवर है वहां सरदार पटेल की मूर्ति लगना तय किया गया ,यह 522 फ़ीट की होगी जो दुनिया से सबसे बड़ी मूर्ति होगी इसे बनाने में अभी 2 साल का वक्त और लगेगा। 

 
सबसे ज्यादा प्रतिमा किस की बनायीं आपने ….
 
सबसे ज्यादा प्रतिमा महात्मा गाँधी की बनाई है अगर पुरे विश्व की बात करें तो करीब 350 मूर्तियां गाँधी जी की बनायीं हैं सबसे ऊंचीं प्रतिमा की बात करें तो पटना में 40 फ़ीट की और बैगलोर में बैठी हुई 23 फ़ीट की मूर्तियां बनाई हैं ,लोगों की इच्छा के मुताबिक ही मूर्तियां बनाता हूँ मैं ,संसद में बनी नेहरू जी मूर्ति भी मैने ही बनाई है 
गरीबी बढ़ती ही जा रही है उस बारे में आपकी क्या राय है 
इस बारे में गाँधी जी बात बताना  चाहूंगा की छुआछूत जैसी चीजों से दूर रहना चाहिए गाँधी जी इसकी खिलाफ रहते थे  ,गाँधी कहते थे की हर किसी को अपने से कमजोर गरीब आदमी की मदद करनी चाहिए, आमिर गरीब की ,हर इंसान अमीर भी होता है और गरीब भी …..  बड़ा देश छोटे देश की मदद करे तो व दिन दूर नहीं जब पुरे विश्व में शांति आ जाएगी 

आपके जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि ….
 
हमारे जीवन में बड़े बड़े लोगों की मूर्तियां  बनाने की कल्पना थी जो एक एक करके पूरी हो गयी। बहुत अच्छा लग रहा है  
 
क्या क्या कठिनाइयां रही आपके शिलोकला की यात्रा में  ….
शुरू से मिटटी से  बनायीं और जैसे जैसे समय मिला लोगों के लिए काम करते रहे पहले छोटी और फिर बड़ी मूर्तियां भी बनायीं  ,अब काफी बड़ी बड़ी मूर्तियां बना रहें हैं 
आपका सक्सेस मंत्र क्या है ….
अगर आपके अंदर कोई गुण या खूबी होती है उसे बहार लोगो को बताना चाहिए  जैसे एक फूल है वो विकसित होता है खिलता है खुसबू आती तो मक्खी  अपने  आप आती है बस अपने गुणों को विकसित करो लोग आपके पास आयँगे और उनका आपके गुण का फायदा उठायंगे और आपकी तारीफ करेंगे 
 
जीवन में रोल मॉडल कौन रहा  …
 
सबसे ज्यादा प्रभाव महात्मा गाँधी का ही रहा जीवन में उसके अलावा विनोवा भावे ,तुकाराम ,रामदास स्वामी है विनोवा जी की तो कुछ मूर्तियां भी बनायीं है 
 
किन किताबों का प्रभाव पड़ा जीवन में ….
 
जब ब्रिटिश लोगो का युद्ध चल रहा था तो भारत के लोग भी उनके मदद को जाया करते थे तो ये लोग वहां से कई तरह की किताबें लाया करते थे जिनमे कई तरह की मूर्तियों  की फोटो हुआ करती थी जहाँ से मूर्तियां बनाने के लिए प्रेरणा मिली 
 नए शिल्पकारों को क्या सन्देश ….
 
अगर आपको कुछ आता है तो उसे लोगों को बाटों उनका कल्याण करो जिसे उनका भी फायदा हो सके लोग फिर आपसे जुड़ेंगे ,दुनिया में आने का मतलब लोगो का भला होना चाइये 
फ़िल्में और संगीत में कैसी रूचि ….
 
मैने  कुछ फिल्मे सन्त तुकराम की देखा करता था इसके अलावा फिल्मो का ज्यादा शौक नहीं रहा ,खेलों में भी जायदा रूचि नहीं भी शास्त्रीय संगीत ही ज्यादा पसंद है 

नैतिक मतदान को लेकर …..
जो आम आदमी के जीवन में सुधार लाने के लिए चुनाव लड़ते है उसी को वोट दे जो अपने स्वार्थ के लिए पैसा कमाने के लिए चुनाव लड़ रहा है उससे बचे ,जो लोगों के लिए काम करते है समाज में  जो अच्छा कार्य करे उसी को वोट देना चाहिए 

 

 

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