शारदा यूनिवर्सिटी पर लगा 5 हजार छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ का आरोप, सैकड़ों छात्रों ने दिया धरना
Abhishek Sharma
Greater Noida (22/02/19) : ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क स्थित शारदा यूनिवर्सिटी में छात्र-छात्राओं ने गुरुवार को कई कोर्सेज की मान्यता न होने की बात कहकर जमकर हंगामा किया।
छात्र- छात्राओं का आरोप है की शारदा यूनिवर्सिटी प्रबंधन 2009 से छात्रों को फर्जी डिग्री देकर उनका भविष्य खतरे में डाल रहा है। सभी छात्रों को शारदा प्रबंधन डिग्री देने व रजिस्ट्रेशन कराने का झूठा आश्वासन देता आ रहा था।
ऐसा कहा जा रहा है की डीएमएलटी, डीओटीटी, बीपीटी, बीएमएलटी, ऑप्टोमेट्री, बीएनडी, बीसीटी, एमएससी, मास्टर ऑफ फिजियोथेरेपी कोर्सेज की नही है कोई मान्यता। और इस वजह से पास होकर निकलने वाले छात्रों को भी कही नौकरी नहीं मिल पा रही है नौकरी। इन सबके बावजूद पढ़ाई के नाम पर शारदा प्रबंधन 2009 से छात्रों से मोटी फीस वसूल रहा था।
सभी छात्रों को जब पता चला कि उनका रजिस्ट्रेशन नहीं हो पा रहा है तो उन्होंने इसकी शिकायत प्रबंधन से की। इसपर छात्रों को जवाब दिया गया की जल्द ही रजिस्ट्रेशन हो जायेगा। इसके लिए शारदा यूनिवर्सिटी के प्रबंधन के लोग लखनऊ भी गए। उन्होंने छात्रों को बताया कि कुछ समय बाद सभी छात्रों का रजिस्ट्रेशन करा दिया जाएगा।
पर आज मामले के तूल पकड़ने पर यूनिवर्सिटी के गेट पर बैठकर छात्रों ने जमकर नारेबाजी की, सभी छात्र काफी आक्रोशित नजर आए।
बीपीटी थर्ड ईयर के छात्र रोहित नागर ने बताया कि यहां पर पैरामेडिकल के 10 कोर्स चल रहे हैं। उन्होंने बताया कि एडमिशन लेने के बाद उन्हें पता चला कि उनमे से एक भी कोर्स उत्तर प्रदेश की सरकार द्वारा रजिस्टर्ड नहीं हैं। यूनिवर्सिटी से पास होकर गए छात्रों ने जब सरकारी नौकरी के लिए आवेदन किया तो उसमे उन्हें पता चला कि छात्रों की डिग्री फर्जी है। इस यूनिवर्सिटी में चल रहे इन 10 कोर्सों के लिए सरकार ने मान्यता ही नहीं दे रखी है।
रोहित ने कहा कि शारदा यूनिवर्सिटी की टैग लाइन है “वर्ल्ड इज हियर” पर वो ये नहीं बताते की यहां किस तरह का फर्जीवाड़ा चल रहा है।
” ये छात्रों के भविष्य की ओर नहीं देख रहे हैं, शारदा यूनिवर्सिटी के कारण 5 हजार छात्रों का भविष्य खतरे में है। शारदा यूनिवर्सिटी की इस लापरवाही के चलते छात्र कोई भी गलत कदम उठा सकते हैं,” छात्र रोहित नागर ने कहा।
छात्रों ने ये भी कहा कि यूनिवर्सिटी में हर कोर्स के लिए सीट तय की गई हैं। एमबीबीएस के लिए 150 छात्रों की लिमिट है, लेकिन इसमें 168 छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। महंगी फीस वसूलने के चक्कर में यहाँ पर 168 छात्र एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं। छात्रों का आरोप है की पैसों का गोरखधंधा शारदा यूनिवर्सिटी ने चला रखा है। इसके खिलाफ सख्त से सख्त कदम लिया जाना चाहिए।
मामले की सूचना पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के लोग भी शारदा यूनिवर्सिटी के अंदर पहुँच गए और छात्रों के हक़ के लिए अपनी आवाज उठाई। पास होकर निकल चुके छात्र भी यूनिवर्सिटी के खिलाफ धरने प्रदर्शन में मौजूद रहे। छात्रों की नारेबाजी के बीच शारदा प्रबंधन को बातचीत के लिए विवश होना पड़ा। शारदा यूनिवर्सिटी के वीसी, डीन अकैडमिक्स और रजिस्ट्रार ने आपस में चर्चा की। जिसके बाद उन्होंने निर्णय लिया कि 30 जून को 2019 तक के बैच के छात्रों का रजिस्ट्रेशन करा दिया जाएगा। छात्र इस निर्णय से संतुष्ट नहीं हुए और उन्होंने इस फैसले के विरोध में शारदा यूनिवर्सिटी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। छात्रों का कहना है अगर फीस देने में देरी हो जाती है तो यूनिवर्सिटी एक दिन का पांच हजार रूपये जुर्माना वसूलती है। यहाँ पर पढ़ाई के नाम पर बच्चो के भविष्य को लेकर कारोबार किया जा रहा है।

यूनिवर्सिटी के डीन मीडिया के सवालों से बचते आए। उन्होंने बस एक ही रट लगाकर रखी कि ‘नो कमेंट’
छात्रों का कहना है कि जब भी शारदा प्रबंधन से पूछा जाता है की रजिस्ट्रेशन कब तक हो पाएंगे, तो उनकी ओर से हर बार एक ही जवाब आता है कि इसपर कार्रवाई चल रही है। जल्द ही सभी छात्रों का रजिस्ट्रेशन कराया जाएगा। पिछले कई वर्षों से शारदा यूनिवर्सिटी यही बात बोलकर बच्चों को अँधेरे की ओर ले जा रही है।
पहले निर्णय के बाद जब छात्र राजी नहीं हुए तो यूनिवर्सिटी के वाईस चांसलर ने फिर से लेटर लिखकर आश्वाशन दिया कि 30 जून 2019 तक अब तक यहाँ पर पढ़े सभी छात्रों का रजिस्ट्रेशन करा दिए जाएंगे। जिसके बाद छात्र शांत हुए।
एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने कहा कि अगर दिए हुए समय में रजिस्ट्रेशन नहीं कराया गया तो फिर से सभी छात्र मिलकर इससे भी बड़ा धरना प्रदर्शन करेंगे। मौके पर नॉलेज पार्क के थाना प्रभारी अरविन्द पाठक समेत पुलिस बल भी मौजूद रहा।
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