विदेशी पक्षियों के जमावड़े से गुलजार हुआ सूरजपुर वेटलैंड, देखें नज़ारे
Abhishek Sharma / Baidyanath Halder
Greater Noida 09/12/2019) : पक्षियों को उड़ते देखना, उनकी चहचहाहट सुनना हर किसी को पसंद होता है। इन्हें देखकर जीवन में बिना रुके आगे बढ़ते रहने की सीख मिलती है। इनकी चहचहाहट कानों को ही नहीं दिल में भी सुकून घोल देती है। शांति और सकारात्मकता का कुछ ऐसा ही माहौल इस समय सूरजपुर पक्षी विहार का है, जहां मौजूद हजारों की संख्या में साइबेरियन पक्षी इसकी सुंदरता में चार चांद लगा रहे हैं।
ग्रेटर नोएडा की गगनचुंबी इमारतों, मॉल्स व वाहनों के शोर शराबे से दूर जाकर अगर आप सुकून के कुछ पल बिताना चाहते हैं तो फिर सूरजपुर स्थित पक्षी विहार आपकी प्रतीक्षा कर रहा है। यहां जाकर आप न सिर्फ खुद को प्रकृति के करीब महसूस करेंगे बल्कि आपमें सकारात्मक ऊर्जा का भी संचार होगा।
हरियाली के बीच नदी का किनारा, मस्ती में झूमते पेड़ों की डाली, मन को मंत्रमुग्ध कर देने वाली मधुर चहचहाट के साथ पानी में जल क्रीड़ा करते पक्षियों का हुजूम, ऐसे प्राकृतिक नजारे की चाह सभी को होती है। जहां पर मौज मस्ती के साथ घूमते, प्राकृतिक नजारों का आनंद लेते हुए परिवार व दोस्तों के साथ शांति के कुछ पल बिताए जाएं।
पक्षी विहार का नजारा लोगों को खूब रास आ रहा है। 308 हेक्टेयर के विशाल क्षेत्र में फैला पक्षी विहार हरियाली की चादर ओढ़े हुए है। जहां पर 60 हेक्टेयर क्षेत्र में पानी है। लोगों के लिए पूरे क्षेत्र को प्रकृति के साथ बिना छेड़छाड़ किए सुंदर रूप से तैयार किया गया है। लोगों के साथ ही पक्षियों को भी यह नजारा बहुत पसंद आता है।
क्षेत्र में विशेष रूप से ठंड के मौसम में देशी विदेशी पक्षियों का जमावड़ा होता है। पक्षियों के आने का सिलसिला नवंबर से शुरू हो जाता है। ठंड के साथ ही पक्षियों की संख्या तेजी से बढ़ती है। मध्य ठंड में पक्षी विहार में दस हजार से अधिक पक्षियों का बसेरा हो जाता है। पूरे क्षेत्र में जिस ओर नजर जाएगी प्राकृतिक नजारा ही नजर आएगा।
यहां पर आने वाले लोग प्राकृतिक नजारे का आनंद ले सकें, इसके लिए दो स्थानों पर दो मंजिला भवन की ऊंचाई के बराबर वाच टावर बनाया गया है। सुंदरता को समेटे दोनों टावर की अपनी अलग विशेषता है। जहां एक टावर को क्षेत्र में लगे हरे पेड़ों के ऊपर बनाया गया है। वहीं दूसरे टावर को पेड़ों की डाल का रूप देकर बनाया गया है। टावर के ऊपर बैठने के लिए स्थान बनाया गया है। जहां से पूरे क्षेत्र का सुंदर नजारा दिखता है।
पक्षी विहार के सेक्शन ऑफिसर देंवेंद्र सिवाच ने बताया कि विदेशी पक्षियों की सुरक्षा के लिए कर्मचारी दिन में चक्कर लगाते रहते हैं। उन्होंने बताया कि व्यवस्थाओं को अभी और भी दुरुस्त किया जा रहा है। जनवरी मध्य तक आगंतुकों की संख्या और भी बढ़ जाता है। लोगों की इच्छा झील के बीच पहुंचने की होती है। इसे देखते हुए यहां पर झील के बीच तक कंट्रील का पुल बनाया गया है।
यहां बैठने से नदी में पानी पर बैठने का एहसास होता है। यह विशेष सेल्फी प्वाइंट भी है। उन्होंने बताया कि सूरजपुर पक्षी विहार में पूर्वी साइबेरिया, उत्तरी एशिया, रूस व कजाकिस्तान से प्रवासी पक्षी पहुंचे हैं। साइबेरियन वाटर फॉल, सबलस, कॉमन टीन, नार्दन पिंटेल, यूरिशियन बिजन, मलॉड, कॉमन पोचर्ड, ग्रेलैग को आसानी से देखे जा सकते हैं।
पक्षी विहार में पक्षियो के विषय में जानकारी देने के लिए दर्जनों स्थान पर बोर्ड लगाए गए हैं। एक बोर्ड में एक पक्षी की विस्तृत जानकारी दी गई है। इसमें पक्षी की फोटो, उसका आकार, स्वभाव, विशेषता, खाने में उसे क्या पसंद होता है, कैसे स्थानों पर रहते हैं, विशेष रूप से कहां पर पाए जाते हैं, कौन सा मौसम उन्हें अधिक पसंद होता है आदि जानकारी अंकित है। जिन्हें पढ़कर व्यक्ति पक्षियो के विषय में विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकता है।
यहां पर प्रमुख रूप से बड़ा बसंता, किलकिला, गंगा मैना, छोटी सिलही, पनडुब्बी, दहक, सफेद सिरा, नकलनोर, जलपीपी, तार बगला, सफेद बुज्जा, नीलकंड, गुडेरा, भूरा तीतर, करचिया बगुला, जंगल कोतवाल, जग बगला, काला बाजा, चमचा, पन कौवा, पतोरी समेत अन्य सैकड़ों पक्षी अपना बसेरा बनाते हैं।
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