किसानों के मुद्दे पर दिल्ली के कृषि मंत्री गोपाल राय का बयान , कहा – केंद्र सरकार जल्द निर्णय ले

ROHIT SHARMA

नई दिल्ली :– दिल्ली सरकार में कैबिनेट मंत्री गोपाल राय ने आज केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री के साथ किसानों के मुद्दे पर बातचीत की। दिल्ली के कृषि मंत्री गोपाल राय ने कहा कि आज केंद्र सरकार ने दिल्ली, हरियाणा और पंजाब के किसानों की बैठक बुलाई थी। गोपाल राय ने कहा कि उन्होंने किसानों की तरफ से केंद्र सरकार के समक्ष तीन प्रमुख बातें रखी। पहला, भाजपा शासित केंद्र सरकार किसानों की आय बढाना चाहती है तो स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक देश में एमएसपी को लागू करे। अभी देश में एमएसपी लागू है, लेकिन स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार नहीं है। इसलिए किसान कम कीमत में फसल बेचने को मजबूर होते हैं।

 

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दूसरा, केंद्र सरकार की किसानों के साथ कल होने वाली बैठक आखरी बैठक हो। केंद्र सरकार को टालमटोल की नीति छोड़ कर अपने तीनों काले कानूनों को वापस ले लेने चाहिए और तीसरा, केंद्र सरकार पराली के समाधान के लिए विकसित किए गए बायो डिकम्पोजर तकनीक को गंभीरता से ले और इसे पूरे देश में लागू किया जाए।

 

गोपाल राय ने दिल्ली और देश के लोगों से अपील करते हुए कहा कि आज किसान संकट में है और कड़ाके की ठंड में ठिठुरने को मजबूर है। कल हम सभी किसानों के भारत बंद में अपने हिस्से का सहयोग दें।

 

 

गोपाल राय ने प्रेस वार्ता करते हुए कहा कि एमएसपी आज भी लागू है लेकिन स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार नहीं है। सबसे बड़ा दुर्भाग्य है कि उस एमएसपी पर भी किसानों की फसल की खरीदारी नहीं होती है। कई राज्यों में आज एमएसपी 1800 रुपए के आसपास है, लेकिन किसानों को 800 से 1200 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से अपनी फसल को बेचने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। इसलिए हमने दोनों केंद्रीय राज्य मंत्रियों के सामने बात उठाई है कि किसानों की मांग है कि एमएसपी के लिए कानून बनाया जाए। मुझे लगता है कि केंद्र सरकार को अगर सचमुच में किसानों की आय में बढ़ोतरी करनी है, तो स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के हिसाब से एमएसपी कानून की देश को सख्त जरूरत है, ताकि पूरे देश का किसान जो आज मजबूरी में अपनी फसल को बेचने के लिए जाता है, उसको निर्धारित एमएसपी पर स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार फसल का दाम मिल सके।

 

हमने केंद्रीय मंत्रियों के सामने बात रखी है कि कल जो वार्ता हो, वह आखरी वार्ता होनी चाहिए। इस वार्ता के ऊपर सरकार निर्णय ले। उन्होंने कहा कि सामान्य समय में वार्ता पर वार्ता कर टालमटोल की स्थिति चल सकती है। जिस तरह से इस समय कड़ाके की ठंड है और उसमें महिला, पुरुष और बच्चे सड़क पर पड़े हैं, तो सरकार गंभीरता और संवेदनशील तरीके से इस पर विचार करे।

 

हमने तीसरी बात बायो डीकंपोजर की केंद्र सरकार के समक्ष रखी है। राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान संस्थान (पूसा) द्वारा पराली को गलाने के लिए बायो डी-कंपोजर की खोज की गई है। केंद्रीय मंत्री इसको गंभीरता से लें और वैज्ञानिकों से विचार कर इसको पूरे देश के अंदर लागू किया जाए।

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